मीलों का लंबा सफर कर
रोटी तो बना ली थी
पेट भरने के लिये
भूख से तड़पते
इन बेज़ुबान मज़दूरों ने ,
सिस्टम की लापरवाही से
मोत ऐसी आ गयी
रोटी तो क्या
रोटी का निवाला भी
नसीब न हुआ,
बस चारो तरफ
भूखे मज़दूरों के चिथड़े
चीखें ,
खून के छींटे
तड़पते बिलखते लोग
वोह रेल गाड़ी थी
वोह मालगाड़ी थी
भूखे मज़दूरों को
पटरी पर लाने से बेखबर सरकार
ओर पटरी पर
भूखे मज़दूदों की मौत
फिर सियासत
फिर इल्ज़ामात
कितने निष्ठुर है हम , अख्तर
रोटी तो बना ली थी
पेट भरने के लिये
भूख से तड़पते
इन बेज़ुबान मज़दूरों ने ,
सिस्टम की लापरवाही से
मोत ऐसी आ गयी
रोटी तो क्या
रोटी का निवाला भी
नसीब न हुआ,
बस चारो तरफ
भूखे मज़दूरों के चिथड़े
चीखें ,
खून के छींटे
तड़पते बिलखते लोग
वोह रेल गाड़ी थी
वोह मालगाड़ी थी
भूखे मज़दूरों को
पटरी पर लाने से बेखबर सरकार
ओर पटरी पर
भूखे मज़दूदों की मौत
फिर सियासत
फिर इल्ज़ामात
कितने निष्ठुर है हम , अख्तर


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