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28 नवंबर 2021

*PEOPLE'S UNION FOR CIVIL LIBERTIES, RAJASTHAN

 

*PEOPLE'S UNION FOR CIVIL LIBERTIES, RAJASTHAN*
28 नवंबर 2021
सरकारी भवन व परिसर में धर्मस्थल नही बनाने के राज्य उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागर
*पीयूसीएल, राजस्थान सरकार से मांग करता है की राजस्थान धार्मिक भवन एंव स्थल अधिनियम 1954 की पूर्ण रूप से व सख्ती से किर्यान्वयन करे |*
*प्रेस विज्ञप्ति*
पीयूसीएल राजस्थान को प्रसन्नता है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने सरकारी परिसरों में मंदिर व धर्मस्थल के निर्माण पर रोक सम्बन्धी पुलिस महानिदेशक के आदेश को उचित ठहराया है उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अकील कुरेशी व रेखा बोहरा ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक व धर्म निरपेक्ष देश है तथा राजकीय संस्थानों में किसी एक धर्म का पूजा स्थल निर्मित नही किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने 25 अक्टूबर को सर्क्युलर निकालकर थानों में मंदिर निर्माण निषेध कर दिया था तथ पुलिस भवन व थानों में मंदिर निर्माण की गतिविधियां को राजस्थान धार्मिक भवन एंव स्थल अधिनियम 1954 का पूर्ण उल्लंघन बताया था । महानिदेशक के इस आदेश को पूजा गुरनानी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायालय ने इस आदेश को सही ठहराया तथा इसकी पालना को उचित करार दिया।
उच्च न्यायालय ने प्रार्थी के इस तर्क को गलत ठहराया कि राज्य को अधिकार नही है कि वह पुलिस सहित किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था में दखल दे।न्यायालय ने कहा कि सरकारी भवन व परिसर धर्म निरपेक्ष स्थल हैं और वहां किसी एक धर्म की मूर्ति को स्थापित नही किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र को बहुसंख्यक लोकतंत्र में नही बदला जा सकता है।
पी यू सीएल ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि कानूनी रूप से स्पष्ट है कि कोई भी सरकारी स्थल, भवन, सार्वजिक स्थान, पार्क इत्यादि में कोई भी धर्म का स्थल नहीं बनाया जा सकता जब तक जिला कलेक्टर या अन्य उचित सरकारी अधिकारी अनुमति न दे |
इसी प्रकट कोई भी धर्म का ढांचा सार्वजनिक स्थानों पर नहीं बनाया जा सकता है चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो, चर्च हो या गुरुद्वारा इत्यादि हो |
पी यू सी एल ने इस कानून की क्रियान्वयन की मांग करते हुए कहा है किराजस्थान के पुलिस थानों में मंदिरों के निर्माण लगातार हो रहे है |
सम्बंधित अधिकारी आंखे मुंदे रहते है। केवल एक सर्कुलर निकाल देने से कुछ नहीं बदलेगा, जरूरत है इस आदेश का सख्ती से क्रियान्वयन हों और इस कानून को लागू करने की जबरदस्त पहल की जाए | इसका मतलब यह भी है की जो अधिकारी इस कानून को लागू करेगा, उसके साथ पुलिस महकमे का खड़ा होना होगा क्यों कि तथाकथित हिंदुत्व की ताकते उस व्यक्ति पर ही आकस्मिक रूप से पीछे पड जाएगी |
इस कानून का क्रियान्वयन तभी सम्भव होगा जब कोई पुलिस अधिकारी या थानाधिकारी जो ऐसे निर्माण को प्रोत्साहित करता है, जो कानून को लागू नहीं करने देता है, उसके विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज किया जाए | सरकार के सभी विभागों , अदालतों व विधानसभा इत्यादि के लिए भी इस तरह का ही सर्कुलर निकालना चाहिए ताकि इन जगहों पर भीकोई भी धार्मिक स्थलों का निर्माण रुक सके।
पीयूसीएल ने इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में राज्य सचिवालय प्रांगण, राजस्थान हाई कौर्ट प्रांगण और अन्य सभी सरकारी भवनों व प्रांगण का सर्वे किया था | उस सर्वे में पाया गया कि इन स्थलों पर एक दर्जन से अधिक मंदिर विद्यमान थे |
पीयूसीएल ने अनेक पत्र उक्त कानून की सख्ती से पालन किये जाने की मांग को लेकर विभिन्न सम्बंधित अधिकारियो को भी लिखे थे | राज्य सरकार से अपेक्षा है कि वह उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप पुलिस व अन्य विभाग और सभी जिला कलेक्टर भी ऐसी कार्रवाई करते हुए उक्त कानून को अपने अधिकार क्षेत्रो में लागू करवाएंगे |
*कविता श्रीवास्तव (अध्यक्ष)*
*अनंत भटनागर (महासचिव)*
*Address 😘 76, Shanti Niketan Colony, Kisan Marg, Tonk Road, Jaipur
Phone number : 9351562965, 9887158183, 9828052917, Email : pucl.rajasthan@gmail.com

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