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02 जनवरी 2022

, भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांत , विधि नियम , निर्वाचन पार्टी मान्यता नियम ,भाजपा के संविधान के आवश्यक प्रावधानों के विपरीत , भाजपा की सरकारें , भाजपा के न्रिवाचित लोगों का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की शपथ के उलंग्घन में कार्य करने पर , भाजपा संगठन की निर्वाचन आयुक्त के समक्ष मानयता निरस्त करने , और सरकार को भंग कर ,दुबारा चुनाव करवाने के निर्देश देने के क्रम में

 देश भर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं , विधायकों , सांसदों , समर्थक साधु संतों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ और नाथूराम गोडसे गाँधी के हत्यारे के पक्ष में बनाये जाने वाले माहौल में , भाजपा के संविधान की  धारा 4 के विशिष्ठ प्रावधान  गांधीवादी दृष्टिकोण की भावना के खिलाफ होने से, , भाजपा द्वारा हर चुनाव में , रोटी , रोज़ी , विकास , महंगाई , बेरोज़गारी , जैसे मुद्दों से अलग हठ कर ,सिर्फ भावनाये भड़काने वाले धार्मिक , मंदिर , मस्जिद , फुफाजान ,, अब्बाजान  जैसे मामलों को लेकर , वोटर्स को विधि विरुद्ध प्रभावित करने की असंवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ , राष्ट्रपति महोदय , मुख्य न्यायाधीश सुप्रीमकोर्ट , , मुख्य चुनाव आयुक्त , भारत सरकार को , पत्र लिखकर ,भाजपा के चुनावी मान्यता रद्द करने और , सभी जगह दुबारा निष्पक्ष चुनाव करने की मांग की है , जो पत्र भेजा है वोह इस तरह से है ,,
प्रतिष्ठा में ,
1 , , माननीय महामहीम महोदय ,
भारत सरकार ,
राष्ट्रपति भवन ,  नई दिल्ली
2 , माननीय मुख्य न्यायधीश महोदय
माननीय उच्चतम न्यायलय
भारत सरकार , नई दिल्ली
3 , माननीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त महोदय ,
निर्वाचन आयोग , भारत सरकार नई दिल्ली ,

विषय ,, भारतीय जनता पार्टी के सिद्धांत , विधि नियम , निर्वाचन पार्टी मान्यता नियम ,भाजपा के संविधान के आवश्यक प्रावधानों के विपरीत , भाजपा की सरकारें , भाजपा के न्रिवाचित लोगों का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की शपथ के उलंग्घन में कार्य करने पर , भाजपा संगठन की निर्वाचन आयुक्त के समक्ष मानयता निरस्त करने , और सरकार को भंग कर ,दुबारा चुनाव करवाने के निर्देश देने के क्रम में ,

