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07 मई 2020

,भूखो के लिए ,मसीहा बनकर लगातार काम कर रहे ,विज्ञाननगर कोटा थाना क्षेत्र के निरीक्षक थानाधिकारी अमर सिंह राठोड ने यह कमाल कर दिखाया है

पुलीसिंग विद सोशलिज़्म , यानी पुलिस रुआब के साथ ,समाज सेवा ,,दोनों अल्फ़ाज़ , यूँ तो विरोधाभासी है ,, लेकिन कोरोना संकट के दौरान क़ानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए ,पुलिसिया रुआब के साथ ,ज़रूरतमंदों ,भूखो के लिए ,मसीहा बनकर लगातार काम कर रहे ,विज्ञाननगर कोटा थाना क्षेत्र के निरीक्षक थानाधिकारी अमर सिंह राठोड ने यह कमाल कर दिखाया है ,, अमर सिंह राठोड का समाजसेवा का यह दूसरा चेहरा , अन्य पुलिस अधिकारियों के लिये ,अनुकरणीय भी है ,,प्रशंसनीय भी है ,, उनकी पीठ थपथपाने वाला कारनामा भी है ,,,लोकडाउन में एक तरफ समझाइश और क़ानून का रोबीला डंडा ,है , तो दूसरी तरफ इस लोकडाउन में फंसे ,,भूखे प्यासे ,ज़रूरतमंदों के लिए खाने के पैकेट ,, खाद्य सामग्री के किट ,बीमारों के लिए तत्काल इलाज व्यवस्था का असम्भव को संभव बना देने वाला कारनामा ,,है ,, जी हाँ दोस्तों ,,विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में सामान्य व्यवस्थाओं के तहत ,अपराध नियंत्रण , हत्या , ,चोरी , डकैती की अंधी गुत्थियों को सुलझाने ,लूट के आरोपियों की धर पकड़ ,, मोटर साइकल चोर गिरोह का पर्दाफाश , गोलीबारी के आरोपियों पर शिकंजे के साथ , ,जुआरी ,सटोरिये , अनैतिक कार्यों में लगे गिरोह , की धरपकड़ में ,,थानाधिकारी अमर सिंह राठोड ,इनकी टीम का अपना ऐतिहासिक रिकॉर्ड है ,,लेकिन वर्तमान हालातो में देश कोरोना संक्रमण के संकट में फंसा हुआ है , सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर ,, लोकडाउन पालना ,सहित एडवाइज़री लागू करवाने में , पुलिस की ज़िम्मेदारी ,,है ,विज्ञाननगर कोटा ,जो संवेदनशील एरिया ,है व्यापारी ,दिग्गज सियासत से जुड़े लोग ,, धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़े आयोजक ,,धार्मिक स्थल ,हॉस्टल ,कोचिंग ,सहित सभी तरह की गतिविधियां लगातार ,है ,उनसे सम्पर्क रखना ,,लोगों पर नज़र रखना ,,पुलिस मित्र का धर्म निभाकर ,अमन पसंद लोगों को उनकी ज़िम्मेदारी के साथ ,,शांति व्यवस्था बनाये रखना ,,अपराधियों के मूवमेंट पर कढ़ी नज़र रखकर ,उनको डरा ,धमका कर , समझाइश कर , अपराध से उन्हें दूर रखना ,,यह संतुलन अमर सिंह राठोड ने ,,विज्ञाननगर के सभी बीट क्षेत्रों के निवासित लोगों का अध्ययन कर , उनमे सामंजस्य बिठाने में कामयाबी हांसिल की है , शिकायतकर्ता की सुनवाई ,तुरंत पुलिस कार्यवाही ,अमन ,चेन ,क़ानून