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07 सितंबर 2020

पत्रकारिता , जनसंचार माध्यम , मामले में ,, नारद मुनि से लेकर ,आज तक हुए , विभिन्न पत्रकारिता जन संचार माध्यमों के बदलाव को , प्रसिद्ध लेखक ,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल , सह लेखक ,पत्रकार के डी अब्बासी ने अपने अनुभवों ,देश के ख्यातनाम , पत्रकार , लेखकों के अनुभवों को , बहुउपयोगी , प्रकाशित पुस्तक ,, मीडिया संसार , के माध्यम से एक ग्रंथ के रूप में समामेलित किया है

 पत्रकारिता , जनसंचार माध्यम , मामले में ,, नारद मुनि से लेकर ,आज तक हुए , विभिन्न पत्रकारिता जन संचार माध्यमों के बदलाव को , प्रसिद्ध लेखक ,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल , सह लेखक ,पत्रकार के डी अब्बासी ने अपने अनुभवों ,देश के ख्यातनाम , पत्रकार , लेखकों के अनुभवों को ,  बहुउपयोगी , प्रकाशित पुस्तक ,, मीडिया संसार , के माध्यम से एक ग्रंथ के रूप में समामेलित किया है ,, पत्रकारिता जन संचार  विषय पर , मीडिया संसार पुस्तक ,देश के पत्रकारों ,इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिज़्म ,जनसंचार माध्यमों , विज्ञापन कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े लोगों सहित ,अख़बार मालिकों ,,प्रशिक्षु पत्रकारों , शोधार्थियों के लिए ज्ञान का पिटारा बन गया है ,,, जी हाँ दोस्तों ,,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,, सह लेखक के डी अब्बासी द्वारा लिखित उक्त पुस्तक मीडिया संसार के कुल 231 पृष्ठों में   , [ पत्रकारिता , जनसम्पर्क , विज्ञापन ,सहित सभी विषयों पर ऐतिहासिक जानकारियों सहित , नियमित होने वाले बदलाव ,, उतार चढ़ाव , हर भाषा में पत्रकारिता का महत्व सहित विभिन्न मुद्दों को बहुउपयोगी बनाते हुए ,गागर में सागर , की तरह हर जानकारी को इसम उकेर दिया है ,, जयपुर राजस्थान में  धामाणी मार्किट की गली , चौड़ा रास्ता , जयपुर ,,स्थित प्रकाशक साहित्यागार ,, के सानिध्य में प्रकाशित उक्त पुस्तक ,,शीतल ऑफसेट जयपुर प्रेस से मुद्रित है ,,पुस्तक का मूल्य 450 रूपये है ,जो ऐमेज़ॉन पर भी ऑन लाइन उपलब्ध है ,,, मीडिया संसार ,, पुस्तक को लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने तीन खंडों में विभाजित किया है ,पुस्तक में भूमिका ,,लेखनीय ,विधि न्याय मंत्री राजस्थान  शांति कुमार धारीवाल के संदेश के संदेश भी शामिल है ,, मीडिया संसार के पहले खंड में ,पौराणिक काल ,लोककथाकाल , कहानी काल , शैलचित्र , नारद मुनि काल , सहित जनसम्पर्क व्यवस्था के सभी पहलुओं को  एक शोध व्यवस्था के तहत ,,बिंदुवार प्रकाशित किया है , उक्त खंड एक में , जनसम्पर्क ऐंव जनसम्पर्क माध्यम ,, प्राचीन ग्रंथ एवं हस्तलिखित पाण्डुलिपियाँ , जनसम्पर्क विधा शिलालेख ,, ,परम्परागत लोकजनसंचार माध्यम , मध्यकालीन वाक़िया निगार ,, श्रव्य माध्यम रेडियो , दृश्य एवं श्रव्य माध्यम , चलचित्र , दृश्य एवं श्रव्य माध्यम दूरदर्शन , संचार माध्यम इंटरनेट , संचार माध्यम कम्प्यूटर , प्रचार माध्यम विज्ञापन ,,बहुआयामी संचार माध्यम मोबाइल , सोशल मीडिया ,, जनसंचार माध्यमों में कॅरियर विषय को बहतरीन ज्ञानवर्धक जानकरियों के साथ उल्लेखित किया है ,, जबकि पुस्तक के खंड दो में ,,, समाचार ,पत्र एवं पत्रकारिता ,विषय पर ऐतिहासिक बदलावों के साथ ,प्रारम्भिक काल से आज