आज ठिठुरती ठंड ,बरसते पानी में ,,बरकत उद्यान स्थित मस्जिद में , नमाज़ पढ़ने का फिर मौक़ा मिला ,, अल्लाह का घर है , लेकिन हालात जर्जर ,बिना छत के , एक साल से नहीं ,,दो साल से नहीं ,तीन साल से ,, इस मस्जिद की मरम्मत , टूटी दरारों को बंद करने का काम बंद सा है ,, हज़ारों लोग , इस अल्लाह के घर को , संवारना चाहते है , मरम्मत करवाना चाहते हैं ,, , लेकिन हर मज़हब के ,हर शख्स को ऐसे मामले जहाँ अल्लाह , ईश्वर की इबादत होती है ,बिना किसी विवाद के , ऐसे भवनों को निर्विवाद तरीके से मरम्मत कार्यों में मदद करना चाहिए ,, यह वही बरकत उद्यान है ,, जब गोविन्द सिंह जिला कलेक्टर आज से पचास साल पहले कोटा में नियुक्त थे ,, उन्होंने झालावाड़ रोड को निर्मित करवाने के लिए ,, जिला वक़्फ़ कमेटी कोटा ऐसे ,, वक़्फ़ की ज़मीन ,, इस बरकत उद्यान के मज़ारात को , बचाते हुए , वक़्फ़ कमेटी के ज़रिये ,, झालावाड़ रोड के नाम पर , सड़क के लिए दोनों तरफ , ज़मीन लेकर , आवाजाही के लिए सड़क बनाई थी , और इस जगह को बरकत उद्यान के रूप में विकसित भी किया था ,, यहाँ इबादत घर भी है , मज़ारात भी है , जहां सभी वर्ग , धर्म समाज के अक़ीदत मंद आते है ,, पिछले तीन साल पहले , नमाज़ में पानी के वक़्त दिक़्क़त आने , कुछ दरारें आने से , कुछ लोग इस छत को मज़बूत करना चाहते थे ,बस , प्रशासन ने इस काम को नहीं होने दिया ,,कोई बात नहीं , काम रोक दिया था ,लेकिन ज़मीन वक़्फ़ की , मरम्मत काम काज के लिए रुपया समाज का ,, आसपास कोई किसी को तकलीफ नहीं ,दिक़्क़त नहीं ,सुरक्षित दायरे में , मरम्मत कामकाज , फिर क्यों इस छत मरम्मत के काम को बार बार रोका जाता है ,, में भी शर्मिंदा हूँ ,,वक़्फ़ विभाग इस मामले में ज़िम्मेदार है ,कोटा के रहनुमा लोग ,, अमन पसंद लोग ,, हमारी सियासत करने वाले लोग ,, हमारे हमदर्द लोग , बेवजह मरम्मत काम काज में टांग अड़ाने वाले प्रशासनिक लोग ,, हमारे जन प्रतिनिधि , हमारे नाम पर नेतागिरी करने वाले लोग ,, सत्ता से जुड़े मज़हबी लोग ,, वक़्फ़ से जुड़े लोग , जन प्रतिनिधि ,, सरकार के ओहदों की दौड़ में शामिल लोग , ,सभी एक बार सोचें ज़रूर ,, गर्मी में तपती धुप ,, सर्दी में ठिठुरती ठंड , बारिश में भीगते हुए इन नमाज़ियों के बारे में सोचें ,, इस बरकत उद्यान इबादत घर की मरम्मत के साथ ,, इसकी छत के निर्माण मरम्मत में आ रही बेवजह की रुकावटों को दूर कर , इसे बाद करने लायक फिर से बनवा दें , ताकि बारिश , गर्मी ,सर्दी की परेशानियों से , नमाज़ियों को बचाया जा सके , और सरकार , सरकार में बैठे लोग , अमन पसंद लोगों को ,दुआए मिलती रहें ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 दिसंबर 2020
आज ठिठुरती ठंड ,बरसते पानी में ,,बरकत उद्यान स्थित मस्जिद में , नमाज़ पढ़ने का फिर मौक़ा मिला ,, अल्लाह का घर है , लेकिन हालात जर्जर ,बिना छत के , एक साल से नहीं ,,दो साल से नहीं ,तीन साल से ,, इस मस्जिद की मरम्मत , टूटी दरारों को बंद करने का काम बंद सा है
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