अभिभाषक परिषद की चमक दमक वाली , हंसती खेलती दुनिया के लिए आज घटाटोप ,
अँधेरे वाला काला दिन है ,, कोटा अभिभाषक परिषद के हर दिल अज़ीज़ ,चलते फिरते
क़ानूनी एन्साइक्लोपेडिया ,,आदरणीय हरीश शर्मा का आकस्मिक निधन हो गया ,,,
कोटा अभिभाषक परिषद सहित समाजसेवा क्षेत्र ,, कोटा में इस खबर से ,शोक की
लहर दौड़ गयी है ,,, हंसमुख चेहरा ,विनम्र अभिवादन ,, हर तरह के क़ानून का
लेटेस्ट अपडेट के साथ पूरा महाज्ञान , इस क़ानून का अदालतों में विनम्र
,तार्किक क़ानूनी दृष्टांतो के साथ प्रस्तुतिकरण , अपने पक्षकार के हक़ में ,
फैसले करवाने का हुनर रखने वाले हरीश शर्मा ,वकालत के सेवाभावी व्यवसाय के
लिए एक आदर्श ,एक आइकॉन रहे है ,, कहावत खुदी को कर बुलंद इतना ,,के हर
तदबीर से पहले ,खुदा बंदे से खुद पूंछे बता तेरी रज़ा क्या है ,, इसे हरीश
शर्मा एडवोकेट ने खुद को वकालत में हवन कर साबित कर दिखाया है ,, नगर विकास
न्यास में कुछ दिन कार्य करने के बाद ,,जब हरीश शर्मा ने ,वकालत के पेशे
में एन्ट्री ली , तो गुरु स्वर्गीय मोहन लाल पारीक से इन्होने हर तरह के
वकालत के हुनर सीखे , और फिर आत्मनिर्भर होकर खुद ने कोटा में वकालत के
बेहिसाब ,ऐतिहासिक ,असम्भव से लगने वाले हुनर दिखाए ,,तरक़्क़ी तरक़्क़ी
,बुलंदियां इनके क़दम चूमने लगीं ,, हर तरह का सेंसेशनल केस इनके पास आने
लगा , नीलू राणा जघन्य हत्याकांड का मामला हो ,, कोटा में केरोसीन
विभीषिका का मामला हो ,,हेंगिंग ब्रिज पूल गिरने में लापरवाह अधिकारियों का
मामला हो ,,थोक में स्मैक तस्करी के मामले हों , उद्योपतियों ,
व्यापारियों ,जघन्य हत्या के मामले हों ,,ज़मीन जायदाद के पेचीदा मामले हों
,,जो भी हो हर मामला में पक्षकारों के लिए इनकी वकालत व्यवसाय में सफलता
के चलते ,हरीश शर्मा ही उनके वकील रहते थे ,,, राजनितिक मुक़दमों में
,प्रह्लाद गुजंल , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ,, भवानी सिंह राजावत ,
योगेंद्र खींची , जो कोई भी हो सभी के वकील हरीश शर्मा ही रहते थे ,,, हरीश
शर्मा हर मुक़दमे को विनम्रता से जीते थे ,अध्ययन करते थे ,उनमे कमियों के
साथ बारीकियों को तलाशते थे ,,पुरे दम खम के साथ विनम्र अभिवादन के साथ
,अदालत में ,, अनुशासित तरीके से ,फुल यूनिफॉर्म समय की पाबंदी के साथ
,मौजूद रहते थे ,, गवाहों से इनकी जिरह का हुनर ,सच उगलवाने के लिए काफी था
,,हँसते हँसते ,विनम्रता से ,शालीनता भरे सवाल कई बारीकियों को जग ज़ाहिर
करने के लिए काफी थे ,, अदालतों में बैठे न्यायिक अधिकारी भी हरीश शर्मा की
वकालत के इस हुनर के क़ायल रहते थे , आवश्यकता पढ़ने पर ,,कई न्यायिक
अधिकारी अलग अलग मामलों में ,, हरीश शर्मा के अनुभव ,वकालत के ज्ञान का
मार्गदर्शन लेते देखे जाते रहे है ,,हरीश शर्मा वकालत की एक बुलंदी ,,एक
उंचाइ का पर्याय रहे है ,, अभिभाषक परिषद की हर गतिविधि में वोह मार्गदर्शक
बनकर ,सक्रिय रहे , हड़ताल हो ,आंदोलन हो ,उन्होंने वकीलों की एकता के लिए ,
उनके कल्याणकारी कार्य्रक्रमों के लिए हमेशा सहयोगात्मक दिलचस्पी दिखाई ,,
खुद हरीश शर्मा क़ानून के एक एन्साइक्लोपेडिया के साथ , क़ानून के एक
विश्वविधयालय भी साबित हुए है ,, सड़कों जुनिर्यस एडवोकेट , इनके अधीनस्थ
प्रशिक्षु रहे ,जो आज खुद नामचीन वकील है ,, हरीश शर्मा हर साल अपने सभी
जूनियर्स साथी , जो चाहिए अलग हो गए हो चाहे ,उनके साथ हो ,,सभी को परिवार
सहित एक स्नेहभोज पिकनिक के वातावरण में देकर ,वकालत की थकान भरे बोझिल
माहौल से ,मनोजरंक माहौल की तरफ ले जाते थे ,, हरीश शर्मा कोटा अभिभाषक
परिषद के मार्गदर्शक थे ,,हौसला थे ,जूनियर्स वकील साथियों के लिए एक
क़ानूनी प्रोफेसर थे ,, अनुकरणीय थे ,, इनके कई जूनियर साथी , राजस्थान सहित
अलग अलग राज्यों में न्यायिक अधिकारी के पद पर भी कार्यरत है ,, इनके
पुत्र मनु शर्मा ,भी हरीश शर्मा की तरह विनम्र , क़ानून के प्रति अध्ययन का
जुनुन रखने वाले , अपने मामले को बेहतर तरीके से प्रस्तुतिकरण करने वाले
जूनियर साथियों में सर्वश्रेष्ठ है , अल्लाह ,ईश्वर ,वाहेगुरु ,जिसस ऐसी
शख्सियत को जन्नत में आला मुक़ाम दे ,, उनके पुत्र परिवार के सदस्यों को इस
संकट की घडी में हिम्मत दे साहस दे ,,जो इस कठिन घडी में वोह मज़बूती से
मुक़ाबला करे ,,सभी के भाईसाहब हरीश शर्मा के इस आकस्मिक निधन पर , कोटा
अभिभाषक परिषद ही नहीं ,राजस्थान की वकालत की दुनिया में घटाटोप अन्धेरा
है ,,गम का माहौल है ,,अभिभाषकों सहित ,सभी राजनितिक पार्टियों के नेता
,पत्रकार ,समाजसेवी ,व्यापारी ,उद्योग जगत से जुड़े लोग ,,धार्मिक गुरु ,आम
आदमी में शोक की लहर है ,,,हरीश शर्मा ,,,हमारी आबिद अख्तर लॉयर्स एसोसिएट
के साथी , आबिद अब्बासी के गुरु भाई भी थे,,,,शोकाकुल सदस्य अभिभाषक परिषद
कोटा ,,,,आबिद अब्बासी ,, अख्तर खान अकेला ,, आबिद अख्तर लॉयर्स एसोसिएट
कोटा राजस्थान
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