आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

21 जुलाई 2020

हटाकर खाक को

हटाकर खाक को
दाना उठाना सीख लेता है,,
परिंदा चार दिन में
फड़फड़ाना सीख लेता है,,,
ग़रीबी ला देती है
बिन मांगे हुनर ऐसा
कि नाज़ुक जिस्म भी
बोरे उठाना सीख लेता है,,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...