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19 जुलाई 2020

बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चेयरमेन सय्यद शाहिद हसन ने , कोरोना महामारी संकट के वक़्त ,हर वर्ग, के पीड़ितों , सहित वकीलों के कामकाज प्रभावित होने पर ,, उन्हें केंद्र व् राज्य सरकारों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 267 के आपात कोष से पांच हज़ार करोड़ रूपये का राहत पैकेज देने की मांग की है,

बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चेयरमेन सय्यद शाहिद हसन ने , कोरोना महामारी संकट के वक़्त ,हर वर्ग, के पीड़ितों , सहित वकीलों के कामकाज प्रभावित होने पर ,, उन्हें केंद्र व् राज्य सरकारों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 267 के आपात कोष से पांच हज़ार करोड़ रूपये का राहत पैकेज देने की मांग की है,, उन्होंने कहा बार कौंसिल की तरफ से राजस्थन के छः हज़ार वकीलों को ,तीन करोड़ रूपये की राहत राशि वितरित की है,, जो अभी वर्तमान हालातों में ऊंट के मुंह में जीरा है ,,,,, शाहिद हसन ने कहा ,वर्तमान कोरोना संक्रमण संकट काल में जब लोग बेरोज़गार हो रहे है ,बीमारी से पीड़ित है ,उनकी मृत्यु हो रही है ,ऐसे वक़्त में ,,राजस्थान की जनता को , राहत व्यवथाये देने की जगह सभी दलों के ,,सियासी लोग , सरकार अस्थिर करने ,और सरकार बचाने की जुगत में लगे है ,जो अफसोसनाक है ,,शाहिद हसन ने कहा वर्तमान में कोरोना संकट के वक़्त ,देश भर में डर , खौफ , ,बेरोज़गारी और बिमारी का माहौल है ,हर जगह अराजकता है ,,लोग डरे सहमे है ,,रोज़गार के सभी साधन ठप्प हो गए है ,,लोगों को ,,सरकार की मदद की ज़रूरत है ,,जिन लोगों को आम जनता ने प्रतिनिधि के रूप में विधायक सांसद चुन कर भेजे है ,,पीड़ित जनता को ,इन सांसद ,विधायकों ,प्रतिनिधियों की मदद की ज़रूरत है ,, लेकिन अफ़सोस की बात है ,के ऐसे सियासी लोग ,इस संकट की घडी में भी ,,लोगों की मदद कर देश को बचाने के प्रयास करने की जगह ,,चुनी हुई सरकारें गिराने की कोशिश में है ,जबकि चुनी हुई सरकार से जुड़े लोग , खुद को बचाने के लिए ,,बाड़ेबंदी की व्यवस्थाओं में लगे है ,, शाहिद हसन ने कहा ,,यह कोरोना संक्रमण का वक़्त सभी के साथ चलने , सभी को साथ लेकर चलने का है ,,यहाँ राजस्थान सहित,, पूरे देश में,, हर वर्ग को एक बढे राहत पैकेज की ज़रूरत है ,लकिन केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार हो,, इस संवैधानिक प्राथमिकता को छोड़कर ,चुनी हुई सरकारों में हॉर्स ट्रेडिंग , बाड़ेबंदी , खरीद फरोख्त ,,आरोप प्रत्यारोप ,,अनुशासनहीनता ,सदस्य्ता भंग करने की नोटिसबाज़ी ,न्यायालयों के विवादों में उलझ कर सभी लोग ,,रह गए है ,,ऐसे में राजस्थान की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है ,,बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चेयरमेन सय्यद शाहीद हसन ने कहा ,,राजस्थान में बार कॉंसिल ऑफ़ इण्डिया के दिशा निर्देशों पर ,हर ज़िले में , न्यूनतम आय वर्ग के जूनियर वकील साथियों को पांच हज़ार रूपये की आर्थिक मदद दी गयी है ,जो वर्तमान आर्थिक संकट के दौर में ऊंट के मुंह में जीरा है ,,शाहीद हसन ने कहा ,,राजस्थान सरकार में जो लोग प्रतिपक्ष में है वोह अपनी केंद्र सरकार के ज़रिये वकीलों के इस आर्थिक संकट में अधिकतम पैकेज दिलवाने के प्रयास करें ,जबकि राजस्थान सरकार ,आपसी सर फुटव्वल छोड़े ,,राजधर्म निभाए और राजस्थान के वकीलों को उनकी संख्या ,आर्थिक स्थिति के अनुसार बढ़ा आर्थिक पैकेज देकर ,वकीलों को आर्थिक संकट के दौर में संभाले ,, शाहिद हसन ने कहा ,,वर्तमान में कई महीनों से अदालतों के कामकाज ठप्प है ,भविष्य में भी अभी ,,अदालतों के कामकाज सामान्य स्थिति में आने में समय लगेगा ,ऐसे में मानवीय दृष्टिकोण से केंद्र और राजस्थान सरकार ,वकीलों को सर्वे करवाकर ,शीघ्र आर्थिक पैकेज की घोषणा करे ,जिसकी अंतरिम क़िस्त सरकार तत्काल प्रभाव से जारी करे ,, शाहिद हसन ने बताया ,,कि बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान ने भी ,,इस मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की है ,जिसमे प्रत्येक वकील को तत्काल ,तीन लाख रूपये का ब्याज मुक्त ऋण और आवश्यक पैकेज देने की मांग उठाई गयी है , जबकि दिल्ली सहित अन्य बार कौंसिल ने संविधान के अनुच्छेद 267 के संवैधानिक प्रावधान के तहत , आपदा कोष से ,,इस आपदा स्थिति में ,देश भर के वकीलों को पांच हज़ार करोड़ के आर्थिक मदद के पैकेज की ज़रूरत बताते हुए शीघ्र ही ,आर्थिक मदद प्रत्येक वकील साथी को देने की मांग की है ,, सय्यद शाहिद हसन ने ,संविधान के तहत चुनी सरकारों को असंवैधानिक तरीके से अस्थिर करने , उन्हें गिराने की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा ,,अभी कोरोना संक्रमण संकट काल में ,देश वासियों को बचाना , सरकारों की ,,,सियासी लोगों की ,,सांसद ,,विधायकों ,,मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री की , पहली प्राथमिकता होना चाहिए ,,,लेकिन इस संकट काल में भी सरकारें गिराने ,सरकारें बचाने की कोशिशों में जो नंगा खेल हो रहा है ,वोह लोकतंत्र के लिए ,देश के लिए ,इस कोरोना संक्रमण नियंत्रण प्रबंधन ,पुनर्वास व्यवस्था के लिए क़तई ठीक नहीं है ,उन्होंने कहा एक तरफ तो राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोरोना संक्रमण नियंत्रण प्रबंधन के लिए उनकी पीठ थपथपाई जा रही है ,और दूसरी तरफ ऐसे वक़्त पर उनके अधूरे पढ़े कोरोना नियंत्रण ,चिकित्सा राहत कार्यों को पूरा करने से पहले ही अस्थिरता ,,ने सरकार को लापरवाह बना दिया है ,ऐसे हालातों ने राजस्थान ,राजस्थान की जनता को विस्फोटक हालत में खड़ा कर दिया है ,,जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त योग्य नहीं है ,निंदनीय है ,,,,, सय्यद शाहिद हसन ,चेयरमेन बार कौंसिल ऑफ़ राजस्था

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