व्यवस्था लागू करने के मामले में इन्हे दूसरे थानाधिकारियों ,पुलिस टीम लीडर से विशिष्ठ बना देती ,,है , यह रोज़ मर्रा का काम ,है , लेकिन अचानक लोकडाउन ,,कोरोना के संक्रमण का खौफ ,जेन मंदिर ,अयप्पा मंदिर ,मस्जिद ,मदरसे सहित सभी तरह के बढे धार्मिक स्थल ,, राष्ट्रीय राजमार्ग के गतिविधियां ,,अस्पताल , डिस्पेंसरी ,व्यापरिक केंद्र ,, शादी समारोह स्थल ,हॉस्टल सभी की निगरानी ,,पाबंदियों की पालना ,करवाना ,सड़को पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध , सभी काम अचानक ,मुश्किल काम ,,थे ,यह काम पुलिस के ,खौफ ,पुलिस के डंडे के बगैर संभव भी नहीं ,थे ,,लेकिन अमर सिंह राठोड का सामाजिक समन्वय ,प्रभावशाली पुलिसिंग का ही नतीजा ,है के एक लाठी भी नहीं चली , औऱ व्यवस्थाएं , चाक चौबंद रहकर कायम है, त्योहार हो, शुक्रवार हो, या कोई ओर दिन ,,किसी ने मस्जिद में नमाज़ की ज़िद नहीं की ,,मंदिर में पूजा की ज़िद नहीं की ,, हॉस्टल में बच्चों की व्यवस्था रही ,,लोकडाऊन पालना में हर बीट क्षेत्र में बढे चौराहे ,,गली ,मोहल्लों की आवश्यक सामानों की दुकाने ,मेडिकल ,स्टोर निजी चिकित्स्कों ,,धर्म पूजा सामग्री के विक्रेताओं के बीच कुछ ऐसा चमत्कारिक सामजस्य बिठाया ,के नवरात्री में पूजा भी, घरों में हुई ,, नवरात्रा की सभी सामग्रियां सोशल डिटन्स से उपलब्ध रहीं ,, नमाज़ें भी घरों में पढ़ी जा रही है रमज़ान में ,इफ्तार ,सहरी की ज़रूरत के सामान खूब उलपब्ध है ,, विज्ञाननगर की हर ,सड़क हर गली में खुद ,थानाधिकारी अमर सिंह राठोड ,,कोरोना एवाइज़री समझाइश के साथ कई दर्जन बार निकलते ,टोका टाकी करते है ,,यही वजह है ,के विज्ञाननगर क्षेत्र के अधिकतम लोग स्वअनुशासित हो गए ,,,अमर सिंह राठोड ने विज्ञाननगर थाना क्षेत्र के सभी बीट इंचार्ज से क्षेत्रों में फंसे छात्र ,छात्राओं , प्रवासी मज़दूरों ,,गरीब ज़रूरतमंदो ,,गाड़िया लुहारों ,सहित घुमन्तु ,खुली छत के नीचे रात गुज़ारने वालों का सर्वे करवाया ,,इन ज़रूरतमंदों की कमान , पुलिस के रुआब के साथ ,साथ ,,एक मानवीय सामजिक चेहरा बनाकर , खुद अमर सिंह ने संभाली ,,ऐसे लोगों तक खाने के पैकेट ,ज़रूरत के सामान , ज़रूरत पढ़ने पर इलाज जैसी व्यवथाये पहुंचाना इनकी ,इनके नेतृत्व में पुलिस टीम की प्रथम ज़िम्मेदारी रही ,एक तरफ बेज़ुबान ,जानवरों , कबूतरों के खाने की व्यवस्था ,,इनके इशारे पर होती रही , पार्कों में पेड़ पौधों को ज़िंदा रखने के लिए गार्डनिंग होती रही , तो दूसरी तरफ , आम व्यवस्था के तहत ,समाजसेवकों से मोटिवेशनल कार्यक्रम के तहत ,, आम ज़रूरतमन्दों के खाने के पैकेट ,,खाद्यसामग्री वितरण की सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी बंदिशों की पालना ,की ,जाती रही , यहां गरीबों के लिए राशन की दुकान पर खाद्य सामग्री वितरण है , तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ साथ ,लाभान्वितों पर नज़र ,,विधायक कोष ,,समाजसेवी लोगों द्वारा वितरित किये जाने वाले , लाभान्वित लोगों पर नज़र ,,, तलवंडी चौराहे पर पूर्व पार्षद ईश्वर गंभीर ,,सुरेश गुर्जर ,कपिल शर्मा की खाने की व्यवस्था , तो अतीक मोहम्मद ज़ायक़ा ,,पार्षद शमाँ मिर्ज़ा ,,आसिफ मिर्ज़ा , जिला वक़्फ़ कमेटी सदर साबिर भाटी की खाद्य सामग्री वितरण व्यवथा ,,सरकारी वितरण व्यवस्था ,, टीम आबिद कागज़ी , कोंग्रेस अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी , राखी गौतम ,, अहमद खान ,, अंसारी समाज के लियाक़त अंसारी की वितरण व्यवस्था , पॉपुलर फ्रंट ,, इलियास अंसारी ,,अरशद अंसारी ,जेन समाज ,,राधास्वामी सत्संग सहित सभी लोगों की खाने के पैकेट ,,खाद सामग्री वितरण के बाद ,, जो ओरिजनल ज़रूरतमंद गरीब की सूचि इनके पास बची ,जिनके सर पर छत नहीं ,रहने की जगह नहीं ,भूखे प्यासे ,संजय नगर ,राजमार्ग के किनारे ,कुछ बस्तियों ,में ,जैसे झाड़ू बस्ती वगेरा के कुछ लोग ,छात्र छात्राये ,,सभी के लिए ,,अमर सिंह राठोड ,दयावान बने ,मसीहा बने ,समाजसेवक बने ,,खाद्य सामग्री ,खाने के पैकेट वितरण की दोहरी व्यवस्था न हो ,,इसके लिए ओरिजनल ज़रूरतमन्दों ,भूखो की छानबीन का पुलिसिया नज़रिया ,और फिर इन ज़रूरतमंदों को खाने के ,पैकेट ,खाद्य सामग्री वितरण के लिए मानवीय चेहरा ,,पुलिस के रुआब के साथ , समाज सेवा ,, पुलीसिंग विद सोशलिज़्म ,के विरोधाभास को झुट्लाते हुए नियमित व्यवस्थाएं हो रही है ,,अमर सिंह अपनी क़ानून व्यवस्था ,पुलिसिंग ,गश्ती ,लोकडाउन पालना सुनिश्चित करने , अपराध नियंत्रण की ज़िम्मेदारी के साथ ,साथ ,समय निकालकर ,, ज़रूरतमंदों की प्रथम सर्वेक्षित कैटिगरी जिसमे विधवा ,अशक्त ,दिव्यांग ,, परित्यक्ता ,एकल महिलाओं की प्राथमिकता मदद के बाद ,सर्वेक्षित मज़दूरों बेघर प्रवासियों ,,लोकडाउन में फंसे मज़दूरों ,छात्रों को ,,रोज़ सुबह शाम ,मुस्कुराते चेहरे के साथ क़रीब दो हज़ार खाने के पैकेटों को नियमित ख़ामोशी से वितरण , कर रहे है जबकि अधिकतम ज़रूरतमन्दों को राशन सामग्री ,कुछ नकदी मदद का सिलसिला , विज्ञाननगर क्षेत्र में पुलिस की मानवीयता का चेहरे का इतिहास बनाने के लिए काफी है ,,थानाधिकारी अमर सिंह रोज़ मर्रा 500 के लगभग खाने के पैकेट ,,राधास्वामी सतसंग छत्रपुरा से मंगवाते है ,,700 पैकेट गुरूद्वारे से ,200 पैकेट मुस्कान संस्था से ,,100 पैकेट जेन मंदिर से , बक़ाया कुछ पैकेट अन्य