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09 अगस्त 2020

वन-में-जीवन यापन-करनें वाले"घोड़े"

 

वन-में-जीवन यापन-करनें वाले"घोड़े"-अपनी यूनियन के पदाधिकारी सहित-वनराज(जंगल के राजा-शेर)-के-समक्ष उपस्तिथ होंकर-बोले*महाराज*देश की वर्तमान राजनीति में-जो खरीदे-बेचे जा रहें हैं,वो*तो-वास्तव में गधे हैं*फिर-इस देश में,जब भी-जहाँ भी-इन्हें-खरीदा-बेचा जा रहा हैं*उसे-घोड़े की मंडी*का नाम देकर*हम जैसेस्वामी-भग्त-बफादार-जानवर को-व्यर्थ में ही*बदनाम*क्यों किया जा रहा है?*इस-कुरीति की प्रथा को*तुरन्त समाप्त करवाइये-और हमारी जात पे लगे*झुटे इल्ज़ाम को-तत्काल हटवाईयेगा?**

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