रिपोर्टिंग जिहाद पर ,, क़ानून बनना अनिवार्य है ,, खुद सुप्रीमकोर्ट भी लगातार , नफरत रिपोर्टिंग पर नाराज़गी जता चुकी है ,,हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक़ी कप्पन मामला की सुनवाई की रिपोर्टिंग पर , जब अख़बारों , चेनल्स ने , पत्रकार को राहत देने से इंकार , की खबर चलाई तो उस खबर पर सुप्रिमकोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है , पूर्व में तब्लीगी जमात , मामले , में रिपोर्टिंग जेहाद , वाले नफरत बाज़ पत्रकारों को भी कई बार फटकार लगायी जा चुकी है ,लेकिन मोदी सरकार , केंद्र सरकार , रिपोर्टंग जेहादियों , की नाक में नकेल डालने के लिए अब तक कोई क़ानून नहीं बना पायी है ,,, अख्तर
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