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07 मार्च 2022

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , छत्तीस क़ौमों के सरपरस्त अशोक गहलोत , अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं , जिन्होंने ब्राह्मण समाज का दुखद दर्द जाना , पहले ई डब्ल्यू एस , स्वर्ण समाज को आरक्षण के माध्यम से आरक्षण व्यवस्था लागू कर कमाल किया अब ब्राह्मण समाज के पिछड़े समाज के लोगों के उत्थान , विकास , सरकारी सहायता की सिफारिशों , मदद के लिए , राजस्थान में विप्र ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया ,है

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , छत्तीस क़ौमों के सरपरस्त अशोक गहलोत , अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं , जिन्होंने ब्राह्मण समाज का दुखद दर्द जाना , पहले ई डब्ल्यू एस , स्वर्ण समाज को आरक्षण के माध्यम से आरक्षण व्यवस्था लागू कर कमाल किया अब ब्राह्मण समाज के पिछड़े समाज के लोगों के उत्थान , विकास , सरकारी सहायता की सिफारिशों , मदद के लिए , राजस्थान में विप्र ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया ,है , और इस बोर्ड को राजयमंत्री का दर्जा दिया है , अशोक गहलोत की ग्रेटनेस इतनी ही नहीं , अशोक गहलोत ने , इस विप्र ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के चेयरमेन पद के लिए भी उपयुक्त ज़िम्मेदार शख्स महेश शर्मा को ज़िम्मेदारी दी है , जी महेश शर्मा जो हमेशा कार्यर्कताओं के हक़ में बोलते है , अनुशासित रहकर , संगठन के वरिष्ठ नेताओं के निर्देशों पर , हर ज़िम्मेदारी को , निर्गुट होकर , निभाते रहे है , महेश शर्मा जिन्हे पूर्व सरकार में भी मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत ने , बुनकर फोरम का चेयरमेन बनाकर , बुनकर समाज के उत्थान की ज़िम्मेदारी दी थी , फिर संगठन में , महेश शर्मा , एक सारथि बनकर , विपक्ष में रहते हुए , रैलियों , धरने , चुनावी कार्यक्रमों के आयोजनों के ज़िम्मेदार भी रहे , जबकि सत्ता में आने के बाद , संगठन और सत्ता के बीच समन्वय स्थापित करने की समिति के माध्यम से , प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में , मंत्रियों के साथ , कार्यकर्ताओं के दुखदर्द की सुनवाई कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहे , महेश शर्मा खुद ब्राह्मण समाज के हैं , लेकिन सर्व समाज से जुड़े होने के कारण वोह हमेशा सभी के दुर्ख़ दर्द के साथी बने हुए है , महेश शर्मा , ब्राह्मण समाज के हर वर्ग , हर समाज , के दुःख दर्द को बहतर तरीके से जानते है , ब्राह्मण समाज दिखने में चाहे जितना भी सम्पन्न हो , लेकिन अंदर से कुछ समाज के कुछ लोग , शिक्षा , रोज़गार , सहित कई मामलों में आज भी पिछड़े है , यूँ तो ब्राह्मण समाज अधिकतम भाजपा विचारधारा से जुड़ा है , लेकिन महेश शर्मा ऐसा व्यक्तित्व है , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने महान हैं के वोह कर्मचारी हो , चाहे समाज हो , उन्हें वोटर की निगाह से नहीं देखकर , उनका उत्थान कैसे हो , उनका कल्याण कैसे हो , वोह सम्पन्न कैसे हों , सिर्फ इस तरफ इसी सोच से वोह काम करते रहे है , इसीलिए उन्होंने ब्राह्मण कल्याण के लिए , विप्र कल्याण बोर्ड बनाकर , देश के हर राज्य के मुख्यमंत्री खुद प्रधानमंत्री को इस वर्ग , इस समाज के कल्याण के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है , सभी जानते है , हर ज़िम्मेदारी को ईमानदारी , महनत , लगन ,, निष्पक्ष , निर्गुट व्यवस्था के साथ , निर्वहन करने वाले भाई , महेश शर्मा , इस विप्र कल्याण बोर्ड के माध्यम से , अपनी रिपोर्ट , अपने कार्यकलापों के ज़रिये हक़दार ब्राह्मण समाज के लोगों के लिए , राज्य सरकार के माध्यम से कल्याणकारी योजनाए , व्यवस्थाएं लागु करवाएंगे , और इंसाफ दिलवाकर , रोज़गारोन्मुखी योजनाओं ,, ऋण योजनाओं , पर्यटन योजनाओं से जोड़कर , इस समाज के पिछड़े लोगों को , मुख्यधारा में शामिल करवाकर , राजस्थान के ब्राह्मण समाज को और अधिक विकसित करेंगे , राजस्थान की विकास की राह पर , एक जुट करेंगे ,, महेश शर्मा को

