भाजपा भी अजीब ठग सियासी पार्टी है ना ,, जब विपक्षः में होती है ,तो रसोई गैस ,पेट्रोल ,सब्ज़ियां ,किसानों की आत्महत्याएं ,बेरोज़गारी को लेकर खूब आंदोलन करती है ,, फिर सत्ता में आने के बाद ,पेट्रोल की क़ीमते ,गैस की क़ीमते , रूपये की गिरावट आसमान पर खुद ही अपनी सरकार में ठाठ से करती है ,,डंके की चोट पर करती है ,और फिर जो आंदोलनकारी नेता ,,विपक्ष में इन मामलों को लेकर मुखर होते है ,वोह आम जनता को शक्लें दिखाने लायक नहीं होने पर भी बेशर्मी से जनता को गुमराह करते नज़र आते है ,राजस्थान में जिस भाजपा सरकार ने ,बिजली कंपनियों से मुंह मांगी बिजली की क़ीमत वसूलने ,मनमाने मीटर लगाने का समझौता किया था ,बिजली की क़ीमत मनमानी वसूली जा रही थी तब यही भाजपा ,, भाजपा के नेता ,, बढे ठाठ से कहते थे ,, बिजली की दरें तो बहुत कम है ,,, अब सरकार क्या गयी ,इन्हे , इन्ही के बिजली कंपनियों की बीस साल के समझौते याद नहीं रहे , कुछ कहने को नहीं तो केंद्र से जी एस टी के सात हज़ार करोड़ रूपये राजस्थान को दिलवाने की जगह ,, अपने ही समझौते के खिलाफ बिजली की कीमतों का मामला उठा रहे है , इसे कहते है उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ,, अख्तर
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