कोटा व्यापार महासंघ के , पिछले किए दिनों के अप्रत्याशित , मनमाने फैसलों से ,, आम जनता को तो दिक़्क़तें आ ही रही है ,,साथ ही ,व्यापार महासंघ के , अचानक लिए गए फैसलों से ,, सियासत में पक्षपात की गंध भी आने लगी है ,,, कोटा में ,, वर्तमान में कोचिंग खोलने के मामले में ,, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,, केबिनेट मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के आश्वासन , और सकारात्मक प्रयासों के बावजूद भी ,, कांग्रेस पक्ष के पदाधिकारियों के व्यापार महासंघ में मौजूद होने पर भी , एक तरफा कोटा बंद का फैसला इस मामले में एक उदाहरण है ,, कोटा में कोचिंग ,, सशर्त व्यवस्था के तहत ,,, 18 जनवरी से खोले जाने के निर्देश है ,, इसके बाद ,, 8 जनवरी को कोटा बंद का आह्वान ,, नौसिखिया आह्वान , के अलावा कुछ अधिक नहीं है ,, कोटा व्यापार महासंघ हमेशा ,, कोटा के नागरिकों के प्रति ,, निष्पक्ष , निर्भीक रूप से वचनबद्ध रहा है ,, लेकिन इन दिनों अचानक ,, सियासत से प्रेरित होकर ,, लिए जाने वाले , फैसले ,, इन फैसलों पर कोई राय मशवरा नहीं , और ऐसे सियासी फैसलों के खिलाफ ,, कांग्रेस से जुड़े व्यापारी पदाधिकारियों की चुप्पी भी ,, उन्हें , दोनों हाथों में लड्डू ,, वाली कहावत के अनुरूप ,,, संदेह के घेरे में खड़ा करती है ,, कोटा में लोकडाउन हुआ ,, व्यापारियों ने ,,खुद बाज़ार बंद करने की समय सीमा तय कर दी ,, फिर बाज़ार खोलने को लेकर आंदोलनरत हो गए ,, कफ्र्यू ,, बाज़ारों में बिक्री का समय , सहित कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे रहे ,जिनपर ,, कार्यकारिणी में , आमसभा में चर्चा किये बगैर ,, कई बदलाव होते रहे ,, खेर ,,जनता के फायदे के लिए कुछ भी बदलाव अचानक भी सम्भव है ,, लेकिन हाल ही में ,, कोटा कोचिंग खोलने के मामले में ,, व्यापार महासंघ के हर पदाधिकारी की जानकारी में था , के कोटा कोचिंग छात्र ,छात्राओं , के सुरक्षात्मक उपायों के ,साथ , कोटा सहित सभी जगह , कोचिंग ,, शिक्षण संस्थाए खोलने पर ,, चिंतन ,, मंथन हो रहा है ,, सरकार ,, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,, केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल खुद इस मामले को लेकर चिंतित है ,, खुद कोटा जिला कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी , पंकज मेहता ,, ईश्वर गंभीर ,,, राखी गौतम ,, आबिद कागज़ी ,, इस मामले में , व्यापारियों की , कोचिंग संस्थाओं की आवाज़ बने है ,, फिर भी आयोजित बैठक में ,, कोटा कोचिंग खोलने की व्यवस्थाओं को लेकर आयोजित व्यापार महासंघ की बैठक में , 8 जनवरी को कोटा बंद के आह्वान का निर्णय ,,, कुछ मनमाना सा लगता है , इस मामले में ,, व्यापार महासंघ के ,, पदाधिकारी , ईश्वर गंभीर ने आपत्ति के साथ सुझाव भी दिए , लेकिन नज़र अंदाज़ करते हुए ,, कोटा बंद का आह्वान यथावत रखा ,, अफ़सोस तो इस बात पर है ,, के राजस्थान सरकार का कोचिंग खोलने का फैसला ,, शाम को ही आ गया था फिर भी व्यापार महासंघ का 8 जनवरी को कोटा बंद के आह्वान का फैसला बदला नहीं गया , और अख़बारों की सुर्ख़ियों में है कोटा बंद की खबरें शामिल रहीं ,, व्यापारी , स्वतंत्र है ,, वोह किसी पार्टी के कार्यकर्ता होने के बावजूद भी , व्यापार महासंघ में व्यापरिक हितों के चलते ,, निष्पक्ष रहते रहे है ,, लेकिन इस बार , ना जाने क्यों ,, पक्षपात पूर्ण ,,कार्यवाही ,, स्वतंत्र रूप से बैठकों में ,, चर्चा किये बगैर , ऐसे फैसले हुए है , जबकि ,, सत्ता से जुड़े व्यापार महासंघ के पदाधिकारी ,, ऐसे फैसलों पर ,, अपने सुझाव , विरोध दर्ज कराने की जगह , चुप्पी साधकर ,,, इनका मोन समर्थन कर रहे है ,,,,,,, इसमें बदलाव , सर्वमान्य चर्चा के बाद ,, रजिस्टर रिकॉर्डिंग ,, लिखित में फैसलों की परम्परा फिर से क़ायम हुआ चाहिए , ताकि व्यापार महासंघ कोटा का ,, निष्पक्ष ,, निर्विवाद ,, गैर राजनितिक अस्तित्व ,, बना रहे ,,, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 जनवरी 2021
कोटा व्यापार महासंघ के , पिछले किए दिनों के अप्रत्याशित , मनमाने फैसलों से ,, आम जनता को तो दिक़्क़तें आ ही रही है ,,साथ ही ,व्यापार महासंघ के , अचानक लिए गए फैसलों से ,, सियासत में पक्षपात की गंध भी आने लगी है
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