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22 सितंबर 2021

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री , नितिन गडकरी ने ,, पत्रकारों को , टोल टेक्स माफ़ करने के ज्ञापन मामले में जिस बेशर्मी से , अपमानित करने का प्रयास किया है , वोह निश्चित तोर पर अक्षम्य अपराध है

 केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री , नितिन गडकरी ने ,, पत्रकारों को , टोल टेक्स माफ़ करने के ज्ञापन मामले में जिस बेशर्मी से , अपमानित करने का प्रयास किया है , वोह निश्चित तोर पर अक्षम्य अपराध है , कोटा प्रेस क्लब अध्यक्ष गजेंद्र व्यास , गिरीश गुप्ता , द्वारा इस मामले में , ज्ञापन के माध्यम से , चर्चा करने की कोशिश निश्चित तोर पर सराहनीय क़दम है , लेकिन जिस तरह से गडकरी का बर्ताव रहा है , वोह निंदनीय है , और ऐसे बर्ताव के खिलाफ देश भर के पत्रकार साथियों को एक जुट होना ही होगा , यह एक गंभीर प्रश्न है , कोटा के पत्रकारों को , खासकर कोटा प्रेस क्लब को , इस मामले में ,कलेक्टर के माध्यम से , महामहीम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री महोदय को ज्ञापन भेजकर , ऐसे बर्ताव के खिलाफ मोर्चा खोलना की हिम्म्मत दिखाना चाहिए , कोटा लोकसभा क्षेत्र के सांसद ,, ओम बिरला , लोकसभा अध्यक्ष भी है , वोह कोटा के भी है , इस मामले में , कोटा के पत्रकारों को उन्हें भी ज्ञापन देना चाहिए , जबकि , वरिष्ठ भाजपा नेता , श्रीमती वसुंधरा सिंधिया , कोटा संभाग के झालावाड़ ज़िले से है , उन्हें भी गडकरी के रवय्ये के बारे में मिलकर शिकायत करना चाहिए ,, पत्रकारों का ज्ञापन देना हक़ है , उस ज्ञापन के गथ्यों को आप स्वीकार करो , या ना करो , यह आपकी मर्ज़ी है ,लेकिन ज्ञापन देने वाले पत्रकार संगठन के अध्यक्ष और पदाधिकारियों की उपेक्षा , मन मर्ज़ी , और फिर साफ गोई के नाम पर बेशर्मी से इंकार करना , निश्चित तोर पर निंदनीय है , ,पत्रकार रिपोर्टिंग के लिए जब एक ज़िले से दूसरे ज़िले में आते जाते है , तो उन्हें सरकारी स्तर पर कुछ सुविधाये मिलती है , लेकिन टोल टेक्स वसूली के नाम पर , पत्रकार साथियों के साथ निश्चित तोर पर अन्याय है ,, महाराष्ट्र में तो गडगरी साहिब में दम नहीं जो वहां टोल टेक्स वसूल लें लेकिन ,, राजस्थान में आकर , गडकरी जी का यह रवय्या पत्रकारिता के अपमान के साथ , राजस्थान का अपमान भी है , खूब कहते है , फोकटिये , मुफ्तखोर , यक़ीनन , देश में अगर एक भी ऐसे शख्स को , छूट नहीं मिल रही हो , तो यह छूट की मांग नाजायज़ है , देश में राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , सहित कई दर्जन लोग ऐसे है , जिन्हे सरकार से लाखों रूपये प्रति माह की तनख्वाह , वेतन भत्ते मिलते है , खुद गडकरी साहिब को भी लाखों रूपये के भत्ते ,और वेतन मिल रहा है , फिर भी वोह इस छूट की सूचि में खुद को पाकर गौरवान्वित करते है ,, अगर लाखों रूपये वेतन कमाने वाले , लोगों को , सरकारी स्तर पर , भत्ते लेने वाले लोगों को , टोल टेक्स में छूट है , तो फिर कोटा के पत्रकारों ने , अगर ज्ञापन के मध्यम से देश भर के पत्रकारों के लिए , जो छुट दूसरों को दी जा रही है , उस छुट की मांग कर ली ,, तो कोनसा आफत का पहाड़ टूट पढ़ा था , वोह भी जब , तब सोशल मिडिया पर , मिडिया पर नितिन गडकरी साहिब के हवाले से , पत्रकारों को टोल टेक्स की छुट की अफवाहे , इनके सोशल मिडिया टीम की तरफ से चलाई जाती रही है ,,, खेर खुद नितिन गडकरी हो , दूसरे इनके समकक्ष लोग हो , वोह तो टोल टेक्स से छुट प्राप्त है , ओर उन्होने पत्रकार साथियों के लिए साफ , जिस लहजे मे ,इंकार किया है कारण बताए है , वोह निश्चित तोर पर निंदनीय है , शर्मिंदा करने वाले है , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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