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28 अगस्त 2020

मुझ में कोई खफ़ा सा रहता है

मुझ में कोई खफ़ा सा रहता है
दर्द सीने में दबा सा रहता है !!
ऐसे लड़खडा रही है ज़िंदगी
कि बिन पिये नशा सा रहता है !!
आजकल न जाने कहाँ हूँ गुम
हाथ में अपना पता सा रहता है !!
सच तो यही है अगर मानो तो
सबके दिलों में खुदा सा रहता है !!
अपनी तबियत का तो पता नहीं
अन्दाज़ मेरा जुदा सा रहता है !!

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