आपका-अख्तर खान

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18 अक्तूबर 2020

खामोश रहते रहते

 

कभी कभी इंसान सच में हार जाता है ,
खामोश रहते रहते
सब्र करते करते
उम्मीदें रखते रखते
रिश्ते निभाते निभाते
सफाइयां देते देते
अपनों को मनाते मनाते।

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