किसी
भी मामले में हुक्म है , अल्लाह बेहतर जानता है ,,,कोरोना त्रासदी में
,,एडवाइज़री और आलिमों के कहने पर ,मस्जिदों में नमाज़े नहीं ,दरगाहों
,खानकाहों में आवाजाही बंद ,मदरसों में तिलावत ,और नसीहतें बंद ,,लेकिन ऐसे
वक़्त में कोटा के एक आलिम ,,मोलाना सईद मुख्तार साहिब ने ,,अल्लाह का दामन
नहीं छोड़ा ,,उन्होंने ,ऑन लाइन इस्लामिक तब्लीग ,, इस्लाह , तरबियत
,हदीसों की जानकारी देने का सिलसिला शुरू किया है ,,,सभी जानते है ,कोटा
ही नहीं ,हाड़ोती ही नहीं ,राजस्थान ही नहीं ,पुरे मुल्क के एक तस्दीक़ शुदा
आलिम ,मुक़र्रिर सईद मुख़्तार साहब ,जब बोलते है ,तो उनकी जुबान से इस्लाम और
हदीस की सच्चाई बयान ,होती है ,इनकी तक़रीर में नसीहत होती है ,हालात ऐ
हाज़रा पर भी तब्सरा होता है ,यही वजह है के लोग ,,इनकी तक़रीर को सुनने के
लिए कोसों दूर से ,विज्ञाननगर नूरी जामा मस्जिद आते है ,इन दिनों लोग
मस्जिदों में नमाज़ नहीं पढ़ पा रहे है ,,मोलाना सईद मुख़्तार की तक़रीर ,उनका
मार्गदर्शन को वोह तरस रहे है ,ऐसे में मौलाना सईद मुख्तार साहब ने ,रोज़
छोटी सी तस्दीक़ शुदा हदीस ,क़ुरआनी जानकारी ,अलग अलग तरह से अपनी तकरीरी
विडिओ के ज़रिये ,हम जाहिल लोगों तक ,,हमे इस्लाम की राह पहुंचाने के लिए
शुरुआत की है ,माशाअल्लाह एक एक अल्फ़ाज़ में तस्दीक़ ,तरबियत ,इस्लामिक
तथ्यों के साथ ,गागर में सागर की तरह इनके विडिओ की तक़रीर में रोज़ सीखने को
मिल रहा है , इंशा अल्लाह ,,,,अल्लाह इन्हे इसका अजर देगा ,,,इस्लाम को
पढ़ना ,,इस्लाम को पढाना ,,इस्लाम को सीखना ,, इस्लाम को सिखाना,, एक अलग
बात है ,,लेकिन इसे जीना ,,,,इसे अपनी ज़िन्दगी में अंगीकार करना ,,नामुमकिन
तो नहीं ,,लेकिन ,,बहुत ,,बहुत मुश्किल काम है ,, खुदा का खोफ अगर सीने
में हो ,,अल्लाह और उसके रसूल से प्यार हो ,,तो कोई काम मुश्किल भी नहीं
है ,,,,जब किया इरादा पक्का ,,और यह नामुमकिन काम ,,कोटा के मशहूर ,,मुखर
वक्ता ,,मौलाना सईद मुख्तार ने कर दिखाया है ,,,,मज़हब ऐ इस्लाम ,,,समझना और
समझाना तो ,,,बहुत आसान है ,,लेकिन इसे जीना ,,इसे अपनी ज़िन्दगी में
अंगीकार करना ,,मुश्किल बहुत मुश्किल काम है ,,सईद मुख्तार एक मुदर्रिस भी
है ,,मोलवी भी है ,,मौलाना भी है ,,एक मुक़र्रिर भी है ,,और इस्लाम के एक
स्टूडेंट,,, एक तोलेबा भी है ,,,कोटा ,,कैथून ,,सहित कई प्रमुख मदरसों में
,,इस्लामी शिक्षा के अलम्बरदार रहे ,,सईद मुख़्तार ,,तालीम की शुरुआत से ही
,,खुद को ,,,एक आम मुसलमान बनाने की कोशिशो में जुट गए थे ,,एक आम,आदमी से
,,मुसलमान की तरफ इंसान कैसे मज़बूती से बढ़ता है ,,कैसे हुज़ूर स अ व की हदीस
,,शरीयत ,,उनकी ज़िन्दगी को,, अपने आप में ,,जीने की कोशिश करता है ,,कैसे
खुदा के हुक्म को ,बजाने की ,,सो फीसदी कोशिशो में ,,एक आम आदमी ईमानदारी
से, जुट कर ,,तक़वे और फतवे पर,, चलने की कोशिशो की,, कामयाबी के सफर की तरफ