मान्यवर,
 उपरोक्त विषय में निवेदन है की , भारत सरकार का अपना संविधान है ,क़ानून है , और इस संविधान के विधिक प्रावधानों के तहत , भारत में ,भारत का निर्वाचन आयुक्त , पार्टियों के संविधान , घोषणा पत्र की विचारधाराओं के तहत , निष्पक्ष चुनाव करवाकर , लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की पालना में , सरकारों  निर्वाचन  कर बहुमत के आधार पर ,  संबंधित पार्टियों को , नेताओं को , सरकार की बागडोर सुपुर्द करता है ,, भारत में , वर्तमान में  केंद्र सरकार और राज्यों  की सभी सरकारें , विधि नियम के तहत निर्वाचित कर , अपना काम करने के लिए , संवैधानिक रूप से वचन बद्ध हैं ,, संविधान में अगर कोई भी शासन के कार्यकाल में , पक्षपात हो , संविधान के अधिकार , कर्त्यव्यों के खिलाफ , क़ानून  व्यवस्था भंग हो , ,क़ानून की मर्यादाएं खत्म हो जाएँ , पार्टी जिस संविधान के तहत , लोक प्रतिनिधित्व नियमों से चुनाव लड़ी है , सत्ता में आने के बाद उस खुद अपनी पार्टी के विधि विधान मान्यताओं के विपरीत कार्य करने लगे , या फिर , धर्म आधारित , प्रचार में जुट जाए , तो ऐसी सरकारों को तुरंत भंग करने , ऐसी सियासी पार्टियों की मान्यता तुरंत रद्द कर, उनका चुनाव चिन्ह ज़ब्त करने के विधिक प्रावधान है ,,
आदरणीय देश जानता है ,, भाजपा की सत्ता में केंद्र सरकार अपने धर्मों का पालन नहीं कर रही है , संविधान की भावना के विपरीत मनमानी , धर्मनिरपेक्षता की  भावना के खिलाफ काम करने वालों को  पुरस्कृत किया जा रहा ,है  महात्मा गांधी को गाली देने वालों को सांसद , विधायक , बनाया जा रहा है , मंत्री पद , और महत्वपूर्ण पद दिए जा  रहे है , यहां तक के गांधी के हत्यारों को महिमामंडन कर, ऐसे मामलों में  उकसाने वाले साधू संतों को , छूट दे रखी है , मार काट ,, नरसंहार की बात कर लोगों को उकसाने का  प्रयास करने वालों के खिलाफ कोई क़ानूनी कार्यवाही नहीं है , देश में रोज़ी , ,रोटी  रोज़गार ,, महंगाई नियंत्रण की  बात नहीं है , चुनावों ,में  लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के खिलाफ , धर्म , , मंदिर , क़ब्रिस्तान , जिन्ना , चचा जान , जैसे मुद्दों पर प्रचार है ,, खुद भाजपा के लिखित संविंधान जिसकी मूल भावना के , साथ  भाजपा को ,, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव आयोग ने मान्यता दी है , उस भावना के खिलाफ काम किया जा रहा है ,, भाजपा के संविधान की धारा 2 के मूल उद्देश्य ,, धारा 3 के मूल दर्शन , और खासकर , भाजपा के संविधान की धारा 4 जिसकी निष्ठाओं ,में , गाँधीवादी दृष्टिकोण , गांधी दर्शन के आलावा बाक़ी सब  प्रतिबंध है ,, यानी गांधी दर्शन , गांधीवाद के दृष्टिकोण की बाध्यता है , फिर भी , भाजपा में , गांधी के हत्यारों ,, नाथु राम गोडसे को , इनके सांसद , इनके विधायक ,इनके समर्थक , इनके सहयोगी , संघ से जुड़े लोगों द्वारा महिमा मंडन किया जाता है , गाँधी को गाली दी जाती है , गांधी के हत्यारे के मंदिर को तरजीह दी जाती है , गांधी को गोली मारने का प्रतीकात्मक रिहर्सल किया जाता है , गांधी को हर रोज़ अपमानित किया जाता है , भाजपा ऐसे लोगों को टिकिट देती है , सांसद बनाती है , ,विधायक बनाती है , राज्य सभा में लेती है , और ऐसे लोगों की टिप्पणियों के खिलाफ , इनकी विचारधारा की सरकारों ,में  खुद केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा ,, कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है , ऐसे में भाजपा के संविधान में , गांधीवादी विचारक , दृष्टिकोण की पालना की बात लिखकर, गांधीवादी विचारधारा को गाली गांधी के हत्यारों को महिमाममंडन करने वालों को , प्रोत्साहन देना ,भाजपा के दोहरे किरदार को उजागर करती है , आदरणीय किसी भी निष्पक्ष एजेंसी से भाजपा की केंद्र सरकार हो, या फिर जहाँ इनकी राज्यों में सरकारें है , वहां इनके विधायक , सांसद , कार्यकर्ताओं के गांधीवादी विचारधारा के मामले में विचार , भड़काऊ भाषण , हिंसा , हिंसावादी घटनाये , और फिर भाजपा के शासन की ऐसी घटनाओं की नज़रअंदाज़ी, उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं करना , दोहरे किरदार , और संविधान की भावनाओं के  विपरीत है , जबकि चुनावों में अपने किये कार्यों पर वोट मांगने की जगह , मंदिर , मस्जिद , क़ब्रिस्तान , हिन्दू , मुस्लिम ,,चचाजान , अब्बाजान , जैसे मुद्दों पर भड़काऊ व्यवस्था से वोट मांगना क़ानूनी अपराध भी है , और ऐसे चुनावों को निरस्त करने का विधिक प्रावधान भी है ,
आदरणीय इन घटनाओं की सूक्ष्मता से जांच के लिए , इस पत्र को , जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करें , इस ज्ञापन को , स्वीकार कर ,ज्ञापन में उठाये गए मुद्दों पर जांच करवाए , जांच किया , यह सब स्वीकारित है , गांधी वादी दृष्टिकोण का मज़ाक़ उड़ाना , गाँधी के हत्यारों का महिमाममंडन , गाँधी की हत्या को उचित ठहराना यह सब रोज़ अख़बारों , टी वी में , ज़ाहिर है , हाल ही में एक सुहागन बाबा की टिप्पणी , अपमानकारी , उकसाऊ थी , उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ में , मुक़दमा भी दर्ज हुआ , और भाजपा की सरकार मध्य्प्रदेश मे उस बाबा को , छुपा रखा था , जहाँ से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया , ऐसे में ,भाजपा की चुनावी मान्यता तुरतं निरस्त की जाए ,भाजपा की जहाँ जहाँ राज्यों में सरकारें है , केंद्र में सरकार है , उसके क्रियाकलापों की तुरंत इन बिंदुओं पर , संवैधानिक जाँच करवाकर , शिकायत सही होने पर ,तत्काल सरकार को बर्खास्त करवाकर , नए  चुनाव करवाने के निर्देश जारी किये जाएँ ,,

भवदीय

अख्तर खान अकेला
महासचिव
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
2 थ 15 मैन रोड , विज्ञाननगर कोटा राजस्थान
324005 , मोबाइल 9829086339 

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