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09 अक्तूबर 2020

कितना शरीफ , कितना ईमानदार ,, कितना पक्षपाती है , भारत का चीखने , ,चिल्लाने वाला मीडिया देश में इसकी पोल पट्टी तो पहले ही खुल गयी थी ,

 कितना शरीफ , कितना ईमानदार ,, कितना पक्षपाती है , भारत का चीखने , ,चिल्लाने वाला मीडिया देश में इसकी पोल पट्टी तो पहले ही खुल गयी थी , लेकिन टी आर पी बढ़ाने का महाराष्ट्र में पुलिस मुक़दमे में खुलासा , और सुप्रीमकोर्ट की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर दुरूपयोग की टिप्पणी , खुद खबरों को नियंत्रित करने वाले प्राधिकरण द्वारा चैनल पर जुर्माने इस सच का खुला समर्थन कर रहे है ,,के देश में मीडिया बजरबट्टू बन गया है ,,, प्रवक्ता बन गया है ,,,, जी हाँ दोस्तों ,भारत की पत्रकारिता , पत्रकारिता के चरित्र की गिरावट देश ने देखी है ,विदेशों में अब इनकी डिबेट , लाइव बहस ,,खबरों के प्रस्तुतिकरण पर ख़ासा मज़ाक़ बनने लगा है , हालात यहाँ तक पहुँच गए है के हास्य कलाकार तो अब , भारत के मिडिया के भोंकने ,चिल्लाने ,चीखने ,, खबरों के प्रस्तुतिकरण के तोर तरीकों के सच उजागर करते हुए मनोरंजक कार्य्रकम भी बना रहे है ,एक शख्स जिसके पिता श्री भाजपा से चुनाव लड़े हों ,वोह अगर पत्रकारिता में खुद का चैनल चलाये तो उससे दूसरी पार्टी को ,या देश के दूसरे सामान्य तबके को निष्पक्षता की उम्मीद करना बेकार है ,वोह तो पिता श्री की सोच के तहत , एक व्यवस्था है ,जो देश को झूंठ बेच रहा है ,नफरत बेच रहा है ,अख़बार के मालिक ,कहीं न कहीं किसी सरकार के हिस्सेदार है ,ज़रूरतमन्द है ,, चैनल मालिक प्रबंधन में सरकार से बढे बढे ठेकों में मुनाफा कमाने वाले , शेयर होल्डर है ,ऐसे में ,प्रभावित क्यों नहीं हो ,, लेकिन में मुबारकबाद देना चाहता हूँ ,जमात ऐ इस्लामी के लोगों को , जागरूक लोगों को , जिन्होंने देश की अदालतों में इस मुद्दे को उठाया ,, देश को इस सच को उजागर कर , लोगों तक पहुंचाया , इस गोरखधंधे के खिलाफ एक अभियान एक लड़ाई की शुरआत की है ,अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर झूंठ , नफरत ,नहीं बेचीं जा सकती ,अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर किसी पार्टी ,किसी व्यक्ति की प्रवक्ता गिरी हरगिज़ हरगिज़ नहीं की जा सकती ,अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर देश को साइको नहीं बनाया जा सकता ,देश को सच छुपाकर ,भ्रमित नहीं किया जा सकता ,, मीडिया की निष्पक्षता को खरीद , फरोख्त कर ,सरकार बनाने ,सरकारें गिराने ,एक समाज से दूसरे समाज के लिए नफरत , एक समाज के खिलाफ ,, एक धर्म के खिलाफ प्रोपोगंडा नहीं किया जा सकता ,, अब देश में अंधभक्तों , और सौदेबाज़ों का अगर हम अलग कर दे तो देश समझने लगा है ,,, हाल ही में , मुंबई  हाईकोर्ट ने जमात ऐ इस्लामी वाले मामले में ,, मीडिया को ललकार लगाई ,गलत रिपोर्टिंग ,झूंठ रिपोर्टिंग , भड़काऊ रिपोर्टिंग पर ,तानेबाजी की ,, इधर सुप्रीमकोर्ट ,  दिल्ली हाईकोर्ट ने एक चैनल द्वारा नफरत भरा कार्यक्रम चलाने का विज्ञापन दिया तो उस चैनल के