सिर्फ नाम से नवाब नहीं, कामों से भी नवाब थे,नेत्रदानी नरेश
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के उपाध्यक्ष का निधन,नैत्रदान सम्पन्न
आज
सुबह अखिल भारतीय कायस्थ महासभा,राजस्थान के उपाध्यक्ष,सेवानिवृत्त
अध्यापक श्री नरेश भटनागर 'नवाब साहब' (60 वर्षीय) का आकस्मिक निधन हो
गया,उनके निधन की सूचना पूरे शहर में तेजी से फैल गयी । 'नवाब साहब' न
सिर्फ अपने समाज के लोगों के लिए बल्कि हर उम्र और वर्ग के लोगों के लिए
किसी भी तरह की मदद को पूरा करने के लिए सदा अग्रसर रहते थे । प्रतिदिन
लोगों के साथ हंसी मजाक करना और उनकी परेशानियों को सुनकर उनका दुख हल्का
करने के काम में उनको बहुत आनंद आता था ।
उनके
देवलोक गमन के पश्चात उनके करीबी मित्र नीरज कुलश्रेष्ठ और कुलदीप माथुर
ने शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को नरेश जी के निधन और नेत्रदान
करवाने की सूचना दी । नरेश जी स्वयं अपनी पत्नि सरोज के साथ नेत्रदान का
संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ भर चुके थे, डॉ कुलवंत गौड़ थोड़ी
देर में ही आई बैंक के टेक्नीशियन को सूचना देकर निवास पर पहुंचे और
नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न करवाया ।
नवाब
साहब सिर्फ नाम के ही,नवाब नहीं रहे, जितने भी लोग नेत्रदान प्रक्रिया के
दौरान मौजूद थे उन सभी की आंखें नम थी । उनके पड़ोसी कृष्ण मोहन भार्गव जी
का कहना है कि,उनके मोहल्ले ने एक नायाब हीरा खो गया है उनके जैसा
व्यक्तित्व पूरी कॉलोनी में नहीं है,वह एक जिंदादिल इंसान थे और शायद ही
कोई व्यक्ति ऐसा होगा जो उनके व्यक्तित्व से प्रभावित ना हो ।
नरेश
जी के बेटे नितिन भटनागर ने कहा कि,पिताजी नेत्रदान के प्रति संकल्प
थे,परंतु शोक के कारण शायद मुझे याद नहीं रह पाता, लेकिन पापा के दोस्तों
ने अंत समय में नेत्रदान के लिए याद दिला दिया तो यह पुण्य कार्य हो गया ।
नरेश जी के निधन के उपरांत शहर की कई सामाजिक संस्थाओं कायस्थ महासभा,सैंट
पॉल स्कूल,एल बी एस स्कूल ने शोक व्यक्त किया है ।
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