वाह रे मानव तेरा स्वभाव....*
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..
मय्यत मे जनाजा आगे
और दुनिया पीछे चलती है.. यानि दुनिया खुशी मे आगे
और दुख मे पीछे हो जाती है..!
अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल
मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
Wah re duniya !!!!!
पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है
और.....
बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है
इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता है
नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है,
मिठी बात करने वाले तो चापलुस भी होते है।
इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़े।
और मिठाई में तो अक़्सर कीड़े पड़ जाया करते है..
राजेन्द्र सुमन .....
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