बढ़ता है ,,यह हुनर सीखने के लिए ,,,आज भी कई इस्लाम के अलम्बरदार ,,इन
मौलाना ,,,सईद मुख़्तार के पास,, सीखने आते है ,,दोस्तों राजस्थान के कोटा
शहर में ,,,यूँ तो मदरसों ,,दारुल उलूम से जुड़े ,,,लोगो की भरमार है
,,लेकिन सईद मुख़्तार वोह शख्सियत है ,,जिनके इल्म ,,जिनके सलीके ,,जिनकी
ज़िन्दगी को देखकर ,,इनका हाथ ,,,चूम लेने ,,इनसे प्यार करने को जी चाहता है
,, तकब्बुर से तना हुआ सर ,,खुद ब खुद इनकी फलाहाबह्बूदगी की हज़ारो हज़ार
दुआओं के लिए ,,,खुदा की राह में झुक जाता है, ,,कोटा के ही नहीं
,,राजस्थान के ही नहीं,,,पुरे हिंदुस्तान के ,,एक आइडियल आइकॉन ,,एक
शख्सियत ,,कोटा शहर क़ाज़ी ,,,अनवार अहमद के बाद ,,दूसरी शख्सियत ,,जिसे मुझे
इस्लामिक आइडियल कहने में ,,कोई गुरेज़ नहीं ,,मेरी निगाह में ,,में
,,मौलाना सईद मुख़्तार को ऐसा ही इस्लामिक आइडियल समझता हूँ ,,में इनका
गुनाहगार भी हूँ ,,कई साल पहले ,,पत्रकारिता जीवन में ,,कुछ लोगो की सुनी
सुनाई बातो को लेकर,, इनके खिलाफ मेरा एक मिजाज़ बना था ,,लेकिन कुछ साल
पहले ,,एक इस्लामिक मुहाफ़िज़ इदारे में ,,,जब हम एक साथ पदाधिकारी थे ,,तो
इनकी क़ुरबत का मौक़ा मिला ,,मेरे दिल में इनके लिए वही ,,इनके बारे में लोगो
द्वारा बनाई गयी छवि थी ,,लेकिन जब इन्हें पढा ,,इन्हें जाना ,,इन्हें
नज़दीक से देखा ,,तो मुझे खुद से नफरत होने लगी ,,,,एक नेक दिल इंसान ,,जो
खुदा और खुदा की राह में,, एक अमन का सन्देश ,,प्यार का सन्देश ,,इस्लाम का
पैगाम ,,,देने के लिए निकला है ,,जो अपना काम ,,बिना किसी लालच ,,बिना
किसी चन्दे ,,बिना किसी बहकावे के ,,कर रहा है ,,वोह शख्स बुरा कैसे हो
सकता है ,,नज़दीक से देखा ,,,तो पता चला ,,यह मुसलमानो को तोड़ नहीं रहे है
,,इस्लाम को बेच नहीं रहे है ,,,,इस्लाम के नाम पर सियासत भी नहीं कर रहे
है ,,,सच मुझ से रहा नहीं गया ,,मेने तोबा की ,,अल्लाह से माफी मांगी और
मौलाना सईद मुख़्तार से मेने ,,मेरे इस गुनाह के बारे में सांझा किया ,,माफ़ी
मांगी ,,खुदा का शुक्र है ,,मोलांना सईद मुख़्तार ने मुझे माफ़ किया ,,इनसे
क़ुरबत के बाद पहचाना ,,,यह तो इस्लामिक इल्म के चलते फिरते ,,,ऍन
साइक्लोपेडिया है ,,यह तो सभी से अलग ,,सभी से जुदा है ,,इस्लाम जीते है
,,इस्लाम पढ़ते है ,,इस्लाम पढाते है ,,फिरक़ो ,,फ़ितनो ,,सियासत और जी हुज़ूरी
से ,,,कोसो दूर रहते है ,,इनका हुस्न ऐ अख़लाक़,,, आम तोर पर खूबूसरत रहता
है ,,,लेकिन जहा सवाल ,,,अल्लाह और उसके रसूल के ,,,उसूलो की हिफाज़त का
होता है,,, तो ,,यह सख्त हो जाते है ,,पुरज़ोर अल्फ़ाज़ों में ,,,यह ऐसी
हरकतों का खुलकर विरोध करते है ,,इनकी तक़रीरों में इस्लाम का जज़्बा
,,तहक़ीक़ी जानकारियां होती है ,,एक इंसान को इस्लाम दीन की तालीम से,,, कैसे
बदला जा सकता है ,,,यह बखूबी जानते है ,क़रीब तीस सालो से ,,,मुदर्रिस का
काम कर रहे ,,,,मौलाना सईद मुख़्तार के ,,,हज़ारो तोलेबा नेकनीयती के साथ