बधाई
, और उनके इस चयन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार ,,, एक महेश ,,, जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के निर्देशों के कर्तव्य परायण पालक रहे है ,सरकार सत्ता के मध्य संगठन अध्यक्ष के निर्देशानुसार समन्वयक रहे है ,,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय जयपुर में नियमित उपलब्ध रहकर ,सक्रियता से सभी कामकाज निपटाने के मामले में अव्वल रहे है ,,वोह महेश शर्मा ,जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश महासचिव रहकर ,,संगठन प्रभारी ,,कार्यालय प्रभारी रहे है, और अपने कर्तव्यों को बखूबी अन्जाब देते रहे है ,, , जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ ,राजस्थान सरकार में बुनकर फोरम के अध्यक्ष रहे भाई महेश शर्मा की ,, जो, अब विप्र कल्याण बोर्ड के चेयरमेन भी हैं, महेश शर्मा, प्रदेश संगठन कार्यालय में ,राजस्थान के दूर दराज़ इलाक़ों से आये पदाधिकारी ,कार्यकर्ताओं का मुस्कुरा कर अभिवादन करते रहे है , आवश्यकता पढ़ने पर उनकी समस्याएं सुनते थे ,,उनके समाधान का प्रयास करते थे ,, ,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वफादार , निकटतम ,,सिपहसालार , हर ज़िम्मेदारी को कर्तव्यनिष्ठ होकर परफेक्ट व्यवस्था के तहत सम्पादित करने में सफल रहे भाई महेश शर्मा , क संगठनात्मक मामलों के निस्तारण मामलो में विश्वसनीय और सक्रिय भी रहै , वफादार भी है ,, कांग्रेस संगठन संचालन के निर्देशानुसार ज़िम्मेदार भी रहै , राजस्थान में कांग्रेस के विपक्ष में रहते ,जब स्वर्गीय गुरुदास कामत प्रभारी ,,स्वर्गीय मिर्ज़ा इरशाद बेग सहप्रभारी थे ,तब पार्टी के निर्देशों पर ,राजस्थान के हर ज़िले ,,हर संभाग में ,,भाजपा सरकार के खिलाफ ,विभिन्न मोर्चों पर ,,आक्रामक आंदोलन हुए ,,विशाल रैलियां हुई ,पार्टी के कार्यकता सम्मेलन हुए ,, कोंग्रेस की किसानों को इन्साफ दिलाने के लिए पदयात्राएं हुई ,,,पुलिस मुठभेड़ हुई ,तो संगठन में जिला ,,ब्लॉक ,बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने ,पंचायत चुनाव ,नगर पालिका चुनाव का प्रबंधन हुआ ,, हर यात्रा में ,हर धरने ,प्रदर्शन ,,, वरिष्ठ राष्ट्रिय नेतृत्व की सभाओं में ,,पदयात्रा ,रैली ,के वक़्त,, हाईकमान के, निर्देशों के अनुरूप , कांग्रेस संगठन की मर्यादाओं , उद्देश्यों ,कार्यकर्ताओं के विश्वास ,,उनके सम्मान के साथ ,महेश शर्मा ने हर व्यवस्था पूरी ज़िम्मेदारी से संभाली है ,, स्वर्गीय गुरुदास कामत महेश शर्मा की इसी वफ़ादारी ,इसी समझदारी ,,इसी समर्पण , संगठन और अध्यक्ष के प्रति जवाबदारी की अदा पर फ़िदा थे ,और महेश शर्मा को ,हर फन मोला ,,कार्यकुशल कहकर सम्बोधित भी करते थे ,, नियमित ,ज़िलों के कार्यक्रमों के सम्पादन के बारे में फीडबैक लेकर कार्यक्रम करवाना ,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में उपस्थित रहकर पूर्व स्वर्गीय दिवंगत नेताओं की पुण्यतिथि पर उन्हें आदर सम्मान से पुष्पांजलि समर्पित कर याद रखने के कार्यक्रम चलाना ,,, अग्रिम संगठनों ,जिला इकाइयों ,,प्रदेश पदाधिकारियों से समन्वय बनाने में महेश शर्मा ने महारत बनाई है ,, वोह प्रदेश के हर बूथ इकाई , ब्लॉक इकाई ,जिला इकाई ,का संगठनात्मक फीडबैक भी , प्रभारियों को उनके निर्दशानुसार देते रहे है ,, राजस्थान में प्रभारियों में बदलाव हुआ , अविनाश पांडेय राजस्थान के प्रभारी नियुक्त हुए ,,, सहप्रभारी की ज़िम्मेदारी ,देवेंद्र यादव , क़ाज़ी निजामुद्दीन , तरुण कुमार ,, विवेक बंसल को सौंपी गयी ,,ऐसे में राजस्थान में चुनाव की व्यवस्थाएं मज़बूत करना थी ,, संगठन अध्यक्ष, प्रभारी अविनाश पांडेय ,राष्ट्रिय महासचिव रहे , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,,,वरिष्ठ कोंग्रेसियों के समक्ष ,,राजस्थान में पूर्ण बहुमत से ,,कार्यकर्ताओं को रिचार्ज कर ,, ,कांग्रेस की सरकार हर हाल में बनाने का लक्ष्य था ,, ऐसे में कोंग्रेस संगठन ने महेश शर्मा पर पूरा विश्वास जताया , और महेश शर्मा को वर्ष 2018 में प्रदेश महसचिव का क़द बढाकर उन्हें संगठन प्रभारी सचिव ,,कार्यालय प्रभारी के रूप में नियुक्ति पत्र जारी किया राजस्थान संगठन के इतिहास में यह एक अनूठा प्रयोग था ,जिसे महेश शर्मा ने सकारात्मक व्यवस्था ,वफादारी ,समर्पण के साथ सुपर हिट ज़िम्मेदार साबित किया है , , कोंग्रेस हाईकमान , ,वरिष्ठ कोंग्रेसियों के इस विश्वास को महेश शर्मा ने बनाये रखा और ,ज़िम्मेदारियों के निर्वहन में ,चौबीस घंटे अपनी टीम के साथ , वरिष्ठ कोंग्रेसियों के सुझाव , समन्वय विचार व्यवस्था के साथ जुड़ गए , राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्यों के चुनाव ,, संगठन में ब्लॉक ,जिला इकाइयों ,बूथ इकाइयो के चुनाव एक चुनौती थे ,,, निष्पक्ष निर्वाचन अधिकारी थे ,, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर सभी जिला निर्वाचन अधिकारीयों ,,प्रदेश प्रभारियों को व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने का प्रबंधन ,,महेश,शर्मा के बढ़ी कामयाबी रही ,,चुनाव के वक़्त प्रभारियों , सहप्रभारियों के फीडबैक दौरे ,, पर्यवेक्षकों की यात्राएं ,, सभी की ज़िम्मेदारी , हाईकमान के निर्देश पर महेश शर्मा की थी ,,जिसे उन्होंने बखूबी निभाया ,,राजस्थान में सचिन पायलेट ,,अशोक गहलोत ,अविनाश पांडेय ,सहप्रभारियों सहित सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाइ और ,राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी , प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट को प्रदेश अध्यक्ष के साथ उपमुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी भी मिली ,, ऐसे में संगठन के प्रति सचिन पायलेट सजग सतर्क रहते हुए ,महेश शर्मा सहित अन्य विश्वसनीय पदाधिकरियों से भी फीडबैक लेकर संगठन पर नज़र रखे हुए थे, वोह कोंग्रेस के सिपाही के साथ ब्राह्मण कल्याण कार्यक्रमों से भी लगातार जुड़े रहे, ,,खुद महेश शर्मा नियमित हाईकमान के निर्देशों की पालना में ,,प्रदेश से आने वाले पदाधिकारी ,कार्यकर्ताओं की सुनवाई करते थे ,,जहां नोकरशाही के अड़ंगों की वजह से ,, कार्यकर्ताओं के वाजिब कामों में रोढ़े अटकाने , काम नहीं होने की शिकायत होती है ,वहां महेश शर्मा संगठन प्रभारी के नाते संगठन कार्यकर्ताओं के सम्मान में सिफारिशें भी करते रहै ,उनकी कोशिश होती है ,कार्यकर्ता , पदाधिकारियों का मान सम्मान ,,विश्वास बना रहे ,, वोह कहते है संगठन की ज़िम्मदारी सत्ता आ जाने के बाद अधिक हो जाती है ,क्योंकि संगठन के कार्यकर्ताओं के वाजिब कार्यों के लिए सत्ता में बैठे लोगों के साथ समन्वय स्थापित कर ,, उनके कामकाज आवश्यक रूप से सम्पादित करवाने की व्यवस्था एक चुनौती है ,जिसे हर हाल में संगठन कार्यकर्ताओं के सम्मान के तहत वाजिब कार्य होने पर ,,काम होना सुनिश्चित करना ,संगठन की ज़िम्मेदारी समझते है ,,, ,इसीलिए कार्यालय में उन तक जो कार्यकर्ता , पदाधिकारी अपनी समस्या लेकर जाता है , उसकी हर हाल में मदद होती है , संगठन स्तर पर ,, राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सत्ता में बैठे मंत्रियों के साथ संगठन की टीम के लोगों को बैठा कर ,,जनसुनवाई की प्रक्रिया जो शुरू हुई थी ,,,उस प्रयोग को लेकर महेश शर्मा आशान्वित रहै ,, महेश शर्मा इन जनसुवाई कार्यक्रमों की व्यवस्थाएं करते रहै ,,मॉनिटरिंग करते ,रहै , रिपोर्ट तैयार करते थे ,,इनका प्रयास होता था ,,, वाजिब समस्याग्रस्त कार्यकर्ता ,पदाधिकारी की सभी समस्याओं का समाधान हो ,,कार्यकर्ताओं ,, पदाधिकारियों का उनके क्षेत्र में ,उनके अधीनस्थ कार्यकर्ताओं के बीच में इक़बाल बुलंद रहे ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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