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15 दिसंबर 2021

एक घंटे में आँधी तूफ़ान से गये,और 80 km बारां से लिया नैत्रदान

 

 

एक घंटे में आँधी तूफ़ान से गये,और 80 km बारां से लिया नैत्रदान
ठंड से जमे हाथों से,एक्टिवा से 80 km बाराँ जाकर लिया नैत्रदान

इंदिरा मार्केट,बारां निवासी श्री गिरधर गोपाल जी पुरोहित 80 वर्षीय का बुधवार देर रात को हृदय आघात से निधन हो गया था, इसकी सूचना गुरुवार सुबह समाज के सभी व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजी गई । उनकी यह सूचना शाइन इंडिया फाउंडेशन, के कोटा निवासी डॉ कुलवंत गौड़ को भी मिली । उन्होंने शोकाकुल परिवार के लोगों से नैत्रदान करवाने के लिए सुबह 9:30 बज़े सम्पर्क किया । परिजनों ने आपस में एक दूसरे से पूछताछ की तो उसमें काफी समय लग गया,तब तक अंतिम संस्कार के लिए शव यात्रा का समय भी हो चुका था ।

डॉ कुलवंत गौड़ ने समझाइश का दौर चालू रखा और कहा कि यदि आप अनुमति दें तो सिर्फ बारां पहुंचने में जो समय लगेगा उतने समय में हम आ जाएंगे ,और नैत्रदान का यह पुनीत कार्य सम्पन्न हो सकता है । आखिर में परिजन इस बात पर राजी हुए कि,अंतिम संस्कार का 11 बज़े का समय है,यदि हम एक घंटे में बारां आ गए तो परिजन पुण्यात्मा के नैत्रदान करवा सकते हैं,अन्यथा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चालू कर देंगे । परिजनों कि जल्दी का कारण यह था कि काफी सारे रिश्तेदार सुबह से ही घर पर आ चुके थे,और  सभी को अपने घरों पर भी निकलना था,तो ज्यादा इंतज़ार नहीं कराया जा सकता था ।

परिजनों को समय पर पहुंचने का आश्वासन देकर डॉ कुलवंत गौड़ और उनके साथी टिंकू ओझा शोकाकुल परिजनों से बात करते-करते अपने एक्टिवा से ही बारां के लिए रवाना हो गए और 80 किलोमीटर का सफर पूरे एक घंटे में तय करके सीधे मुक्तिधाम पहुँच गये । वहाँ पहुँचने तक एक्टिवा चला कर आते आते दोनों के हाथ ठंड के कारण पूरी तरह जाम हो गये । थोड़ी देर बाद जब हाथ गर्म हुए तो नैत्रदान की प्रक्रिया में लगे ।

मुक्तिधाम में करीब 200 से ज्यादा ब्राह्मण समाज के लोगों के बीच डॉ कुलवंत गौड़ ने नैत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया और उसके बाद उपस्थित समाज के लोगों को नेत्रदान के बारे में संपूर्ण जानकारी दी और सभी से अनुरोध किया कि भविष्य में भी यदि कभी बारां शहर में किसी की मृत्यु होती है और परिजन यदि नेत्रदान करवाना चाहते हैं, तो हमें 8386900102 मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं । उपस्थित जनसमूह ने देखा कि, नेत्रदान 10 मिनट में पूरी हो जाने वाली एक सरल प्रक्रिया है,जिसमें ना किसी तरह का कोई रक्त आता है ना कोई चेहरा विकृत होता है ।

नेत्रदान के इस पुनीत कार्य में स्व० गिरधर गोपाल जी के दोनों बेटे जय गोपाल ,मुकेश और बेटियों शशिकला,रामदुलारी,भतीजे एडवोकेट नरेंद्र शर्मा,जंवाई राधा मोहन शर्मा, का सहयोग रहा नेत्रदान कि प्रक्रिया के दौरान गिरधर गोपाल जी के नाती हनी,कनक,मानसी,अनामिका और पोते कौशल भी वहीं मौजूद थे जिन्होंने नेत्रदान की सारी प्रक्रिया को देखा ।

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