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21 सितंबर 2021

इस्लामिक व्यवस्था की दुहाई देने वाले , नापाक पाकिस्तान के रहीम यार खान ज़िले में एक मस्ज्दि में हिन्दू किसान भाई द्वारा अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पीने पर उसे बंधक बनाकर प्रताड़ित करने की घटना , गैर इस्लामिक भी है , अमानवीय भी है

 इस्लामिक व्यवस्था की दुहाई देने वाले , नापाक पाकिस्तान के रहीम यार खान ज़िले में एक मस्ज्दि में हिन्दू किसान भाई द्वारा अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पीने पर उसे बंधक बनाकर प्रताड़ित करने की घटना , गैर इस्लामिक भी है , अमानवीय भी है , और शर्मसार कर देने वाली भी है , ,में हमारे भारत के उत्तर प्रदेश की एक मस्जिद में , एक अबोध बालक के पानी पीने की कोशिश पर उसकी बेरहमी से पिटाई की घटना से इसे जोड़कर कोई बहस नहीं करना चाहता , क्यूंकि जो लोग , अज्ञानी होते है , जो लोग अधर्मी होते है , जो लोग झूंठे , मक्कार फरेबी होते है , उनसे ऐसे मामलों में बहस करना बेकार बातें है , हमारे भारत में , मर्यादा पुरुषोत्तम राम , के मुखालिफ , रावण की संस्कृति रही है , श्री कृष्ण के खिलाफ , कंस की संस्कृति रही है , पाण्डवों के खिलाफ , कौरवों की संस्कृति रही है , अच्छे लोगों के मुखालिफ बुरे लोग हर जगह है , पाकिस्तान की इस्लामिक देश में , मुट्ठीभर लोग , इस्लामिक हो सकते है , लेकिन जिस तरह से वहां के लोगों के रवय्ये है , वहां की सरकारों का संचालन है , ,हरकतें है , निश्चित तोर पर वहां की गतिविधियां , गैर इस्लामिक , अधर्मी , अराजकता फैलाने वाली , यज़ीद , और फिरोन की तरह घटनाये है , ज़ालिम लोग सभी तरफ है , लेकिन ऐसी ज़ालिम घटनाओं , ऐसे ज़ालिम लोगों का समर्थन करने वाले लोग भी ज़ालिम हो जाते है , ,निश्चित तोर पर , पाकिस्तान में , रहीम यार खान इलाक़े की एक मस्जिद में , एक हिन्दू भाई किसान के पानी पीने की घटना पर जो बवाल मचाया है , वहां के कुतर्की यज़ीद , फिरोन कई बहाने बनाएंगे , कई घटनाये तोड़ मरोड़ कर बताएंगे ,, लेकिन उनका यह कृत्य किसी भी सूरत में माफ़ी योग्य नहीं है , इस घटना में जो भी लोग शामिल है , वोह मुसलमान तो किसी भी हालत में हो ही नहीं सकते , यहं तो इस्लामिक क़ानून अगर वहां ईमानदारी से है , तो ऐसे लोगों के सर क़लम कर देने का हुक्म है , वोह इस्लाम जिसमे , हसन , हुसैन के क़िस्से है , जिसमे मैदान ऐ कर्बला में यज़ीद के ज़ुल्म , और प्यासे हुसैन के क़िस्से है , जिसमे प्यासे लोगों को प्रताड़ित कर , यज़ीद का क़त्ल कर उसके सर को , सरे राह , नेज़े पर , लटकाकर , पुरे शहर में घुमाने के क़िस्से है , उस इस्लाम से जुड़े खुद को बताने वाले अगर कोई भी ऐसी बेहूदा हरकत करते है , तो वोह सिर्फ शैतान , सिर्फ शैतान है , उनका इस्लाम से कोई दूर दूर का वास्ता नहीं है , निश्चित तोर पर भारत को ऐसी गंभीर घटनाओं पर , पाकिस्तान की अंतररष्ट्रीय मंच पर आलोचना करना चाहिए , इस्लामिक राष्ट्रों को पाकिस्तान की इस हरकत पर , पत्र लिखकर , निंदा करना चाहिए , और पाकिस्तान से तमाम राजनायिक संबंध तुरंत तोड़कर , अम्बानी , अडानी , ,और दूसरे जो भी भारत के उद्यमी हैं , जिन्होंने वहां उद्योग खोलकर , पाकिस्तान की बेरोज़गारी दूर करने , पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में , जो अप्रत्यक्ष मदद की जाती रहे है , उसे तुरतं बंद ,कर भारत में भारतियों के लिए उन उद्योगों को लगाना चाहिए , ऐसी गंभीर घटना पर ,भारत की सरकार को , पाकिस्तान के राजदूत को , भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय में बुलाकर ,फटकार भी लगाना चाहिए , लेकिन एक हिन्दू का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान , का नारा अगर नारा नहीं है , अगर सही है , अगर मुंह में राम , बगल में छुरी की कहावत नहीं है , अगर हर हिंदुस्तानी , हिन्दू संस्कृति का है , तो फिर सभी को मिलकर , ऐसे मामले में , मिलकर आवाज़ उठाना चाहिए , और आवाज़ , भारत में मेरी अकेले की नहीं रहे , मेरे हिन्दू भाई उठायें उसके ,पहले भारत के दारुल उलूम ,भारत के मदरसों में बैठे , मौलवी , मौलानाओं , फ़तवेबाज़ों को , खुलकर पाकिस्तान के खिलाफ उठाना चाहिए , क्योंकि हम गिना नहीं रहे , हम जता नहीं रहे , लेकिन पाकिस्तान के जो अभी प्रधानमंत्री हैं , उन्होंने हमारे भारत का खूब नमक खाया है , हमारे भारत में खूब उन्होंने ,बिरयानी ,क़ोरमे , कोफ्ते , दाल , बाटी , सहित सभी तरह के व्यंजनॉ के मज़े उढ़ाये है , यहां का पानी उन्हें , बढे प्यार , बढ़े अदब से , भारतीय महमाननवाज़ी के अख़लाक़ के साथ , पेश किया जाता रहा है ,, जब वोह सिर्फ खिलाड़ी थे , अब वोह अनाड़ी है , भारत के दुश्मन है , उन्हें देखना चाहिए , एक प्यासा , सिर्फ प्यासा होता है , वोह कोई हिन्दू नहीं होता , कोई मुसलमान , क्रिश्चियन , या सिक्ख नहीं होता , फिर प्यासों को तो सभी धर्म मज़हब के लोग ,, पानी के प्याऊ लगाकर , सबीलें ,लगाकर प्यास बुझाते है , मस्जिद तो अल्लाह का घर है , वहां कोन हिन्दू , कोन मुसलमान , अल्लाह के घर में तो अल्लाह की हर मखुलुख , जो किसी भी धर्म , मज़हब को माने , जो किसी भी अवतार को माने ,, उसके लिए दरवाज़े खुले है , क्योंकि नहीं है कोई अल्लाह के सिवा और मोहम्मद उसके रसूल है , इतना ही नहीं है , जो धर्मयुद्ध के खिलाफ है , जो मानव धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है , वोह काफिर सिर्फ काफिर है , फिर वोह चाहे खुद को किसी भी धर्म का अलमबरदार बताये चाहे खुद को कितना ही बढ़ा इस्लामिक बताएं , अल्लाह की सीख को , अल्लाह के मानव धर्म को नहीं मानने वाले , ऐसे पाकिस्तानी काफिर है , अल्लाह का हुक्म के मेने सभी क़बीलों में ,अलग अलग , उन्हीं की जुबान में उन्हें राह ऐ रास्ते पर लाने के लिए पैगंबर भेजे है , जो उन्हें उनकी जुबां में समझायेंगे , तुम उनसे झगड़ो मत , तुम्हे तुम्हारा दीन मुबारक , उन्हें उनका दीन मुबारक , तुम उनके खुदा को , बुरा मत कहां , कहीं ऐसा ना हो पलट कर वोह तुम्हारे खुदा को बुरा कहने लगे है , लेकिन पाकिस्तान में तो शैतानों की भरमार है , वोह इस्लाम को ,इस्लाम की मज़हबी शिक्षाओं को , मोहब्बत के पैगाम को ,क्या जाने , वोह अल्लाह की हुज़ूर स अ व् के ज़रिये दी गयीं नसीहतों को क्या जाने , वोह क्या जाने के , फ़िरोंन ,को मूसा ने क्यों मारा , मूसा ने पहाड़ को क्यों ऊँगली पर उठाया , वोह क्या जाने , सूरज को आग का गोला होने पर भी उन्होंने क्यों खा लिया , क्यों , फिरौन के ज़ुल्म से निजात देने वाले , मूसा को नील नदी में पानी की टोकरी में बहते हुए देखकर , एक अनजान माँ ने उनेह पाला जबकि फिरोन पेशनगोई के आधार पर , उसकी हत्या करने की पूर्व जानकारी पाकर , मूसा को जन्म से पहले ही मार देने की तलाश में था ,लेकिन उनका जन्म , उनका टोकरी में बहकर आना , फिर उनकी जान बचना ,उन्हें बलशाली होने पर , एक घूंसे में भेंसे को मार देने के बाद , खुद फिरोन को अपने घर में बुलाकर रखना , और नील नदी में रास्ता बनाकर , फिरोन को खत्म कर देने के समानांतर क़िस्से वोह पाकिस्तानी क्या जाने , जो प्यासों को पानी पीने पर भड़क पड़ते है , उन्हें प्रताड़ित करते है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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