माशाअल्लाह
जैसा नाम वैसी ही काम की ज़िम्मेदारी , हाकम खान , यानी सरकारी महकमे के
हाकम ,,, लेकिन उनके कामकाज का तोर तरीक़ा ,, हुक्म चलाने वाला ,नहीं सिर्फ
,ज़िम्मेदारियों से ज़िम्मेदारियों को समझाकर अनुशासित तरीके से , अपने
अधीनस्थों से ,, आम जनता के हक़ के सभी अटके हुए सरकारी काम तुरतं करवाकर
उन्हें राहत दिलवाना है ,, जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ , जोधपुर के
,फलोदी में अतिरिक्त जिला कलेक्टर पद पर अनुशासित तरीके से अपनी
ज़िम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे ,,हाकम खान की , हाकम खान जिनका आज जन्म
दिन ,सालगिराह भी है ,, कोरोना संक्रमण के दौरान वोह फलोदी में ,दिन रात
अपनी ज़िम्मेदारियों से जुड़कर , लोकडाउन ,, कफ्र्यूग्रस्त क्षत्रों में
कर्फ्यू की पालना के साथ ,ज़रूरतमंदों को उनके घर तक,, हर तरह की सुविधाएँ
,खाने के पैकेट , सूखी राशन सामग्री ,चिकित्सा व्यवस्थाएं पहुंचती रहे
इन्हे ज़िम्मेदारियों के सुखद अनुभवों के साथ वोह आज अपने साथियों ,
पारिवारिक मित्रों से जन्म दिन की बधाइयाँ , मुबारकबाद ले रहे है ,,, आज ही
के दिन 18 मई 1974 अलवर ज़िले में जन्मे हाकम खान के साथ हमेशा इनकी माँ
श्रीमती रहमानी बेगम की दुआएं है ,,वोह हमेशा हाकम खान को अनुशासन के साथ
ज़िम्मेदारियों का पाठ भी पढ़ाती रही है ,,गरीबों ,ज़रूरतमन्दों के प्रति
इंसाफ के संघर्ष का भी पाठ इन्हे पढ़ाया गया है ,इसीलिए हाकम खान , कहने को
नाम से चाहे हाकम हों ,चाहें खान हों ,,चाहे सरकारी महकमे में हाकम ,यानि
अधिकारी , अफसर के पद पर तैनात हों ,लेकिन इनके स्वभाव ,, कार्यव्यवहार ,
इनकी ज़िम्मेदारी निर्वहन ,अनुशासन के लहजे में रुआब नहीं ,,मिठास सिर्फ
मिठास होती ,है ,चेहरे पर मुस्कुराहट , कर्त्तव्यनिष्ठा की दृढ़ता इन्हे ,
अपने अधीनस्थों से समयबद्ध अनुशासित काम काज करवाने में सक्षम बनाती है
,,इनके दफ्तर में किसी भी वाजिब काम के लिए , सिफारिश ,,या नानुकुर नहीं है
,,पत्रावली में अनावश्यक अड़ंगे बाज़ी से इन्हे नफरत है ,,हर ज़रूरतमंद की
पत्रावली इनके दफ्तर में ,, विधिक व्यवस्थाएं अगर पूरी है ,,तो तुरंत
निस्तारण का इनका हर पोस्टिंग का प्रशासनिक रिकॉर्ड है ,, अनेकों बार अपने
प्रशासनिक कार्यों की अत्यंत व्यस्त ज़िम्मेदारियों से जब ,, हाकम खान , थक
जाते है ,, तो ईमानदारी के हौसले ,ज़िम्मेदारी की कामयाबी की रहमतों के
साथ इनकी माँ श्रीमती रहमानी बेगम की दुआएं इनके साथ होती हैं , उनका हाथ
इनके सर पर होता है ,,जबकि इनकी शरीक ऐ हयात ,ज़रीना खान ,इनके पुत्र सनोबर
खान ,पुत्री नसीम खान ,, का साथ , काम के अतिरिक्त बोझ की थकान तुरंत
उतार देती है , और हाकम खान फिर से रिचार्ज ,होकर अपनी प्रशासनिक
