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29 नवंबर 2022

अक़ाइदे अहलेसुन्नत किश्त 2 *मेहफिले मीलाद*

 

अक़ाइदे अहलेसुन्नत
किश्त 2
*मेहफिले मीलाद*
🔸हजरत अब्बास फरमाते हैं:-एक बार की बात हे कि में रसूले खुदा की खिदमत में था। आप मिम्बर पर तशरीफ़ ले गए और फरमाया-बेशक, मैं मोहम्मद बिन
अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब हूँ। अल्लाह ने अपनी तमाम मखलूक में मुझे बेहतर रखा। फिर मखलूक को दो हिस्सों में (अरब-अजम) में बांट दिया तो मुझे उन
से बेहतरीन (अरब) में रखा। फिर अरबों के कई बना दिए। मुझे उनके बेहतरीन कबीले ( कुरेश) में रखा फिर उन कुरैश के कई घर बना दिये तो मुझे बेहतरीन घर ( बनू हाशिम) में पेदा फ़रमाया। मैं अपनी ज़ात और घर के एतबार से सारी दुनिया में सबसे बेहतर हूँ।
🔸 इसी तरह अपनी पैदाइश का बयान एक और हदीस में फरमाया-लोगों! मैं तुम्हें अपना पहला- पहला हाल बताता हूँ। मैं हज़रत इब्राहीम की दुआ, हजरत ईसा की बशारत और अपनी माँ का वह ख्वाब हूँ जो उन्होंने मेरी पैदाइश के वक्त देखा था। उनके सामने एक नूर ज़ाहिर हुआ जिसकी रोशनी में उन्होंने मुल्के शाम में महलों को भी देख लिया। इन हदीसों में भी वही मज़मून है जो मीलाद शरीफ की मेहफिल में बयान किए जाते हैं। सरकार ने दोनों हदीसें आम मेहफिल में बयान फरमाई ।
‎*الصلوۃ والسلام علیک یاسیدی یارسول اللہﷺ*
° •तालिबे दुआ•°
*मोहम्मद फज़ले हक़ असीरुल क़ादरी*
ख़ादिम दारुल उलूम अता-ए-रसूल,रज़ा नगर,कोटा,राज.

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