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23 मार्च 2022

नैत्रदानी के श्रद्धाजंलि समारोह में दान में मिले,60 नेत्र

 नैत्रदानी के श्रद्धाजंलि समारोह में दान में मिले,60 नेत्र 

2. श्रद्धांजलि समारोह में 200 लोगों के बीच नैत्रदान जागरूकता कार्यशाला 

बीते दिनों छबड़ा निवासी श्री सुनील कुमार कपूर (61 वर्ष) का कोटा आते समय दुर्घटना से आकस्मिक निधन के उपरांत परिजनों ने सहमति करके उनका नेत्रदान संपन्न कराया था, उस समय,वहाँ उपस्थित लोगों को यह शंका थी कि,नेत्रदान में शायद पूरी आँख लेते हैं,और इस कारण चेहरे पर कोई विकृति भी आती होगी । 

परंतु जो भी लोग नेत्रदान प्रक्रिया में उपस्थित थे,उन्होंने देखा कि नेत्रदान की प्रक्रिया सिर्फ 10 मिनट में पूरी हो जाती है,और इस प्रक्रिया में चेहरे पर किसी भी तरह की विकृति नहीं आती है ,ना ही इस दौरान कोई रक्त बाहर आता है । यह प्रक्रिया घर,मुक्तिधाम या अस्पताल में  की जा सकती है । 

नेत्रदान के बारे में अधिक से अधिक लोग जान सके, इस उद्देश्य से सुनील जी के बेटे सौरभ और चचेरे भाई सुमेश व नरेश कपूर ने, संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन को अनुरोध किया कि, सुनील जी के तिये की बैठक में नेत्रदान जागरूकता शिविर का आयोजन भी रखा जाए । जिससे शोकाकुल परिवार के सदस्यों के साथ साथ श्रद्धांजलि सभा में आने वाले सभी लोगों को नेत्रदान के बारे में पूरी जानकारी मिल सके । 

इसी क्रम में,नेत्रदानी सुनील के परिजनों द्वारा मंगलवार को पंजाब समाज भवन में तिये के बैठक के दौरान नेत्रदान जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया ,जिसमें 30 लोगों ने नेत्रदान व एक व्यक्ति ( नरेश कपूर ) ने समाज व रिश्तेदारों के बीच देहदान की घोषणा की है । शाइन इंडिया फाउंडेशन व आई बैंक सोसाइटी के कोटा चैप्टर द्वारा नैत्रदानी परिवार के सदस्यों व नेत्रदान का संकल्प लेने वाले लोगों का का सम्मान किया गया । 

नेत्रदान जागरूकता शिविर की सराहना करते हुए नरेश कपूर ने कहा की,2 वर्ष पहले उन्होंने अपने बेटे विशाल कपूर के ब्रेन डेड हो जाने पर उसके सभी अंगों को जरूरतमंद लोगों में दान करने का प्रयास किया था, परंतु प्रशासनिक सहयोग न मिल पाने के कारण वह अपने बेटे के अंग दान नहीं कर सके, आज इसी नेत्रदान संकल्प शिविर में विशाल के पिता नरेश कपूर ने देहदान का दादी जमुना देवी,और भाई निहाल कपूर ने नेत्रदान का संकल्प किया ।

बेटे सौरभ ने कहा कि,नेत्रदान का कार्य परिवार के शोक को तो कम करता ही है,साथ में हमको यह भी सुकून देता है कि, हमारे मृत परिजन किन्हीं दो दृष्टिहीन व्यक्तियों की आँख में रोशनी बनकर हमेशा के लिये जीवित है ।

श्रद्धांजलि सभा में आयोजित हुए नेत्रदान जागरूकता शिविर में तनीषा कपूर,दीप्ति अरोड़ा,प्रीति छाबड़ा,बबीता कालरा,रेखा अरोड़ा,सुदेश अरोड़ा,राजेंद्र बाटला,विन्दर छाबड़ा, प्रियंका भाटिया, कांता खत्री,राज भाटिया,संजय कालरा,अमित कपूर,विकास भाटिया,सौरभ कपूर, राकेश कपूर,बिंदु कपूर,महेश कुमार,सुमेश कपूर ने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरे ।

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