तुम क्या जानों , मज़दूरों का दर्द क्या है ,,,तुमने तो शार्ट कट अपना कर
,मुद्दों से भटका कर सत्ता हांसिल की है ,तुम नीतियों को ,विकास को
,ज़रूरतमंदों की ज़रूरतों को क्या समझोगे ,तुमने सिर्फ विरोध किया है ,, बदले
की भावना से काम किया है ,, तुमने तो सिर्फ खिलाफ बोलने वालों के मुंह बंद
किये है , योजनाबद्ध तरीके से उनका मुंह बंद करने की साज़िशों के तहत ,पेड़
वर्करों से ,,उनकी खिल्ली उड़ाई है ,तुम सुझाव ,विरोध के स्वर सुन्ना ही
नहीं चाहते ,तुम देश की ओरिजनल तस्वीर देखना ही नहीं ,चाहते तुम
से क्या उम्मीद करे ,तुम देश को सुधारना ही नहीं चाहते ,,अभी भी कुछ नहीं
बिगड़ा है ,बहुत वक़्त है ,चिंतन करो ,मंथन करो ,हालातों पर ,सर्वदलीय
,सर्वधर्मीय बैठकों बुलाओ , उनके सुझाव लो ,सभी आवश्यक सुधार करो ,अपने
पेडवर्करों को कहो , सड़क पर चलते मज़दूरों की मदद करने वालों , उनकी
समस्याएं उजागर करने वालों का मज़ाक़ मत उढाओ ,,समस्याओं से सभी को बचाओ ,मिल
जुलकर काम करो ,अभी देश को आप अकेले जो आपकी पुरानी नीति है ,हरगिज़ संभाल
नहीं सकते ,,,,देख लो ,मायावती की मूर्तियों का , उसके उद्यान का फ़िज़ूल
खर्ची बताकर तुमने मुक़दमा किया था ,आज तुम्हारी तीन हज़ार करोड़ रूपये की
विदेश चीन में बनी मूर्ति अकेली वीरान खाड़ी है ,और कांग्रेस के बनाये हुए
अस्पतालों में , कोरोना मरीज़ों को ज़िंदगियाँ मिल रही है ,,, सत्ता में तुम
हो ,,रहो , लेकिन देश के बारे में सोचो ,उद्योपतियों ,,को तो खूब सहारा दे
दिया ,,सहारा को ही देख ,लो उसने देश के लोगो के रूपये हड़प कर टालमटोल
करते हुए ,, सभी लोगों को बेसहारा कर रखा है ,,उद्योगों के लिए राहत
,मज़दूरों की सड़कों पर फ़ज़ीहत ,उनकी दिक़्क़तों की अनदेखी ,पैकेज के नाम पर
सिर्फ भाषणबाज़ी ,कागज़ी बातें ,,इधर का उधर ऋण एडजस्टमेनेट ,, जमा रुपया
कहाँ किस मद में खर्च किया इसकी पारदर्शिता पर रोक ,,इसके हिंसाब किताब
दिखाने पर रोक , अब नहीं चलेगी ,,कहाँ कितनी जगह सेवा में आप लोगों के
पेरेंटल संगठन थे ,,देश ने देखा है ,,कितना रुपया कहाँ मदद के लिए दिया
,देश ने देखा है ,,तो आदरणीय सत्ता पक्ष के लोगों प्लीज़ ,राज्यों को उनके
हिस्से की जी एसटी राशि दो ,,, उनके हिस्से की विकास राशि दो ,, ईमानदार
बनो ,,मददगार बनो ,,अगर अनुभव नहीं है ,तो अनुभवी लोगों से सलाह ले लो
,,लोकतंत्र का सम्मान करों ,संविधान का सम्मान करो ,,प्रतिपक्ष के लोगों से
भी ज़रा कुछ टिप्स ले लो , अच्छे सुझाव हो तो लागू करो ,,बुरे सुझाव हो तो
मत लागू करो ,तो जनाब ज़रा आत्मचिंतन करो ,जो कुछ आपने खुद को सभी तरह की
जानकारी में पारंगत समझ कर ,देश को नुकसान पहुंचाया है ,पहुंचा दिया ,, बस
अब तो सम्भल जाओ ,इस देश में सुझावों के साथ ,, इस देश की समस्याओं को
समझो ,देश को आगे बढ़ाओ ,मिल जुलकर आगे बढ़ाओ ,, एक दूसरे को नीचा दिखाने से
देश आगे हरगिज़ नहीं बढ़ेगा ,,,,, बातें बहुत हो गयीं ,भाषण बहुत हो गए ,मन
की बात बहुत हो गयी ,आओ अब मिलकर रचनात्मक काम करे ,,एक दूसरे के अनुभवों
को मिलकर बांटे ,,कुछ आडवाणी साहब से मशवरा करे तो कुछ मुरलीमनोहर जोशी से
सीखे ,,कुछ मनमोहन सिंह से सींखे तो कुछ सोनिया जी से टिप्स ले ,,कुछ लालू
जी से तो कुछ यशवंतसिंहा से तो कुछ दूसरे वरिष्ठ लोगों से सलाह मशवरा करो
,चुनाव आएंगे फिर एक खूब अलग अलग रहकर ,अपने अपने मुद्दे गिनाकर बिना
नफरत फैलाये चुनाव लड़ लेना ,,जीतो तो जीत जाना ,सत्ता चला लेना ,लेकिन इस
देश ,इस देश के मज़दूर ,इस देश की जनता ,इस देश के सुकून ,इस देश की खुशहाली
को तो मिलजुलकर बचा लो यार ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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