माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ग्रह ज़िले जोधपुर में संभागीय आयुक्त बी
एल कोठारी की 31 मई को सेवानिवृत्ति है ,लेकिन अलग अलग ज़िलों में , अलग
अलग विभागों में इनकी नियुक्ति कार्यकाल में इनके द्वारा बनाया गया परफेक्ट
, कार्यप्रणाली मॉडल ,,राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था में लगभग हमेशा
जारी रहेगा ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ बी एल कोठारी संभागीय
आयुक्त जोधपुर की ,जिनमे अफसर शाही ,,लाठ साहबी ,,बिलकुल नहीं सिर्फ सादगी
,,गरीबों ,ज़रूरतमंदों की हमदर्दी ,,ईमानदारी ,तत्काल त्वरित पत्रावलियों का
निस्तारण ,व्यवस्थित अनुशासन ,समय की पाबंदी ,कार्य के प्रति गंभीरता
,ज़िम्मेदारी ,इनकी कार्यशैली रही है , जोधपुर में हाल ही में कोरोना
संक्रमण के हॉट स्पॉट के वक़्त भी ,,बी एल कोठारी के नेतृत्व में ,आसपास के
संभागीय ज़िले ,खासकर जोधपुर जिला कलेक्टर सहित सभी प्रशासनिक अधिकारीयों
के साथ ,,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों पर ,कोरोना संक्रमण को
पछाड़ने की ऐसी रणनीति बनाई गयी ,,जिसकी क्रियान्विति होते ही ,जोधपुर हॉट
स्पॉट होने पर भी ,संक्रमण कंट्रोल व्यवस्था में ,,एक मॉडल जिला बन गया ,,
प्रशासनिक व्यवस्था के चलते चुनौतियां आती है , लेकिन इन चुनौतियों को
महसूस कर इनका मुक़ाबला करना ,, इन्हे हराना ,,नियंत्रित करना ,यही कुछ ,
प्रशासनिक अधिकारी ,जोधपुर संभागीय आयुक्त ,, कोठारी के प्रशासनिक मॉडल
में है ,,बेदाग छवि ,निष्पक्ष प्रशासनिक कार्यों ,तटस्थ प्रबंधन ,के साथ
,बी एल कोठारी के कार्यकाल के अनुभव इनकी नियुक्ति से सेवानिवृत्ति तक
अनुकरणीय है ,,बी एल कोठारी का जन्म चाहे भीलवाड़ा में 11 अगस्त 1959 को हुआ
हुआ प्रारम्भिक शिक्षा इनकी भीलवाड़ा में हुई ,लेकिन कोठारी कोटा ज़िले के
अलग अलग प्रशासनिक पदों पर नियुक्त रहने के दौरान कोटा के ही होकर रह गए
,,11 अगस्त 1987 को इनकी जीवन संगिनी के साथ इनका विवाह बंधन हुआ ,,इनके
दो प्रतिभावान ,अनुशासित ,विनम्र पुत्र रौनक कोठारी पुत्री अनुकृति कोठारी
की कामयाबी ने भी इनकी परवरिश को साबित कर दिखाया है ,,, बी एल कोठारी का
अव्वलीन नंबरों से राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ ,प्रशिक्षण के वक़्त
ही इनकी प्रशासनिक कार्यप्रणाली ने वरिष्ठ अधिकारीयों को प्रभावित कर लिया
था ,, सभी विभागों में ,अधिकतम ज़िलों में कोठरी सफलतम प्रशासनिक अधिकारी
रहे ,कोटा में बी एल कोठारी ,ऐ डी एम सीटी रहे ,यहां इन्होने हथियारों की
लाइसेंस प्रणाली को व्यवस्थित किया ,जबकि प्रिंट मीडिया के प्रकाशन
,घोषणापत्र ,शीर्षक मंगवाने की प्रणाली को विधिवत तरीके से सरलीकरण किया
,जो मॉडल आज भी चल रहा है ,, हथियारों के लाइसेंस की व्यवस्थाये भी कोठरी
मॉडल पर ही चल रही है ,,,, कोठारी कोटा में राजस्व अपील अधिकारी के पद पर
जब नियुक्त हुए तो इन्होने वर्षों से पेंडिंग पढ़े अनावश्यक मुक़दमों का थोक
में निस्तारण किया ,पीड़ित किसानों को त्वरित न्याय मिले इसके लिए
राजस्वमंडल से दिशा निर्देश प्राप्त कर सुनवाई की प्राथमिकता का विधिक
सरलीकृत त्वरित मॉडल तैयार किया जो आज यथावत है ,,ऐ डी एम प्रशासन ,,
रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी ,अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सहित कई महत्वपूर्ण पदों
पर रहे ,,चिकित्सा विभाग में इन्होने नर्सिंग कर्मचारियों , चिकित्सकों के