इस कार्यक्रम को एक याचिका के बाद स्थगित रखने के आदेश दिए है ,,खुद ब्रॉडकास्ट मंत्री भी अब तो पत्रकारों को ज़िम्मेदारी समझाने की बात करने लगे है , इधर सुप्रीमकोर्ट ने कल जो सरकार से नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए ,मीडिया की मनमानी ,अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता के दुरूपयोग की बात स्वीकारी है वोह अगर यही बेंच रही तो न जाने क्या आदेश हो , या फिर अचानक कोई सोच बदल जाये ,आदेश में अजीब मार्गदर्शन आए जाए यह भविष्य  की बात है , खुद प्राधिकरण ने आज तक चैनल पर जुर्माना लगाया है , यह सब सुप्रीम कोर्ट ,खासकर ,जमात ऐ इस्लामी की याचिका के बाद ,ऐसे छद्म ,बिकाऊ ,भोंखने ,चिल्लाने वाले , पैकेज पर , षड्यंत्रकारी खबरे चलाने वालों के खिलाफ मामूली सा ही ,सही लेकिन अंकुश तो लगा है ,,मुंबई पुलिस ने टी आर पी के गोरखधंधे में , हाल ही में बढ़ा खुलासा किया है , देश जल रहा है ,,भूख से मर रहा है ,,बिमारी की गिरफ्त में है , सीमाओं पर दुश्मनों की चालबाजियां है ,, सरकार के वायदे पुरे नहीं हो रहे है ,,किसान हो ,बेरोज़गार हो ,युवा हो ,, उद्योगपति हो , उच्चवर्गीय हो , मध्यम वर्गीय हो ,, सभी लोग परेशांन प्रताड़ित है ,खुश है तो बस यह , जेबी मीडिया चैनल ,वर्कर , प्रिंट मीडिया से जुड़े लोग ,, या फिर सरकार की दलाली में लगे ,स लोग ,सरकारें कैसे  गिरें , सरकारें कैसे गिराए ,अपनी सरकारें कैसे बनाये ,सारा फोकस सिर्फ इसी तरफ है , और इसके लिए ,अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में , मज़हबी नफरत की जालसाज़िया ज़बरदस्त है ,सोशल मीडिया पर तो , एक वर्ग विशेष के वेतनभोगी लोग , इसी पैकेज पर काम कर रहे है ,,उनकी हर पोस्ट में धार्मिक नफरत , धार्मिक उन्माद उकसाने का ऐंगल होता है , अंधभक्त गिरी भी होती है , ऐसे लोग किसी के नौकर तो हो सकते है ,लेकिन ऐसे लोगों से देश की आम जनता के साथ इंसाफ , उनके साथ हमदर्दी ,राष्टभक्ति , राष्ट्रिय सुरक्षा , राष्ट्रनिर्माण की उम्मीद क़तई नहीं की जा सकती ,, अब सोशल मिडिया हो ,, प्रिंट मिडिया हो  ,, माउथ पब्लिसिटी मीडिया हो ,, आम सभाओं में फैलाया गया झूंठ का सिस्टम हो , इलेक्ट्रॉनिक मिडिया हो ,,फ़र्ज़ी याचिकाएं हो ,,इन सब पर सख्ती से ,, सजा का क़ानून बनाकर , ऐसे लोगों को सज़ा दिलवाकर उन्हें है में भेजने , ऐसे लोगों को सबक़ सिखाकर देश को बचाने ,फिर से राष्ट्रिय सुरक्षा ,राष्ट्रिय अस्मिता ,संरक्षण , राष्ट्रिय विकास ,राष्ट्रिय चरित्र निर्माण की ज़रूरत इस देश को ,इस देश के निवासियों को  आन पढ़ी है ,, कहते है ,,,हर ज़ुल्म ,हर गंदगी की पराकाष्ठा के बाद , एक बदलाव होता है ,एक सुधार होता है ,और अब वोह वक़्त आने लगा है ,,ऐसे सुखद वक़्त की शुरआत के आसार दिखने लगे है ,, देखते है इन आसारों पर राज्यसभा या किसी तरह के प्रलोभन की सीट , षड्यंत्र का ग्रहण लगता है ,,या फिर ईमानदार तरीके से ,  देश में नए चरित्र के निर्माण की शुरुआत होती है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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