आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 अक्तूबर 2020

आज जाने की ज़िद ना करो

 

आज जाने की ज़िद ना करो
यूँ ही पहलु में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद न करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया ना करो
आज जाने की ज़िद ना करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया ना करो
आज जाने की ज़िद ना करो
तुम ही सोचो ज़रा
क्यूँ ना रोकें तुम्हें
जान जाती है जब
उठ के जाते हो तुम
जान जाती है जब
उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जानेजां
बात इतनी मेरी मान लो
आज जाने की ज़िद ना करो
यूं ही पहलु में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद ना करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया ना करो
आज जाने की ज़िद ना करो
वक़्त की कैद में ज़िन्दगी है मगर
चंद घड़ियां यही हैं जो आज़ाद है
इनको खो कर मेरी जानेजाँ
उम्र भर ना तरसते रहो
आज जाने की ज़िद ना करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया ना करो
आज जाने की ज़िद ना करो
कितना मासूम रंगीन है ये समां
हुस्न और इश्क़ की आज बैराज है
कल की किसको ख़बर जानेजाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की ज़िद ना करो
यूँ ही पहलु में बैठे रहो
आज जाने की ज़िद ना करो
हाय मर जाएंगे
हम तो लुट जाएंगे
ऐसी बातें किया ना करो
आज जाने की ज़िद ना करो

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...