ऐ मेरे क़ैद ख़ाने के दोनो रफीक़ो (अच्छा अब ताबीर सुनो तुममें से एक
(जिसने अंगूर देखा रिहा होकर) अपने मालिक को शराब पिलाने का काम करेगा और
(दूसरा) जिसने रोटियाँ सर पर (देखी हैं) तो सूली दिया जाएगा और चिडि़या
उसके सर से (नोच नोच) कर खाएगी जिस अम्र को तुम दोनों दरयाफ्त करते थे (वह
ये है और) फैसला हो चुका है (41)
और उन दोनों में से जिसकी निस्बत यूसुफ ने समझा था वह रिहा हो जाएगा उससे
कहा कि अपने मालिक के पास मेरा भी तज़किरा करना (कि मैं बेजुर्म क़ैद हूँ)
तो शैतान ने उसे अपने आक़ा से जि़क्र करना भुला दिया तो यूसुफ क़ैद ख़ाने
में कई बरस रहे (42)
और (इसी असना (बीच) में) बादशाह ने (भी ख़्वाब देखा और) कहा मैने देखा है
कि सात मोटी ताज़ी गाए हैं उनको सात दुबली पतली गाय खाए जाती हैं और सात
ताज़ी सब्ज़ बालियां (देखीं) और फिर (सात) सूखी बालियां ऐ (मेरे दरबार के)
सरदारों अगर तुम लोगों को ख़्वाब की ताबीर देनी आती हो तो मेरे (इस) ख़्वाब
के बारे में हुक्म लगाओ (43)
उन लोगों ने अजऱ् की कि ये तो (कुछ) ख़्वाब परे (सा) है और हम लोग ऐसे ख़्वाब (परेशां) की ताबीर तो नहीं जानते हैं (44)
और जिसने उन दोनों में से रिहाई पाई थी (साकी) और उसको एक ज़माने के बाद
(यूसुफ का कि़स्सा) याद आया बोल उठा कि मुझे (क़ैद ख़ाने तक) जाने दीजिए तो
मैं उसकी ताबीर बताए देता हूँ (45)
(ग़रज़ वह गया और यूसुफ से कहने लगा) ऐ यूसुफ ऐ बड़े सच्चे (यूसुफ) ज़रा
हमें ये तो बताइए कि सात मोटी ताज़ी गायों को सात पतली गाय खाए जाती है और
सात बालियां हैं हरी कचवा और फिर (सात) सूखी मुरझाई (इसकी ताबीर क्या है)
तो मैं लोगों के पास पलट कर जाऊँ (और बयान करुँ) (46)
ताकि उनको भी (तुम्हारी क़दर) मालूम हो जाए यूसुफ ने कहा (इसकी ताबीर ये
है) कि तुम लोग लगातार सात बरस काकारी करते रहोगे तो जो (फसल) तुम काटो उस
(के दाने) को बालियों में रहने देना (छुड़ाना नहीं) मगर थोड़ा (बहुत) जो
तुम खुद खाओ (47)
उसके बाद बड़े सख़्त (खुष्क साली (सूखे) के) सात बरस आयेंगे कि जो कुछ
तुम लोगों ने उन सातों साल के वास्ते पहले जमा कर रखा होगा सब खा जायंगें
मगर बहुत थोड़ा सा जो तुम (बीज के वास्ते) बचा रखोगे (48)
(बस) फिर उसके बाद एक साल आएगा जिसमें लोगों के लिए खूब मेंह बरसेगी (और
अंगूर भी खूब फलेगा) और लोग उस साल (उन्हें) शराब के लिए निचोड़ेगें (49)
(ये ताबीर सुनते ही) बादशाह ने हुक्म दिया कि यूसुफ को मेरे हुज़ूर में
तो ले आओ फिर जब (शाही) चैबदार (ये हुक्म लेकर) यूसुफ के पास आया तो युसूफ
ने कहा कि तुम अपनी सरकार के पास पलट जाओ और उनसे पूछो कि (आप को) कुछ उन
औरतों का हाल भी मालूम है जिन्होने (मुझे देख कर) अपने अपने हाथ काट डाले
थे कि या मैं उनका तालिब था (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 फ़रवरी 2022
ऐ मेरे क़ैद ख़ाने के दोनो रफीक़ो (अच्छा अब ताबीर सुनो तुममें से एक (जिसने अंगूर देखा रिहा होकर) अपने मालिक को शराब पिलाने का काम करेगा
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