प्रबंधन का बेस्ट मॉडल तैयार किया ,जबकि कलेक्टर कार्यकाल में इनके
प्रशासनिक ज़िले में आज भी इनके मॉडल का अनुकरण है ,,जनसम्पर्क विभाग में
पत्रकारों ,समाचार पत्रों , ,अधिस्वीकरण ,पत्रकार कल्याणयोजना लाभ ,,सरकारी
योजनाओं ,खबरों का अधिकतम प्रकाशन कैसे सम्भव हो ,इसके लिए भी कोठारी ने
इनके कार्यकाल के दौरान कार्ययोजना तैयार की थी ,,अब कोरोना संक्रमण काल की
हॉट स्पॉट चुनौती वोह भी माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ग्रह ज़िले में
निश्चित तोर पर चुनौतीपूर्ण कार्य ,, लेकिन सरकार के मार्दर्शन
,दिशानिर्देश , के चलते इस चुनौतीपूर्ण कोरोना कंट्रोल व्यवस्था को , विकट
हालातों में भी बी एल कोठारी ने कुशल प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत बखूबी
निभाया ,है ,अधीनस्थ अधिकारीयों से इनका मित्रतापूर्ण कितनी अनुशासित
कर्त्वयबद्धता का व्यवहार ,इन्हे कर्मचारियों का प्रशासनिक अधिकारी के
अलावा हमदर्द मित्र भी बना देता है , इनके अधीनस्थ ,इनके हमदर्दाना व्यवहार
,ईमानदारी ,कर्तव्यनिष्ठा ,समय की पाबंदी , तत्काल पत्रावलियों का
निस्तारण प्रक्रिया ,उसे कार्यव्यवहार के प्रति सद्व्यवहार अधीनस्थों को
इनका फेन बनाने के लिए काफी है ,,,, भीलवाड़ा महावीर स्कूल में प्रारम्भिक
शिक्षा ग्रहण कर ,,कोठारी ने एम एल वी कॉलेज से एम कॉम अर्थशास्त्र में
किया ,,यह राजस्थान विश्व विद्यालय में एकाउंटेंसी के व्याख्याता रहे , यह
भीलवाड़ा ट्वेल्थ बोर्ड में सर्वाधिक अंक लाकर मेरिटोरियस स्टूडेंट रहे
हैं ,,बी एल कोठारी मेरे निजी जानकार होने से इन्हे मेने नज़दीक से देखा
,है इनकी कार्यशैली को नज़दीक से देखा है ,,पत्रावलियों का बिना किसी
भेदभाव ,सिफारिश के त्वरित निस्तारण ,, ठीक घड़ी देखकर सुबह 9 बजकर 25 मिनट
पर कार्यालय में उपस्थिति ,,कार्यालय में ज़रूरतमंदो पर पर्ची देकर घंटो
बिठाने की अफसरशाही की रिवायत नहीं ,बिना पर्ची के तुरतं मिलना , ऐसे
लोगों का काम अगर हो सकने वाला है तो तुरंत करना , नहीं तो रास्ता बताकर
माफ़ी चाह लेना इनका स्वभाव है ,, किसी पार्टी ,किसी सियासत , किसी स्थानीय
नेता ,पत्रकारों से कोई विशिष्ठ दिलचस्पी नहीं ,,लेकिन सभी का अदब ,,
सम्मान ,हमेशा इनके दिल में रहा है ,कोठारी ने कभी भी ,,ड्रायवर बत्ती वाली
सायरन बजाती हुई गाडी ,गनमेन , कार का दरवाज़ा खोलने वाला एक कर्मचारी
का दिखावा नहीं किया ,,ऐसी व्यवस्था से हमेशा इन्होने खुद को दूर रखा है
,,कोटा में यह अलग अलग महत्वपूर्ण पदों पर रहे ,लेकिन जब भी यह अपने घर
सिविल लाइन से कोटा दफ्तर में आते तो पैदल आते ,इनके खुद के हाथों में इनकी
ज़रूरी पत्रावलियां होती ,कोई दिखावा ,कोई सरकारी वाहन नहीं ,, इनकी ऐसी
सादगी पर कोटा के कई ईमानदार टीम के कर्तव्यनिष्ठ फ़िदा था ,अभी भी इनके
फेन , क़ानून व्यवस्था के वक़्त कई बार कुछ तल्खमिजाज़ अधिकारीयों से भी इनका
पाला पढ़ा , लेकिन उनकी हर तल्खमिजाज़ी को इन्होने नज़र अंदाज़ कर खुद को इनके
प्रशासनिक प्रबंधंन में खुद को आकाश कर लिया ,बी एल कोठारी चाहे जोधपुर
संभागीय आयुक्त है , लेकिन वर्तमान में यह कोटा बेस्ड अधिकारी हो जाने से
अब यह कोटा के ही होकर रह गए है ,और कोटा के निवासियों को इनके सद्कार्यों
,सुझावों ,प्रबंधन अनुभवों से बहुत उम्मीदें है ,, कोठारी को इनके
अनुकरणीय कार्यों के लिए बधाई मुबारकबाद ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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