तक के बदलावों को संक्षिप्त ,सारगर्भित ,लेकिन विशेषज्ञ शोध सामग्री के साथ व्यवस्थित प्रकाशन है ,, इस खंड में , पत्रकार एवं पत्रकारिता , पत्रकारिता के महत्वपूर्ण क्षेत्र , समाचार पत्रों का उद्भव ,,भारतीय राष्ट्रीयता और हिंदी पत्रकारिता ,भारतीय भाषायी पत्रकारिता ,सहित हर पहलु को गागर में सागर की तरह से  समस्त विशिष्ठ जानकरियों सहित उकेरा गया है ,, कहते है ,,रामायण काल में ,लक्ष्मण के मुर्झित होने पर ,जब हनुमान जी से संजीवनी लाने का को कहा वोह हनुमान जी ,,संजीवनी , ,नामा भूल गए तब वोह , पूरा पहाड़ ही उठा लाये थे ,, बस , प्रभात कुमार सिंघल की प्रकाशित उक्त पुस्तक , मीडिया संसार ,ऐसा पर्वत है ,जिसमे ,पत्रकारिता ,जनसंचार सहित ,संवाद के सभी बदलते स्वरूपों पर ,विशेषज्ञ ज्ञानवर्धक चर्चा है ,बहुउपयोगी जानकारियां है ,,, पत्रकरिता ,, जन संचार ,, संवाद ,इतिहास ,मीडिया के बदलते स्वरूप , वर्तमान के बदलाव ,,हालातों पर विस्तृत चर्चा की गयी है , मीडिया संसार पुस्तक के खंड तीन में , पत्रकारिता के सभी पहलों ,विषयक वस्तुओं पर ,, देश के ख्यातनाम अनुभवी पत्रकारों ,प्रोफेसरों , रिसर्च स्कॉलर्स के चिंतन मनन को ,,उनके अनुभवों और ऐतिहासिक जानकारियों के साथ प्रकाशित करने का सफलतम प्रयास है ,, मिडिया संसार पुस्तक की भूमिका आलेखन में विख्यात पत्रकारिता विश्विद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी के चेयरमन रहे प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने , पत्रकारिता के हर पहलु ,बदले स्वरूप ,वर्तमान पत्रकारिता , जनसम्पर्क माध्यमों को विस्तृत जानकारियों ,इनमे व्यापत बुराइयों , सहित कई पहलुओं को साहसिक तरीके उजागर किया है ,उक्त भूमिका लेखन इस पुस्तक का दिल कहा जा सकता है ,,, , प्रोफेसर संजय द्विवेदी जो वर्तमान में दिल्ली स्थित जामिया के आई एम ऐ के चेयरमेन है ,उन्होंने भारतीय बाज़ार  से लुप्त हो जाएंगे , अख़बार , डिजिटल माध्यमों से मिल रही है , प्रिंट मीडिया  को गभीर चुनौतियां ,, शीर्षक से अपने आलेख में ,हर विषय पर ज्ञानवर्धक पहलु  उजागर करते हुए ,पत्रकारिता , प्रिंट मीडिया डिजिटल व्यवस्था की भेंट चढ़ जाने से इसके लुप्त होने की शुरुआत पर ,,चिंता व्यक्त की है ,,, इसी खंड में डॉक्टर महेंद्र भनावत लेखक जो नामचीन पत्रकार  ., शोधार्थी है ,,उन्होंने पत्रकारिता जनसंचार माध्यमों में ,लोकजीवन में  कानों कान खबर से प्रकाशित जानकारियाँ में अपने लेख के माध्यम से  आदिकाल से वर्तमान तक ,की समस्त जानकारियां ,बदलाव इसमें समो दिए है ,, बहुमुखी प्रतिभा के धनी ,विख्यात लेखक डॉक्टर वेदव्यास ने इस खंड में अपने आलेखित लेख में , दैनिक नवज्योति के संस्थापक ,वरिष्ठ पत्रकार स्वतंत्रता सेनानी ,कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी की पत्रकारिता के संस्मरण ,बदलावों को , इतिहास बन गयी  कप्तान की  कथा ,शीर्षक में उल्लेखित किया है ,,जबकि मीडिया संसार पुस्तक में आलेखित लेख ,,प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक ज़रूरत है ,विषय को , विख्यात लेखक ललित गर्ग ने ,अपने अनुभवों के साथ सभी ऐतिहासिक ,विधिक जानकारियों का उल्लेख किया है , विख्यात पत्रकार , लेखक जनसम्पर्क माध्यमों के विशिष्ठ अनुभवी क़लमकार , बालमुकुंद ओझा ने अपने आलेख दीन हीन  की आवाज़ को बुलंद करती है ,साहित्यिक पत्रकारिता विषय पर गंभीर