आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 फ़रवरी 2022

सभी ग्रहणियों को समर्पित

 

💝Apni Kadar💝
💝Apni Pehchan💝
पहली बार खुद की कदर जानी
बिस्तर पर पड़ी तो कीमत पहचानी
झाड़ू पौछा, दो हजार
खाना, चार हजार
कपड़े, डस्टिंग, तीन हजार
ओर चाय नाश्ता .....
उफ़ क्या क्या लिखूं....??????💕
दस हजार देकर भी मिलती नहीं
घर मैं कोई बाई टिकती नहीं
और मैं बरसों से टिकी हूं
बिन सैलेरी के ही रुकीं हुं 😊
बीस साल का तो
लाखों हो गया
और वो कहते रहे
कमाती नहीं हो 💔
वेशक कमाया नहीं
पर बचाया तो हैं
मकान को घर
बनाया तो है 😊
आज जब चाय बनाते हों
चार बार पूछनें जो आते हों
फिर भी मेरी तरह
ना बना पाते हो 💕💕
और तुमने जो पोहे बनाएं
आधे कढ़ाही में थे चिपकाएं
और परांठा को पापड़ बनाया
जो हमने प्यार से था खाया ....!
माना तेरा किया बहुत है
पर मेरा किया कम तो न था
घर को सहेजना
मेरा शौक नहीं जरूरत थी
काश ये तुम समझ जाते
तो मेरे किये को हल्का न बताते। ....💕
❤️सभी ग्रहणियों को समर्पित ❤️

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...