देश में पहली बार...धौलपुर जिले में यू ट्यूब चैनल, फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से खबरें चलाने पर रोक
कोरोना महामारी के बीच देश में पहली बार है जब फेक न्यूज रोकने के लिए धौलपुर जिला प्रशासन ने यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टि्वटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से खबरें चलाने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। बिना तथ्यों की जांच किए सोशल मीडिया में खबरें वायरल करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि आरोप साबित होने पर संबंधित व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54, एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1957 की धारा 1 और 2 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 505 (1) के तहत एक साल तक की सजा और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
मेरे द्वारा पिछले कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि धौलपुर जिले में बड़ी संख्या में यू ट्यूब चैनल, टि्वटर, फेसबुक आदि के माध्यम से फेक न्यूज चलाई जा रही थीं। सोशल मीडिया के इन प्लेटफार्म पर न केवल बकायदा एंकरिंग करते हुए खबरें चलाई जा रही थीं, बल्कि कुछ इंटरव्यू लेकर भी समाचार दिखाए जा रहे थे। जबकि यह कार्य पत्रकारिता के दायरे मे्ं आता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खबरें चलाने के लिए धौलपुर जिले में किसी भी व्यक्ति ने सूचना एवं जन संपर्क निदेशालय और भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से न तो अनुमति ली है और न ही अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसलिए इन पर रोक लगानी पड़ी है।
कोरोना महामारी के बीच देश में पहली बार है जब फेक न्यूज रोकने के लिए धौलपुर जिला प्रशासन ने यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टि्वटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम जैसे सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से खबरें चलाने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। बिना तथ्यों की जांच किए सोशल मीडिया में खबरें वायरल करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि आरोप साबित होने पर संबंधित व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 54, एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1957 की धारा 1 और 2 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 505 (1) के तहत एक साल तक की सजा और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।
मेरे द्वारा पिछले कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि धौलपुर जिले में बड़ी संख्या में यू ट्यूब चैनल, टि्वटर, फेसबुक आदि के माध्यम से फेक न्यूज चलाई जा रही थीं। सोशल मीडिया के इन प्लेटफार्म पर न केवल बकायदा एंकरिंग करते हुए खबरें चलाई जा रही थीं, बल्कि कुछ इंटरव्यू लेकर भी समाचार दिखाए जा रहे थे। जबकि यह कार्य पत्रकारिता के दायरे मे्ं आता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खबरें चलाने के लिए धौलपुर जिले में किसी भी व्यक्ति ने सूचना एवं जन संपर्क निदेशालय और भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से न तो अनुमति ली है और न ही अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसलिए इन पर रोक लगानी पड़ी है।
ऐसी झूठी चेतावनी फैलाने वाले व्यक्ति को 1 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

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