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09 अक्तूबर 2020

पत्रकारिता की एक विजय पताका , पत्रकारिता का एक नारायण , पत्रकारिता का एक अनुभवी संक्सेना ,, विजय नारायण सक्सेना

 पत्रकारिता की एक विजय पताका , पत्रकारिता का एक नारायण , पत्रकारिता का एक अनुभवी संक्सेना ,, विजय नारायण सक्सेना ,, जिनकी दैनिक जीवन शैली पत्रकारिता है ,, जिनकी परवरिश पत्रकारिता की गोद रही ,है , जो पत्रकारिता की अनुकरणीय जीवनशैली , है पत्रकारिता का जो स्कूल है ,, पत्रकारिता की जन जागृति है ,,आज इस वरिष्ठ पत्रकार ,भाई विजयनाराय सक्सेना का जन्म दिन है ,,सभी पत्रकारिता के इस स्तम्भ ,को , पत्रकारिता के इस संघर्ष को , पत्रकारिता के इस , निर्भीक ,निष्पक्ष हर दिल अज़ीज़ लेखन को , उनके जन्म दिवस पर , बधाइयां , मुबारकबाद दे रहे है ,, जी हाँ दोस्तों ,,दैनिक जन जागृति अख़बार के प्रकाशक ,सम्पादक , प्रेस क्लब कोटा के संस्थापक ,विजय नारायण सक्सेना का आज जन्म दिन ,उनके दोस्त ,पत्रकारिता संगठन ,, पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत मना रहे है ,, पत्रकारिता परिवार से जुड़े भाई विजय नारायण सक्सेना ,, की परवरिश ,,फ्रीडम फाइटर ,स्वर्गीय श्याम नारायण सक्सेना के सैद्धांतिक संघर्ष की गोद में हुई है ,, इन्होने इनके स्वर्गीय पिता से संघर्ष सीखा है ,, बुराई के खिलाफ बिना किसी खौफ ,डर के , निष्पक्षता ,निर्भीकता ,के आख़री दम तक संघर्ष की इन्होने इनके पिता के स्कूल से पी एच डी डॉक्टरेट की डिग्री हांसिल की है ,,इनके स्वर्गीय पिता ,जनता का दरबार लगाते थे ,वोह बोलकर , लिखकर ,सरकार की हर बुराई ,को हर भ्रष्टाचार को उजागर करते थे , उनका हाड़ोती का पहला साप्तहिक समाचार पत्र ,जन जागृती , अख़बार के प्रकाशन से ,भाई विजय नारायण सक्सेना ने पत्रकारिता सीखी है ,, कोटा गवर्मेंट कॉलेज से स्नातक करने के बाद ,विजय नारायण सक्सेना ने , क़ानून की पढ़ाई पास की ,,वोह पत्रकारिता से बचपन से जुड़े थे ,संघर्ष उनकी परवरिश , इंसाफ के लिए लड़ना उनका स्वभाव है ,,इसीलिए बेबाक लेखनी के कारण विजय नारायण सक्सेना पर कई जानलेवा हमले हुए ,कई बार गंभीर घायल हुए , सरकार की दमनकारी नीतियों का शिकार होना पढ़ा , लेकिन विजयनारायण ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता ,निष्पक्षता , निर्भीकता से कभी समझौता नहीं किया ,पत्रकार संगठन प्रेस क्लब ,कोटा , लघु समाचार पत्र सहित कई संगठनों से विजय नारायण सक्सेना ने जुड़कर पत्रकारों के हक़ में संघर्ष किये , लेखन की विशेष शैली , निर्भीकता ,किसी भी समस्या के समाधान के आखरी संघर्ष तक लिखना ,पुलिस हो ,माफिया हो.. भ्रष्ट अधिकारी हो ,, नेता हो उनके खिलाफ अगर इन्होने लिखना शुरू किया तो ऐसे लोगों की जनम पत्री , भ्रस्टाचार के सभी कच्चे चिट्ठे सामने होते है ,अधिकारीयों , ,नेताओं की कोई चमचागिरी ,चापलूसी नहीं ,लेकिन यारों के लिए यारी का स्वभाव विजय नारायण को दूसरों से ख़ास बना देता है ,,,दोस्ती के लिए ,,रिश्तों के लिए ,,संबंधों को बनाये रखने के लिए ,, इनका क़ुर्बानी का जज़्बा रहा है ,कई बार इन्हे बढे बढे नुकसान इनके इस स्वभाव के लिए उठाना पढ़ा है ,, भाई विजय नारायण सक्सेना को उनके जन्म दिन पर , सह्तयाबी ,उम्रदराज़ी ,खुशियों की , कामयाबी की बेशुमार दुआओं के साथ ,दिली मुबारकबाद ,

बधाई
,उनके जन्म दिन पर अख्तर खान अकेला ,, के डी अब्बासी ,,धीरज गुप्ता तेज ,डॉक्टर डी ऍन गाँधी ,, सलीमउर्रहमान खिलजी ,, रजत खन्ना ,सुनील राजा ,नरेश विजय वर्गीय , हरी मोहन शर्मा , क़य्यूम अली , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,, रफ़ीक़ पठान ,, ओमेंद्र सक्सेना ,श्याम रोहिरा ,, गजेंद्र व्यास ,जितेंद्र शर्मा , रिछपाल पारीक , सहित सभी पत्रकार साथियों ने इन्हे
बधाई
दी है ,इनकी
बधाई
का सिलसिला जारी है ,

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