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13 जून 2020

कोरोना योद्धा ,साहिबज़ादा मोहम्मद अहमद खान भय्यू ने भी टोंक की अलग अलग बस्तियों में ज़रूरतमंदों को राहतसामग्री पहुंचा कर लगातार उनके दुःख दर्दों में शामिल रहे ,

कोरोना संकट में , नवाबों की नगरी ,टोंक राजस्थान ज़बरदस्त चपेट में रही ,यहां  लगातार कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र रहने ,अचानक लोकडाउन होने से गरीब ज़रूरतमंदों के लिए , खाने वगेरा की किल्ल्त से हाहाकार का माहौल था ,,ऐसे माहौल  में  जिला  प्रशासन की व्यवस्थाएं अस्तव्यस्त जब हुई तो स्थानीय लोगों ने मदद के लिए मोर्चा संभाला ,, ऐसे में एक कोरोना योद्धा ,साहिबज़ादा मोहम्मद अहमद खान भय्यू ने भी टोंक की अलग अलग बस्तियों में ज़रूरतमंदों को राहतसामग्री पहुंचा कर लगातार उनके दुःख दर्दों में शामिल रहे ,, सभी जानते है  टोंक जिला वक़्फ़ कमेटी के पूर्व सदर होने ,, टोंक जामामस्जिद के सदर का कार्यभार संभाल चुके ,अहमद खान हमेशा टोंक के हर शख्स की मदद के जज़्बे के साथ तत्काल तैयार मिलते है ,अहमद खान खानदाने अमीरिया अंजुमन के सदर भी है ,, जबकि समाजसेवी संस्थाओं से जुड़कर लगातार हमदर्दी से लोगों के मददगार है , अहमद खान भय्यू ने लोकडाउन , कर्फ्यू के वक़्त जब लगातार टोंक में संक्रमित लोगों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था ,, खौफ और अराजकता का माहौल था ,तब ,अहमद खान भय्यू ने जिला प्रशासन से अलग अलग बस्तियों में ज़रूरतमंदों का सर्वेक्षण कर ,कर्फ्यू पास लिया और अपने साथियों की मदद से ,,उमर हवेली में राहत सामग्री के पैकेट तैयार करवाए ,,अपनी टीम के साथियों के साथ ,,  रोज़ मर्रा काली पलटन ,कचेरी ,नजरबाग रोड ,गुलज़ार बाग़ ,तख्ता ,रजबन ,सहित अलग अलग बस्तियों में सैकड़ों राशन सामग्री से भरे पैकेट कफ्र्यू , लोकडाउन की सोशल डिस्टेंसिंग की पाबंदियों के साथ वितरित किये ,,एक राशन के पैकेट में एक परिवार के लिए दस दिन की सामग्री थी जिसमे दाल ,चांवल , आटा ,  तेल ,साबुन ,ज़रूरत की सभी खाद्य सामग्री थी ,अहमद खान भय्यू वक़्फ़ के पूर्व सदर होने की वजह से ,ज़रूरतमंदों को पेंशन वगेरा भी देते रहे है ,इस वजह से उन्हें ओरिजनल ज़रूरतमन्दों के बारे सर्वेक्षित सूचि थी ,, जबकि अलग अलग बस्तियों में अहमद खान भय्यू ने अपने साथियों से ज़रूरतमंदों की सूचि मोबाइल नंबर सहित मंगवाई और , हर हाल में ऐसे सभी ज़रूरतमंद जो चाहे किसी भी धर्म , मज़हब ,समाज के रहे हो ,उन सभी  को निष्पक्ष तरीके से राहत सामग्री के किट वितरित लगातार किये ,जबकि ईद के पहले ही रमज़ान में ,,अलग अलग बस्तियों में ईद किट सहित ज़रूरत की सभी सामग्री वितरित करवाकर अहमद खान भय्यू उनकी टीम सभी की खुशियों की वजह बने ,,कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में पीड़ितों की सुनवाई ,दुःख दर्द ,,इलाज , बीमारों के लिए दवा के इंतिज़ाम भी वाटसप्प पर ज़रूरत के पर्चे आने से घर घर पहुँचावकर उनकी मदद की ,,  हर रोज़ सैकड़ों पैकेट ,वोह भी ओरिजनल ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने , और जिन लोगों को सरकारी सामग्री पहुंचने में अव्यवस्थाएं हुई उन्हें व्यवस्थित करवाने के लिए प्रशासन को सुझाव देकर ,उनसे संघर्ष करके ,ईमानदाराना तरीके से बटवाने में इनकी खुसूसी भूमिका रहे है ,,मोहम्मद अहमद खान भय्यू यूँ तो टोंक में परिचय के मोहताज नहीं ,, भय्यू भाई के नाम से मशहूर यह शख्सियत टोंक के लोगों में कड़वी , मगर सच्ची ,ज़ुबान के रहमदिल इन्साफपरस्त संघर्ष  शील व्यक्तित्व की शख्सियत रखते है , इंसाफ , ईमानदारी के संघर्ष में भय्यू भाई ने इनके कई अपने लोगों को अपना दुश्मन भी बना लिया ,लेकिन अव्यवस्था , ना इंसाफ़ी ,बेईमानी ,अव्यवस्था मामले में चुप रहकर सहना इनकी  फितरत नहीं है ,टोंक जिला वक़्फ़ कमेटी के सदर के रूप में इनका ऐतिहासिक कार्यकाल