आपका-अख्तर खान

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02 अगस्त 2021

काश मेने तुझ खुशनुमा ज़िंदगी से नहीं ,

सुन , ज़िंदगी ,
काश मेने तुझ खुशनुमा ज़िंदगी से नहीं ,
मोत से मोहब्बत की होती ,
ना में रोता ,, ना चीखता , ना चिल्लाता ,
सुकून की नींद होती , और क़ब्र में सो जाता ,

 

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