चिंतन किया है ,इसी तरह से ,, वरिष्ठ पत्रकार  अख्तर खान अकेला ने उक्त पुस्तक प्रकाशन का संक्षिप्त परिचय भी आलेखित किया है जबकि , अपने लेखक पत्रकारिता के बदलते हालातों में , जो बदलाव , जो गिरावट हुई है उसका उल्लेख निर्भीकता से किया है ,,, राजस्थान में हाल ही में पुरस्कृत लेखक डॉक्टर दीपक कुमार श्रीवास्तव पुस्तकालयाध्यक्ष ने सोशियल नेटवर्क की लोप्रियता और चुनौतियों पर अपने लेख में सभी पहलुओं को ज्ञानवर्धक जानकारियों के साथ उजागर किया है ,,, देश  की आज़ादी के आंदोलन में , पत्रकारिता एक माध्यम रही है ,इस पर ज़ोर देते हुए ,,लेखक पन्नालाल मेघवाल , ने प्रजामंडल पत्रिका योगदान ,शीर्षक से प्रकाशित लेख में ,सभी बिंदुओं को उजागर करने का प्रयास करते हुए ,आज़ादी के आंदोलन में पत्रकारिता की भूमिका को उजागर किया है ,,, विशेषज्ञ लेखक ,ऋषि कुमार सहगल ने ,साइबर क्राइम का आतंक विश्व  के लिए बहुत बढ़ा खतरा , बताते हुए साइबर आतंक के खतरों को उजागर किया है ,जिसमे हर पहलु पर विषयवार ज्ञानवर्धक जानकारियों के साथ चिंतन शामिल है ,, , डॉक्टर तुकनक भानावत ,,लेखक ने ,पूंजी निवेशकों का बढ़ता नियंत्रण , अपने आलेख में पत्रकारिता पर पूंजीपतियों के नियंत्रण को लेकर विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए , चिंता और समाधान की राह दिखाई है ,,, पुस्तक मीडिया संसार के सहलेखक के डी अब्बासी ने ,  उनके आलेख चैनलों का सत्यांश सम्प्रेषण घातक ,शीर्षक से अपने लेख में ,सभी बदलाव ,बिंदुओं को बहुमुखी  जानकारियों के साथ महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं , हाड़ोती में कोटा बारां क्षेत्र में कई सालों के अनुभवों के साथ पत्रकारिता में मुखर लेखक ,दिलीप शाह मधुप पत्रकार ने अपने अनुभवों को ,,चुनौतियों के बीच ग्रामीण पत्रकार निभा रहे है ,पत्रकारिता का धर्म , शीर्षक से प्रकाशित लेख में ,ग्रामीण आँचलिक पत्रकारों के दुःख दर्द ,पत्रकारिता में उनका योगदान , दायित्वों पर विस्तृत चर्चा की है ,, लेखिका निशा गुप्ता ने  अपने आलेख ,मानवीय भावों की धरोहर , हिंदी पत्रकारिता , विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है ,,, राजस्थान सरकार में संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत हुए , दर्जनों पुस्तकें के लेखक ,हज़ारों हज़ार विषयों पर लेखक लिखने वाले ,बाहनुमुखी प्रतिभा के धनी ,इस पुस्तक मिडिया संसार के लेखक ,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने भी ,अपने अनुभवों के आधार पर ,जन सम्पर्क को रोज़गार से जोड़ने के टिप्स देते हुए ,,इन टिप्स को अपना कर बने सफल जन सम्पर्क अधिकारी ,विषय पर ज्ञानवर्धक ,बहुमूल्य जानकारियों , सुझावों के साथ एक मार्गदर्शिका आलेखित की है ,जो इस विषय में रोज़गार तलाश रहे ,,लोगों के लिए विस्तृत जानकारी है ,, पत्रकारिता , सोशल मिडिया , पर्यावरण ,संरक्षक है ,इसी विषय को ,पर्यावरण विद वरिष्ठ पत्रकार ,ब्रजेश विजयवर्गीय ने ,अपने अनुभवों के साथ ,प्रकृति का प्रहरी बन रहा सोशल मिडिया विषय पर ,विस्तृत जानकारियों ,अनुभवों को साँझा कर ज्ञानवर्धक लेख प्रकाशित किया है ,, कोटा से दैनिक भारत महिमा के प्रकाशक ,सम्पादक ,.