आपका-अख्तर खान

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04 नवंबर 2020

तुम रूठ भी जाओ

 

तुम रूठ भी जाओ
साहिबा गर अपने साहिब से ,
फिर भी यह साहिब
तुम्हारे थे , तुम्हारे रहेंगे , अख़्तर

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