आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 जुलाई 2020

मेरी पेशनगोई पर

बदनसीबी की
मेरी पेशनगोई पर
नाज़ है मुझे ,,
तुम ज़िंदगी बनने का
ख्वाब दिखाकर आईं थी
तुम भी
किसी ओर के साथ चल दीं , अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...