दुनिया को जो इंसाफ को पाठ पढ़ाता है , छोटे छोटे मुद्दों पर जो मैच
फिक्सिंग दिवेट करता है , वो पत्रकार , उनके चेनल का स्टाफ बढ़ी संख्या में
कोरोना पोजेटिव होता है , तब इनकी पत्रकारिता , मानवता , कर्मचारियों की
सुरक्षा , सोशल डिस्टेंसिंग वर्क फ्रॉम होम , की बातें हो जाती है , कोरोना
, चेनल कर्मचारियों में कैसे पहुंचा , कर्मचारी फंसे थे , या छुपे थे ,
कर्मचारियो को चेनल प्रबंधन की तरफ से क्या राहत मिली , उन्हें
क्वारेनटाइन वैतनिक अवकाश , दूसरी राहत मिली , कोरोना चेन का क्या हुआ ,
आर्थिक पैकेज कहां है , चेनल हेड का रवैया क्या रहा , कोई लाइव बहस नहीं ,
कोई ओपिनियन नहीं , खबर नहीं , दुआ है , अल्लाह सब को ठीक करे , सहत्याब
रखे , लेकिन यह यादकराखना चाहिए , कुदरत की अदालत में देर है , अंधेर नहीं ,
इंसाफ का दर्द , बेइंसाफी के साथ किसी को मत दो , रिपोर्टिंग की पॉवर को
बेगुनाहों को टारगेट बनाने का धंधा , थोड़े से लालच के लिए मत बनाओ , अपनी
गलतियाँ , मानो , सुधरो , कोरोना होता है , कोरोना बीमारी होती है , कोरोना
आतंकवाद नही होता , कोरोना का मरीज़ होता है , आतंकवादी या किसी धर्म का
नहीं होतब, अब समझ मे आ गया होगा , एक बार फिर , अल्लाह से दुआ , अल्लाह
सबको माफ करे , सबको सहत्याबी करे , अपनी पनाह , अपनी हिफाज़त में रखे ,,
आमीन, अख्तर
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