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05 अक्तूबर 2022

तो (एहले कश्ती ने) कु़रआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी (और दरिया में गिर पड़े)

 तो (एहले कश्ती ने) कु़रआ डाला तो (उनका ही नाम निकला) यूनुस ने ज़क उठायी (और दरिया में गिर पड़े) (141)
तो उनको एक मछली निगल गयी और यूनुस खु़द (अपनी) मलामत कर रहे थे (142)
फिर अगर यूनुस (खु़दा की) तसबीह (व जि़क्र) न करते (143)
तो रोज़े क़यामत तक मछली के पेट में रहते (144)
फिर हमने उनको (मछली के पेट से निकाल कर) एक खुले मैदान में डाल दिया (145)
और (वह थोड़ी देर में) बीमार निढाल हो गए थे और हमने उन पर साये के लिए एक कद्दू का दरख़्त उगा दिया (146)
और (इसके बाद) हमने एक लाख बल्कि (एक हिसाब से) ज़्यादा आदमियों की तरफ (पैग़म्बर बना कर भेजा) (147)
तो वह लोग (उन पर) इमान लाए फिर हमने (भी) एक ख़ास वक़्त तक उनको चैन से रखा (148)
तो (ऐ रसूल) उन कुफ़्फ़ार से पूछो कि क्या तुम्हारे परवरदिगार के लिए बेटियाँ हैं और उनके लिए बेटे (149)
(क्या वाक़ई) हमने फरिश्तों की औरतें बनाया है और ये लोग (उस वक़्त) मौजूद थे (150)

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