आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 दिसंबर 2020

राज्य में मानव अधिकार की स्थिति चिंताजनक

 

राज्य में मानव अधिकार की स्थिति चिंताजनक
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर एन.सी.एच.आर.ओ. का वेबिनार आयोजित
जयपुर, राजस्थान में 1999 में गठित राज्य मानव अधिकार आयोग में हर साल हजारों की तादाद में लोग इंसाफ की उम्मीद लगाकर परिवाद देते हैं। लेकिन कुछ ही लोग न्याय के मामले में खुश किस्मत होते हैं और उनको इंसाफ मिल पाता है। बड़ी तादाद उन नागरिकों की है जो सालों से मानव अधिकार आयोग से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। यह बात आज अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष में आयोजित हुए वेबीनार में मानवाधिकार अधिवक्ता अन्सार इंदौरी ने कही। मानवाधिकार संगठन एनसीएचआरओ द्वारा आयोजित इस वेबीनार का विषय श्राजस्थान में मानवाधिकारों की स्थितिश् था। वेबिनार में बोलते हुए मानव अधिकार कार्यकर्ता एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा की देश में मानवाधिकार हनन के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। सरकारों को मानवाधिकार आयोग को ज्यादा शक्तियां देने की जरूरत है। गाइडलाइन में सख्ती से पालन कराने के लिए मानव अधिकार आयोग को ज्यादा शक्तियां प्राप्त होती तो प्रभावित लोगों की संख्या कम करने में आयोग एक अहम रोल अदा कर सकता था। वेबिनार में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश मीणा ने कहा कि आज भी छोटी जाति के लोगों को जातिवाद का दंश झेलना पड़ रहा है इस संबंध में राज्य मानव अधिकार आयोग को कई शिकायतें प्राप्त हुई है उसके बावजूद भी जातिवाद के नाम पर दलितों और आदिवासियों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता दलितों के अधिकार और सुरक्षा के लिए कई कानून बनाती है लेकिन धरातल पर उसकी हकीकत बिल्कुल अलग है।
वेबिनार में बोलते हुए फादर विजय पॉल ने कहा कि आज राज्य में अल्पसंख्यकों के अधिकारों से उनको वंचित किया जा रहा है संविधान ने जो अधिकार अल्पसंख्यकों को दिए हैं उन अधिकारों की प्राप्ति के लिए राज्य के अल्पसंख्यकों को अभी भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
फासीवाद शक्तियां राज्य के धार्मिक अल्पसंख्यको के खिलाफ साजिश करती रहती है और जब भी मौका मिलता है ये ताकते उन्हें निशाना बना लेती है।
इंसाफ के नाम पर कमीशन और जांच कमेटी ही मिलती रही है।
वेबिनार में बोलते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार चावला ने कहा कि राज्य में पुलिस विभाग के सम्बन्ध में सबसे ज्यादा मानव अधिकार हनन की शिकायतें देखी जा रही है। नागरिकों को कानून का उल्लंघन करके पुलिस थानों में गैर कानूनी हिरासत में रखा जाता है और उनको प्रताड़ित किया जाता है जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारी और अन्य विभागों में की जाती है तो जांच की प्रक्रिया इतनी सुस्त होती है कि जांच प्रभावित होकर आरोपी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाती। इस वक्त भी मानव अधिकार आयोग में 5095 परिवाद लंबित हैं जो कम नहीं है। वेबिनार का संचालन कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता शब्बीर हुसैन खान ने कहा कि राज्य में मानव अधिकार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हमारे सामने सिर्फ वही मामले हैं जो मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए हम तक पहुंच पा रहे हैं, बहुत से ऐसे मामले हैं जिसके बारे में कहीं कोई खबर नहीं आती और जागरूकता के अभाव में लोग अपने मानव अधिकारों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी मशीनरी के कई विभाग नागरिकों के मानव अधिकारों का दिन प्रतिदिन हनन करते हैं। इस मामले में राज्य में मानव अधिकार आयोग और संगठनों को मिलजुल कर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि राज्य के नागरिकों को मानव अधिकार के संदर्भ में जागरूक किया जा सके। उन्होंने वेबिनार में शामिल होने वाले सभी वक्ताओं और श्रोताओं को धन्यवाद दिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...