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25 अक्तूबर 2020

तेरी फितरत जो इस दिल ने जहाँ भर से छुपाई थी

 

तेरी फितरत जो इस दिल ने जहाँ भर से छुपाई थी
मोहब्बत में समझ लेना ये तेरी मुंहदिखाई थी
तुम्हारे पाँव में पायल हमारे पाँव में छाले
तुम्हारे वास्ते यूं भी खुशी हमने जुटाई थी
मेरी चाहत के बँटवारे में सब कुछ हो गया तेरा
फकत इक याद थी तेरी जो मेरे साथ आई थी
मेरी आँखों के सहरा में किसी ने ख़ुदकुशी कर ली
मेरे अशकों को नामंज़ूर तेरी जगहँसाई थी
जुदा होकर भी हम तुझसे बड़े ही चैन से सोये
हमारे पास तेरी याद की इक चारपाई थी

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