मुझ में कोई खफ़ा सा रहता है
दर्द सीने में दबा सा रहता है !!
ऐसे लड़खडा रही है ज़िंदगी
कि बिन पिये नशा सा रहता है !!
आजकल न जाने कहाँ हूँ गुम
हाथ में अपना पता सा रहता है !!
सच तो यही है अगर मानो तो
सबके दिलों में खुदा सा रहता है !!
अपनी तबियत का तो पता नहीं
अन्दाज़ मेरा जुदा सा रहता है !!
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2020
मुझ में कोई खफ़ा सा रहता है
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