ज़िम्मेदारियों में जुट जाते ,,है , अलवर में पले ,बढ़े हाकम खान की स्कूली
शिक्षा भी अव्वल ,, कॉलेज शिक्षा भी अव्वल और फिर राजस्थान प्रशासनिक सेवा
की परीक्षा में भी अव्वल इन्हे दूसरे लोगों से अलग ,थलग बना देती है ,,आप
सुस्त कर्मचारियों में ,, मुस्कुरा कर ,एक जुमला जो उनके लिए अनुशासित
मंत्र साबित होता है ,,समझाकर उन्हें सुधारते है ,, वोह कहते है ,, महनत हर
क़र्ज़ का भुगतान करती है , लेकिन सुस्ती ,, आलस्य क़र्ज़ को बढ़ाता है ,, खुद
को अनुशासन के प्रति संकल्पबद्ध रखकर वोह कहते है , कहते ही नहीं , वोह
इन अल्फ़ाज़ों को ,अपनी ज़िंदगी में ईमानदारी से एक सफल मंत्र की तरह जीते है
,वोह अपने जीवन में ,समय की पाबंदी ,और कर्म के प्रति ज़िम्मेदारी के वचन
की पालना को जीते ही नहीं ,रोज़ ,,हर रोज़ ,अपनी ड्यूटी वक़्त में ज़िम्मेदारी
से करके दिखाते है ,, आप अधिकारी कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष भी हैं
,,वर्तमान में जोधपुर के फलोदी में , कामयाब कोरोना योद्धा ,, कोरोना
कर्मवीर बनकर ,ज़िम्मेदारी से कोरोना नियंत्रण के प्रति गंभीर ,है ,, जबकी
ज़रूरतमंदों को ,खाने ,, पीने सहित ,चिकित्सा वगेरा की आवश्यक सुविधाएं
तत्काल उपलब्ध हों , इसके लिए वोह उदार भी ,हैं ,,रहम दिल भी हैं
,ज़िम्मेदार भी हैं ,,हाकम खान इतिहास में मास्टर डिग्री लेकर , इतिहास में
ही बी ऐड में अव्वल रहे ,,इन्होने इतिहास में एम ऐ के बाद ,,राजनीती
विज्ञान में भी अव्वलीन नंबर से ,एम ऐ किया है ,, हाकम खान का प्रशिक्षण
कार्यकाल वर्ष 2011 में जयपुर रिपा में शुरू हुआ , फिर नागौर में प्रशिक्षु
सहायक कलेक्टर पद पर कार्यरत रहकर झालावाड़ सिंचाई विभाग में एल ऐ ओ पद
संभाला ,, हाकम खान धौलपुर बाड़ी में एस डी एम रहे ,,वहां से रानीवाड़ा जालोर
में एस डी एम रहकर बीकानेर में विजिलेंस आयुक्त कोलोनाइजेशन पद पर
कार्यरत हुए ,, , हाकम खान अजमेर विकास प्राधिकरण में ज़िम्मेदार रहे ,अब
हाकम खान , राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहजिले की फलोदी में
अतिरिक्त जिलाकलेक्टर के पद पर , माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ,गाँधी
दर्शन ,, ईमानदारी ,अनुशासन ,ज़िम्मेदारी ,जवाबदारी , पारदर्शिता ,, हर
गरीब ज़रूरतमंद की सुनवाई के मंत्र को अंगीकार कर सफलता से अपना
प्रशासनिक कार्य करने में जुटे है ,,,हाकम खान को उनकी योम ऐ पैदाइश पर हर
क़दम पर ,हर प्रशासनिक व्यवस्थाओं में हर जगह , कामयाबी ,खुशहाली ,सह्तयाबी
,, उम्रदराज़ी ,हर जगह इनका इक़बाल बुलंद रहे की पुरखुलूस दुआओं के साथ बधाई ,, मुबारकबाद ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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