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27 नवंबर 2022

दो परिवारों में लौटी खुशियां, चिरंजीवी योजना में हार्ट के निशुल्क ऑपरेशन कर सुधा अस्पताल ने दिलाई राहत*

 

दो परिवारों में लौटी खुशियां, चिरंजीवी योजना में हार्ट के निशुल्क ऑपरेशन कर सुधा अस्पताल ने दिलाई राहत*
कोटा 27 नवंबर। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से आमजन को काफी राहत मिल रही है। शहर के प्राइवेट अस्पतालों में योजना से मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। दादाबाड़ी निवासी 39 वर्षीय अंशु को हार्ट में प्रॉब्लम थी। पति शंकर लाल उसे तलवंडी स्थित सुधा अस्पताल लाए। यहां जांच में हार्ट के दोनों वाल्व में खराबी निकली, इस ऑपरेशन का खर्च करीब ढाई लाख रूपए आता है। लेकिन परिवार के चिरंजीवी पंजीकृत होने की वजह से ये ऑपरेशन निःशुल्क हो गया। और अब वो स्वस्थ है। ऑपरेशन करने वाले कार्डियक सर्जन डॉ पलकेश अग्रवाल ने बताया कि अंशु के दिल मे एक वाल्व को रिंग डालकर रिपेयर किया गया जबकि दूसरे वॉल्व को रिप्लेस/बदला गया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि इसमें पेशेंट के सीने में सामने की तरह कट लगाकर सीने की हड्डियों को नही काटा गया। क्यंकि इससे महिला के सीने पर निशान रह जाता। ये निशान नजर नही आए इसके लिए दाएं तरफ वाली बगल के नीचे कट लगाकर सर्जरी की गई। इसमें पसली काटने की जरूरत नही पड़ी। इस तरह की सर्जरी का फायदा यह होता है कि इससे पेशेंट की रिकवरी भी जल्दी होती है और सर्जरी के दौरान ब्लड लोस भी कम होता है। खासकर महिलाओं के सीने पर सर्जरी का निशान नही दिखता है। डॉ पलकेश ने बताया कि ऑपरेशन का खर्च 1.35 लाख और इम्प्लांट्स का खर्च 75000 रुपये कुल 2.10 लाख का खर्च चिरंजीवी योजना में बुक किया गया। अंशु के पति शंकर लाल ने बताया कि वे इलेक्ट्रिशियन है ऑपरेशन का इतना खर्च नही उठा सकते थे। योजना में निःशुल्क ऑपरेशन से अब उनके परिवार ने राहत की सांस ली है।
वहीं, सुधा अस्पताल में रविवार को 4 माह के बच्चे आदि को फॉलोअप के लिए लेकर आये भीलवाड़ा के मानपुरा गांव निवासी गोरधन लाल खटीक ने बताया कि उनके दोहिते आदि के दिल मे बड़ा छेद था। उसकी सांसे तेज चल रही थी और तकलीफ के चलते वो माँ का दूध भी नही पी पा रहा था। वे बच्चे को सुधा असप्ताल ले आए यहां सारी जांचों के बाद 8 अक्टूबर को चिरंजीवी योजना में उसका निःशुल्क ऑपरेशन किया गया था। बच्चा अब बिल्कुल स्वस्थ है। ऑपरेशन करने वाले डॉ पलकेश अग्रवाल ने बताया कि जब परिजन बच्चे को अस्पताल लाए तब उसका वजन भी कम 2 किलो 700 ग्राम ही था। लेकिन बच्चे की क्रिटीकल स्थिति को देखते हुए तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी था। अब बच्चे का वजन भी बढ़कर साढ़े तीन किलो हो चुका है और वो बिल्कुल स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन करने वाली टीम में उनके साथ कार्डियलॉजिस्ट डॉ पुरुषोत्तम मित्तल, डॉ प्रवीण कोठारी एवं निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ राकेश मालव तथा अन्य डॉ गायत्री व डॉ नरेश आदि का सहयोग रहा।


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