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13 दिसंबर 2020

चलती ट्रेन में ,,, लुटेरों से मुक़ाबला करने वाले कोटा हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी कुन्हाड़ी के ,नौजवान सॉफ्टवेयर इंजीनियर , दीपक शुक्ला ,, अपनी दोनों टाँगे गंवा चुके है ,, अल्लाह् का शुक्र है ,वोह अब तंदरुस्त है , लकिन दोनों टाँगे गंवाने के बाद गाज़ियाबाद में सॉफ्ट इंजीनियर की नौकरी भी उनकी चली गयी है

चलती ट्रेन में ,,, लुटेरों से मुक़ाबला करने वाले कोटा हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी कुन्हाड़ी के ,नौजवान सॉफ्टवेयर इंजीनियर , दीपक शुक्ला ,, अपनी दोनों टाँगे गंवा चुके है ,, अल्लाह् का शुक्र है ,वोह अब तंदरुस्त है , लकिन दोनों टाँगे गंवाने के बाद गाज़ियाबाद में सॉफ्ट इंजीनियर की नौकरी भी उनकी चली गयी है ,, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत सरकार को ,, सहानुभूतिपूर्ण सरलीकरण नियमों के तहत ,दीपक शुक्ला को रेलवे में उनकी योग्यता के अनुरूप नौकरी दिलवाकर , फिर से दीपक को , रौशनी से जगमगाना चाहिए ,,, 6 सितम्बर 2019 को रात्रि 7. 30 बजे दीपक शुक्ला ,, इंटरसिटी एक्सप्रेस में थे ,के अचानक , लुटेरों ने हमला कर दिया ,, चेन छीनी ,मोबाइल छीना ,उत्पात मचाया ,, दीपक शुक्ला यूँ तो गुरूजी के सुपुत्र है , लेकिन उनके खून में दादा श्री की आज़ादी की जंग , संघर्ष का भी , खून है ,, ऐसे में दीपक शुक्ला उनसे भीड़ गए ,, नतीजन संघर्ष में ,, दीपक शुक्ला ट्रेन से नीचे गिरे और उनकी दोनों टाँगे वोह गंवा बैठे , इस सारी घटना की पुलिस रिपोर्ट , जी आर पी निजामुद्दीन दिल्ली के थाने में दर्ज है , दीपक शुक्ला को उनके वालिद घनश्याम शुक्ला कोटा लाये , यहां कोटा के अस्पतालों में उन्होंने ज़िंदगी मोत की जंग लड़ी और फिर , कामयाबी के साथ , सेहतयाब हुए , उन्हें इस जंग में , उनके दोनों पैर गंवाने का ज़रा भी अफ़सोस नहीं ,,, राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने , दीपक शुक्ला को मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रूपये ,, राज्यपाल महोदय की तरफ से दो लाख रूपये दिए ,, जबकि राजस्थान सरकार ने कोटा जिला कलेक्ट्रेट के ज़रिये , दीपक शुक्ला को उनकी इस बहादुरी के कारनामे के लिए ,, उनकी होसला अफ़ज़ाई करते हुए ,, गणतंत्र दिवस पर उन्हें पुरस्कृत भी करवाया ,, यह राशि दीपक शुक्ला के इलाज ,, जीवनयापन , दोनों पैरों को खोने के बाद ,आर्टिफिशियल पैर लगाने के लिए , ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं है ,, दीपक शुक्ला ,इन हालातों में , दोनों पैर गंवाने के बाद , अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी भी गंवा चुके है ,, घटना कहो , दुर्घटना कहो ,लूटपाट कहो , ट्रेन में गुंडों का उत्पात कहो , है तो केंद्र सरकार की सरक्षात्मक लापरवाही से उपजी घटना ,, ऐसे में एक दीपक ,, जो हमेशा दूसरों की ज़िंदगी को रौशनी देता रहा है , ,अंधेरों में उजाला फैलाता रहा है , उस दीपक को ही अँधेरे में रख दिया गया है ,, दीपक की रौशनी को टिमटिमाने के लिए राजस्थान सरकार ने कुछ हौसले का तेल तो डाला है , लेकिन उनके , परिवार के जीवन यापन के लिए , पहाड़ सी ज़िंदगी के सफर के लिए ,, यह मदद ऊंट के मुंह में जीरा है , ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला , अध्यक्ष आबिद हुसैन अब्बासी ने इस मामले में ,, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर , कोटा के दीपक शुक्ला की ज़िंदगी में रौशनी फिर से भरने की गुज़ारिश करते हुए ,, वर्तमान दुर्घटनात्मक हालातों के तहत , बी हार्ट भारत सरकार के अधीनस्थ रेलवे को ,, दीपक शुक्ला को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी देने का आग्रह , ,निवेदन किया है ,यूँ तो ,, दीपक शुक्ला के लिए उक्त हालातों में रेलवे की नौकरी कोई भीख नहीं उनका हक़ है , बहादुरी का पुरस्कार होना चाहिए , जो उन्हें बिना किसी विधि नियमों की अड़चनों ,वाद विवाद के ,, सभी तरह की शिथिलता बरतते हुए ,, तुरंत दे देना चाहिए , , बहनों ,भाइयों , मित्रों , अब देखना है ,, हमारे देश के सम्मानीय प्रधानमंत्री महोदय , कोटा लोकसभा अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र के इस , स्वतंत्रता सेनानी परिवार के , जांबाज़ बेटे ,, सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे ,भाई दीपक शुक्ला के साथ कब तक , न्याय करते है , दीपक शुक्ला को अँधेरे में से निकाल कर प्रधानमंत्री महोदय , उन्हें रेलवे में नौकरी दिलवाकर , कब तक फिर से उनकी ज़िंदगी में रौशनी भरते है ,, आदरणीय भाइयों ,बहनों ,मित्रों , जो भी आदरणीय प्रधानमंत्री के नज़दीक हों , उन्हें गरीबों का हमदर्द समझते हो ,न्यायवादी समझते हों , वोह भी अपनी क़लम से या फिर इस पोस्ट को , प्रधानमंत्री के नाम ज़रूर लिखे ,, ज़रूर इस इल्तिजा को ,इस प्रार्थना को दीपक के पक्ष में उनकी ज़िंदगी जगमगा देने वाली खुशनुमा खबर के साथ पूरी करें ,इसकी कोशिशें , संवेदनशील कोशिशें ,,प्लीज़ करें ,, संवेदशीलता दिखाए , आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय की कार्यशैली में ,, उदारता , संवेदनशीलता का भाव जगाकर , कोटा के इस बेटे को प्लीज़ इन्साफ दिलवाये ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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