आपका-अख्तर खान

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09 नवंबर 2020

सुनो , बद्दुआ के लिये

सुनो , बद्दुआ के लिये
शुक्रिया , शुक्रिया,
बदनसीब ही तो हूँ में ,
इन बद्दुआओं के लिये ही
शायद तुमसे मेने
मोहब्बत की थी , अख़्तर

 

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