पौत्री ने याद दिलाया,तो नैत्रदान से अमर हो गयी दादा माँ
सही समय पर याद दिलाया,तो सदा के लिये अमर हो गयी दादी माँ
शरद
पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर कल स्टेशन क्षेत्र निवासी श्री भूपेंद्र सिंह
जी की पत्नी श्रीमती जगदीश कौर (75 वर्ष) का आकस्मिक निधन हो गया । अचानक
हुई इस घटना से परिवार के सभी लोग शोक में आ गए,जगदीश जी के बड़े बेटे
देहरादून में नौकरी करते है,उनका इंतजार होने लगा ।
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घंटे का समय गुजर जाने के बाद अचानक छोटे बेटे कुलबीर सिंह की बेटी हरलीन
कौर होरा को ध्यान आता है कि, क्यों ना दादी माँ के नेत्रदान करा दिया जाए
? जिससे कम से कम हम उन्हें किन्हीं दो दृष्टिहीन लोगों की आँख में रौशनी
बनाकर हमेशा हमेशा के लिए जीवित रख सकेंगे ।
हरलीन
ने अपनी यह इच्छा जब दादा जी सरदार भूपेंद्र सिंह जी को बताई तो उन्होंने
तुरंत ही नेत्रदान का कार्य करवाने के लिए अपनी सहमति दे दी । नेत्रदान के
बारे में सहमति मिलते ही पास में रह रहे,परिवार के सदस्यों के साथ साथ
,शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र व स्टेशन क्षेत्र के समाजसेवी श्री
इंद्रजीत सिंह (अमर पंजाबी) ने भी संस्था शाइन इंडिया को संपर्क किया,और
परिजनों की इच्छा अनुसार नैत्रदान के लिये आने को कहा।
सरदारनी
जगदीश जी बहुत खुश-मिज़ाज,हँसमुख स्वभाव की सेवाभावी महिला थी,उनके घर का
गेट स्टेशन क्षेत्र के गुरुद्वारे के सामने होने के कारण ,ऐसा कोई दिन नहीं
होता था,जब वह अपने ईश्वर वाहे-गुरु को याद न करती हों।
भूपेंद्र
जी ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि,वह स्वयं भी अपना
देहदान का संकल्प पत्र भरना चाहते है,पर मेडिकल कॉलेज के दूर होने से,और
वहाँ जाने में असमर्थता के कारण अभी तक संकल्प नहीं कर पाये हैं,पर जल्द ही
संस्था सदस्यों के सहयोग व परिवार की सहमति से यह नेक कार्य पूरा कर लिया
जायेगा।
उसके बाद संस्था
सदस्य अपने साथ, ईबीएसआर,कोटा चैप्टर के तकनीशियन को लेकर उनके निवास पर
पहुंचे,जहाँ पर देर रात 12 बज़े नेत्रदान की संपूर्ण प्रक्रिया संपन्न हुई ।
सभी
को इस बात से सुकून था कि हरलीन ने सही समय पर बताकर दादी माँ को अमर कर
दिया, यदि इसके दिमाग में यह बात नहीं आती, तो शायद सुबह तक जगदीश कौर जी
हमेशा हमेशा के लिए परिवार के सदस्यों से दूर हो चुकी होती । संस्था
सदस्यों के जागरूकता अभियान से इस माह में 28 नेत्रों का संकलन संभाग से
किया जा चुका है। बीते 4 दिनों में कोटा जिले के साथ साथ बूँदी, बारां व
झालावाड़ जिले में भी संस्था के सहयोग से नैत्रदान सम्पन्न हुए है।
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