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02 मई 2020

*वोट तन्त्र* ...

*वोट तन्त्र* ...!
एक होस्टल में केन्टीन में नास्ते में हर रोज कड़ी चावल मिलने से 100 में से 80 बच्चे परेशान थे.
इन 80 बच्चों ने वार्डन को शिकायत की कि 100 में से 20 बच्चे कड़ी चावल पसन्द करते हैं, बाकी नहीं...!
वो चाहते हैं कि कुछ और भी बनाया जाए...!नास्ता बदलो...
वार्डन बोला वोट डलवा लो, जिसके हक में वोट ज्यादा होंगे, वही बनेगा.
जिनको कड़ी चावल पसन्द थे, उन 20 लोगों ने कड़ी चावल के हक में वोट दिया...!
बाकी 80 ने बिना सलाह मशवरा किए अपना अपना वोट अपनी अपनी पसंद के खाने को दिया...!!
*18 ने डोसा* ..
*16 ने परांठे* ..
*14 ने दही बडा* ..
*12 ने ब्रेड बटर* ..
*6 ने न्यूडल..*
*4 ने सांबर डोसा.* ..
*5 ने छोले भटूरे* ...!
*5 ने पूरी छोले को वोट दिया*

*अब सोचो क्या हुआ!*
*कड़ी चावल वाले जीत गए* ....
अब भी केन्टीन के 80 बच्चे कह रहे हैं कि हमें अपनी पसन्द का खाना नहीं मिलता, हम कड़ी चावल से परेशान हैं ..!।
बस यही लोगों के साथ लोकतंत्र में होता है,
अगर 20 मंदबुद्धि किसी मंदबुद्धि को वोट दें और बाकी 80 इसी तरह ही बांटकर अपनी अपनी डफली बजाते हैं तो सरकार 20 मंदबुद्धि लोगों की बन जाती है।
🙏🙏🙏
जय भारत जय संविधान

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