संघर्ष भरा भी रहा ,तो टोंक के लिए करोड़ो करोड़ रूपये की वक़्फ़ की ज़मीनों को इन्होने अपनी जान की बाज़ी ,लगाकर भू माफियाओं से हाथ पैर तुड़वाने , जानलेवा हमलों के बाद भी हर हाल में आज़ाद कराकर ही दम  लिया ,वक़्फ़ सम्पत्तियों का ईमानदाराना रखरखाव ,प्रबंधन ,विकासयोजनाए कैसे तैयार होती है ,इसका भय्यू भाई ने इतिहास रचा  है ,जो  राजस्थान की हर जिला वक़्फ़ कमेटी के लिए अनुकरणीय है ,, कॉमर्शियल क्षेत्र में दर्जनों दुकानों का निर्माण ,, मुसाफिर खाने का निर्माण ,, सिर्फ महिलाओं के लिए ,लेडीज़ कटले , का  ऐतिहासिक निर्माण जिसमे दुकानदार भी ,महिला ,खरीदने वाली भी महिलाये ,,चाट , पकोड़े ,चाय , कोफ़ी की दुकानों पर भी सिर्फ महिलाओं की ही व्यवस्था रखी गयी ,इससे महिलाये आत्म निर्भर भी बनीं ,तो टोंक की पर्दानशीं महिलाओं को अपनी मर्ज़ी से खरीद फरोख्त और व्यापार की आज़ादी मिली ,,वक़्फ़ सम्पत्तियों की कमाई हज़ारों से लाखों तक पहुंचाना ,, जामा मस्जिद का ऐतिहासिक कायाकल्प ,उनकी दुकानों की किराए में वृद्धि ,, सहित कई कल्याणकारी योजनाए शुरू हुई ,जिसमे टोंक वक़्फ़ कमेटी की तरफ से कई प्रतिभावान छात्र छात्राओं की पढ़ाई की व्यवस्था हुई तो ज़रोरोत्तमंद ,,विधवा बेसहारा ,मिस्कीन लोगों को मासिक पेंशन की शुरुआत हुई ,,  मोहम्मद अहमद खान भय्यू ने वक़्फ़ सम्पत्तियों की आधारशिला के वक़्त केंद्रीय मंत्रियों ,राज्य मंत्रियों सहित कई वी आई पी हस्तियों को बुलाया ,उनसे सांसद कोष ,विधायक कोष से भी मदद ली ,, टोंक यूँ तो संवेदनशील क्षेत्र ,है  , लेकिन हर संघर्ष हर ,अव्यवस्था ,हर विवादास्पद माहौल में , साम्प्रदायिक सदभाव के लिए अहमद खान भय्यू की मदद ,इनकी सलाह ,मशवरा , इनका खुलूस ज़िंदाबाद रहा है ,,, अनेको बार मज़लूमो को बचाने के वक़्त ,ज़ालिम अधिकारीयों , ज़ालिम नेताओं ,, प्रबंधकों के खिलाफ यह खुलकर निर्भीकता से संघर्ष शील रहे है ,,इनकी  डिक्शनरी , इनकी व्यवस्थाओं में बेईमानों ,ज़ालिमों से एडस्टमेंट नहीं है , सियासी लोगों के यह बेवजह पिछलग्गू बनकर उनकी जी हुज़ूरी करने के खिलाफ रहे है ,टोंक में जब भी कोई ज़ुल्म हो तो ,  ज़ुल्म के खिलाफ सबसे पहली आवाज़ , साहिबज़ादे मोहम्मद अहमद खान भय्यू की होती है ,और सभी खूबियों  के बाद भी ,सभी वाहवाहियां के साथ भी ,,बस सच के लिए मज़लूम के लिए संघर्ष इन्हे अलग थलग कर देता है ,अकेला कर  देता है ,, एक शायर ने कहा है ,, यह झूँठों मक्कारों की महफ़िल ,है सच बोले तो तुम भी निकाले जाओगे ,,इनके लिए सटीक ,सच साबित होता है ,, मोहम्मद अहमद खान भय्यू को अनेको बार रिश्तों ,पुरानी मुलाक़ातों का वास्ता देकर , बेईमानी के आरोपियों ,ज़ुल्म  के आरोपियों ,कुप्रंबध के आरोपियों के खिलाफ चुप्पी साधने के लिए समझाइश  भी की जाए तो यह आग बबूला हो जाते ,है और बस इसी गुस्से के मिजाज़ का भी कई लोग इन्हे हथियार के रूप में इस्तेमाल कर फायदा उठाते है , यूँ तो यह  जनाब घर फूंक कर तमाशा देखते है ,,,लेकिन इनकी जो खिदमात  , इनकी जो सेवाएं है ,,कुछ तो दुआए है , कुछ तो खुदा की मेहरबानी है ,के कुछ बात है के हस्ती मिटती नहीं हमारी वर्ना बरसों से दुश्मन दोर ऐ जहा रहा है हमारा ,, अल्लाह खिदमत ऐ ख़ल्क़ में , अमानतदारी में ईमानदारी के लिए ,,ज़ालिमों के खिलाफ ,मज़लूमों के हक़ में संघर्ष के लिए , मोहम्मद अहमद खान भय्यू को ,ज़रूरतमंदों की दुआओं से  भी  नवाज़ता है और यही वजह है के दुश्मनो की हर चाल इन दुआओं के आगे टूट कर बिखर जाती है ,अल्लाह ऐसी शख्सियत को हर बुरी नज़र से  महफूज़ रखे ,लोगों की दुआए इन्हे बुलंदियों पर पहुंचाए ,, ताकि यह ज़रूरतमंदों की हिफाज़त , उनकी ज़रूरतें रफा करने के लिए और कुशल प्रबंधक बनकर, इनकी टीम के साथ ,, अपनी ख़िदमतों को अंजाम दे , आमीन ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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