समाजसेवी संस्थाओं से एकत्रित करवाते है ,,ज़िम्मेदारी से चिन्हित ज़रूरतमंदों में , एक विश्वास जाग्रत कर उन्हें पारिवारिक सदस्य बनकर खाना खिलाते है ,कई ज़रूरतमंदों के लिए वोह दानदाताओं से राहतसामग्री लेकर उन्हें वितरित भी करते है ,,जबकि लोकडाउन और कोरोना संक्रमण हमले के दौरान ,चाहे सुधा अस्पताल के ड्राइवर संक्रमण का मामला ,हो ,अनंतपुरा की महिला का संजय नगर में ठहरने की हिस्ट्री की सुचना हो ,,स्केनिंग अभियान हो , कोरोना जांच की टास्क हो , अमर सिंह ने बिना किसी भेदभाव के ,सभी बस्तीवासियों को फ्रेंडली समझाइश कर ,उन्हें बंदिशों में रखने , जांच करवाने , कोरोना टेस्ट करवाने की पूरी ज़िम्मेदारी निभाई है , अल्लाह का शुक्र ,है विज्ञानगर थाना क्षेत्र में सभी तरह के विरोधाभासी विचारधाराओं के नागरिकों के निवासित होने के बाद भी , यहां सुकून रहा ,,कोरोना संक्रमण से विज्ञाननगर महफूज़ है ,,ज़रूरत के सामान , बंदिशों के साथ मिल रहे है ,,कोई भी ज़रूरतमंद ,गरीब भूखा नहीं है ,, यहां अराजकता और विद्रोह की स्थिति नहीं है ,, अमर सिंह थानाधिकारी ने इस विज्ञाननगर क्षेत्र में निश्चित तोर पर अपनी पुलिस टीम ,वरिष्ठ अधिकारीयों के विश्वास ,उनके प्रबंधकीय आशीर्वाद से ,एक तरफ विज्ञाननगर में क़ानून व्यवस्था की सफल कमान संभाली है , निर्विवाद तरीके से विज्ञाननगर के लोगों को कोरोना एड्वाज़री मानने संक्रमण से बचने के लोकडाउन उपाय करने की , स्व अनुशासित साक्षर विश्वस्नीय व्यवस्था की है ,,जबकि पुलिस का एक सेवाभावी ,मानवीय चेहरा सामने रखा है जिसमे , क़रीब दो हज़ार से भी ज़्यादा ,,गरीबों भूखों ,ज़रूरतमन्दों को ,खाने के नियमित पैकेट क़ानूनी व्यवस्थाओं की व्यस्तताओं के बावजूद पहुंचा कर खुद को साबित किया है ,, इनकी यह मानवीयता चेहरे वाली पुलिसिंग एक व्यवस्था बनेगी ,,अगर शोध कार्य ,हो तो पुलिसिंग के साथ ऐसी आफत के वक़्त ,,क़ानून व्यवस्था की सख्ती के साथ पुलिस का ,एक मानवीय संवेदनशील चेहरा कैसे साबित किया ,जाए ,पुलिस एकेडमी में ,अमर सिंह थानाधिकारी के इन अनुभवों के पाठ को ,इस व्यवस्थित ,सामंजस्य को पढ़ाया भी जाना चाहिए , ताकि दूसरे अधिकारी भी इनसे सबक़ लेकर , पुलिस की सख्ती के साथ मानवीयता के चेहरे को प्रमाणित कर सकें , विज्ञाननगर कोटा के थानाधिकारी अमर सिंह को उनके इस ऐतिहासिक मानवीय कार्य के लिए ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव के नाते , मेरी तरफ से ,मेरे साथियो की तरफ ,इक्कीस तोपों की सलामी के साथ ,सेल्यूट ,सलाम ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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