डॉक्टर डी ऍन गाँधी ने , जागरूकता और विकास में लघु समाचार पत्रों का योदान और उनकी वर्तमान दशा ,का उल्लेख किया है , जबकि पत्रकारिता कैसे करें ,पत्रकार में हो यह विशेषताएं ,विषय पर ,लेखक सत्येंद्र भट्ट ने विविध जानकारियां सांझा की है ,,, पुस्तक के अंत में ,उक्त मिडिया संसार में विभिन पहलुओं की विविध जानकारियों के संदर्भों का हवाला है ,,,, डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल की उक्त पुस्तक ,, मिडिया संसार ,,को पढ़ने से ,,सच ऐसा लगता है ,के आज देश में ही नहीं विश्व में ,इतिहास के विभिन्न पहलों , लोककथा ,, सहित डिज़िटल युग के बदलाव में ,जो भी कुछ पत्रकारिता में बदलाव हुए है ,जो इतिहास रहा है ,जो कमियां है ,जो ज़रूरर्ते है ,विज्ञापन के लिए जो  व्यवस्थाएं बदलती रही है , विभिन्न उतार चढाव के सभी पहलू ,हर तरह का ज्ञान ,आवश्यक जानकारियां ,सुझाव ,रोज़गार से पत्रकारिता ,,जनसंचार माध्यम का जुड़ाव ,हर बिंदु पर इस पुस्तक में सारगर्भित चर्चा है ,  इसीलिए इस पुस्तक को ,,  मिडिया संसार ,, शीर्षक देकर ,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ने ,पुस्तक के प्रकाशन को सार्थक कर दिया है ,, कहते है ,चित्र ,कार्टून भी अभिव्यक्ति होती है ,उसे भी इस पुस्तक में विस्तृत रूप से उजागर किया है ,उजागर ही नहीं किया बल्कि मुख पृष्ठ पर इसका उदाहरण भी पेश किया है , डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल , सह लेखक के डी अब्बासी की इस पुस्तक , मिडिया संसार के मुख पृष्ठ की साज सज्जा का आप सूक्ष्म अवलोकन करने ,,  एक तरफ डिजिटल पत्रकारिता ,सोशल मिडिया के बदलाव के सांकेतिक बदलाव जिसमे वाट्सअप ,इंस्टाग्राम ,फेसबुक ,ब्लॉगिंग वगेरा वगेरा खूबसूरत अंदाज़ में बनाये गए है , जबकि बीच में शीर्षक , मिडिया संसार ,यानी मीडिय से संबंन्धित पूरी दुनिया का अहसास दिलाया गया है ,इसके नीचे ,,इलेक्ट्रॉनिक न्यूज़ चेनल्स के माध्यम को फोटोग्राफ से ,माइक और चैनल के लोगों लेकर हाथ बताये गये है ,जो आज के युग में  रोज़ हो रहा है ,, इतिहास के पौराणिक काल में ,पत्रकारिता कम से चलती थी फिर पेन की निब से पत्रकारिता शुरू हुई इसलिए पेन की पुरानी क़लम की निब ,चित्रित करते हुए पत्रकारिता का एक माध्यम उजागर किया है ,,बायीं तरफ ,प्रिंट  मिडिया के प्रकाशित अख़बारों को चित्रित करते हुए ,प्रिंट मीडिया युग का विश्लेषण है ,जबकि साथ में ही ,,पत्रकारिता के पक्रृति से जुड़ाव को जोड़ने के लिए , प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए एक चित्र जिसमे खूबसूरत पेड़ ,,पौधे एक खूबसूरत सोंदर्यकृत वातावरण को उजागर कर रहे है ,,इस तरह से ,डॉक्टर  प्रभात कुमार सिंघल ,सह लेखक के डी अब्बासी की ,लिखित यह पुस्तक ,मिडिया संसार सच में , पत्रकारिता ,,जन संचार माध्यमों के बदलते स्वरूप ,ऐतिहासिक बदलाव ,वर्तमान हालात ,सुझाव की बहुमूल्य ,ज्ञानवर्धक जानकारियों का एक शोधग्रंथ है ,जो देश के सभी डिजिटल पत्रकारिता ,प्रिंट मीडिया  ,ब्लॉगिंग ,  सम्पादन ,ऐतिहासिक पहलुओं की जानकारी के प्रति रूचि रखने वाले छात्र छात्रों , शोधार्थियों , लेखकों ,विज्ञापन एजेंसियों ,विज्ञापन दाताओं ,विज्ञापन कोरपोरेट सर्विस प्रोवाइडर्स , पत्रकारिता महाविद्यालयो ,, पत्रकारिता के कोरपोरेट घरानों ,छोटे , मंझोले समाचार पत्रों ,न्यूज़  चेनल्स सहित हर आम आदमी के लिए ज्ञानवर्धक ,जानकारियां होने से ,उपयोगी पुस्तक है ,,,,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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