,,अपने अपने कामों को अंजाम दे रहे है ,,इनकी तालीम ,,,एक इबादत है और यह
अपनी तक़रीरों में ,,इसे साबित भी करते है ,,यह सभी के दोस्त है अगर दुश्मन
है,,, तो उन लोगो के ,,जो इस्लाम के नाम पर सियासत करते है ,,, नेताओं
के आगे नतमस्तक रहते है ,,आलिम गिरी छोड़कर ,दुनियावी चमक दमक के ओहदो के
लिए तलवे चाटते है ,झूंठ बोलते है , ,बेवजह चंदाखोरी करते है ,,अल्लाह और
उसके रसूल की हिदायतों को गलत तरीके से ,,,पेश करते है ,कोटा में
,,,,मौलाना सईद मुख़्तार,,, कई सालो से ,,,नांता ईदगाह में ,,,ईद की नमाज़
अदा करवाते है ,,इनकी कोशिशो से ही ,,,यह पुरानी ईदगाह,,, आबाद हो सकी है
,,आज हज़ारो लोग ,,,,इस ईदगाह में नमाज़ पढ़कर खुदा का शुक्र अदा करते है
,,,इनकी तक़रीर में कोई लाग लपेट नहीं ,सिर्फ और सिर्फ,,,, इस्लाम की सीख
होती है ,,आज तक इनकी किसी भी तक़रीर पर ,,,किसी भी आलिम ने ,,,कोई ऊँगली
नहीं उठाई है ,,फिर चाहे वोह आलिम ,,,किसी भी फ़िर्क़े का क्यों न हो ,,कोटा
में सेकड़ो बेहतरीन ईमानदार मौलानाओं में से एक ,,मौलाना सईद मुख़्तार
,,,अफजल और अव्वलीन नज़र आते है ,,, इनकी खासियत है ,,यह अगर ,,विज्ञान नगर
नूरी जामाँ मस्जिद में तक़रीर के वक़्त ,,कोई मस्जिद या मदरसे की मदद के लिए
भी ,,अपील करते है ,,,तो पहले समझाते है ,,कोनसी आमदनी,, इन कामों में लगाई
जा सकती है ,,,बेदाग़ छवि ,,निर्विवाद अंदाज़ ,,न काहू से दोस्ती न काहू से
बेर ,,न किसी के आगे झुकना ,,न किसी को अपने आगे झुकाना ,,इस्लाम की सीख
,,तोर तरीक़ो में,,, किसी भी कीमत पर,, कोई समझौता नहीं करना ,,न सियासत की
गुलामी करना ,,न अफसर शाही को सलाम बजाना ,,सिर्फ खुदा और उसके रसूल की
हिदायतों में खो जाना,,, अगर आम आदमी सीखता है तो इनसे सीखता है ,,,मौलाना
सईद मुख्तार गेर शरही ,,गेर इस्लामिक ,,,हरकतों को लेकर ,,,अपने दर्जे के
मोलवी ,,मौलानाओ ,,तोलेबाओं पर भी बरस जाते है ,,और अगर किसी मामले में ,,,
मौलाना सईद मुख़्तार ने कुछ कहा है ,,तो फिर वोह तहक़ीक़ के साथ होता है
,,उसका कोई विरोध भी करने की हिमाक़त नहीं करता ,,वक़्फ़ की आमदनी से चाय पीना
भी गुनाह है यह सच प्रबन्धन कार्यो में लगे लोगो को मौलाना सईद मुख़्तार ने
ही सिखाया है ,,,,,एक ऐसा मौलाना ,,जो इंसानियत और इल्म मुफ्त में यानी
लोगों की बेहिसाब मोहब्बत और अल्लाह के हुक्म के बदले में बाँट रहा है
,,ऐसे मौलाना को सेल्यूट ,,सलाम ,,आलिमो की कॉन्फ्रेंस में ऐसे मौलानाओ की
हौसला अफ़ज़ाई ,,ईमानदाराना इस्लामिक तब्लीग की कोशिशो को अगर ऐजाज़ी ऐतेबार
से सलाम किया जाने लगे तो एक नया खुशनुमा ,,सन्देश आलिमो को भी मिलेगा
,,,मौलाना सईद मुख्तार अपने उस्तादों का अदब भी करते है और शागिर्दो के
सामने खुद को एक आइडियल के रूप में पेश भी करते है ,,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान


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