आजतक ने अपना एक दलाल पत्तलकार यूक्रेन भेजा हुआ है। नाम है गौरव सावंत।*
*आज गौरव कीव रेलवे स्टेशन से रिपोर्टिंग कर रहे थे कि कैमरे के सामने फंसे हुए बच्चे आकर सच्चाई बताने लगे।*
*"मुझे अपना काम करने दो"- गौरव का यह कहना उनकी पत्तलकारिता को बखूबी दर्शाता है, क्योंकि उनके "बाप" ने नोयडा चैनलों को आदेश दिया है कि फंसे हुए भारतीय बच्चों को लाइव न लें।*
*जी हां। कल रात से बच्चों के लाइव वीडियो और चैनलों पर उनके बयानों ने मोदी को इन बेबस बच्चों का मीडिया बहिष्कार करने पर मजबूर कर दिया है।*
*स्टूडियो पर किलो भर मेकअप पोते अंजना आंटी का मिज़ाज़ देखकर लगता है कि वह भी फंसे हुए बच्चों से बहुत नाराज़ हैं, वरना सावंत से फीड ले सकती थीं।*
*सच्चा पत्रकार हमेशा कमज़ोरों, मजलूमों की आवाज़ बनता है, अपने "बाप" की नहीं। गौरव सावंत जैसे लोग अपना ज़मीर बेच चुके हैं।*
*मोदी को तलवे चाटने का अवार्ड जल्द घोषित करना चाहिए।*
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