एक
कोट सफ़ेद कोट ,,अल्लाह ,ईश्वर के बाद लोगों की ज़िंदगियाँ बचाना ही जिसका
धर्म है ,यह न हिन्दू है न मुसलमान है ,,,न क्रिश्चियन है ,न सिक्ख है
,,बस यह इस दुनिया में अल्ल्लाह ,ईश्वर के बाद दूसरा ज़िंदगी देने वाला
भगवान ,है ,, गिनती के अपवादों को छोड़ दिया जाए तो यह सफेद कोट चाहे डॉक्टर
का हो चाहे नर्सिंग स्टाफ का ,,यह सिर्फ बिमारी का इलाज कर ,ज़िंदगी ही
देता है ,ऐसे में बिमारी चाहे हिन्दू मुस्लिम हो जाए ,,तुम और हम चाहे इनका
अपमान कर बैठे लेकिन ,,यह फिर भी अपना अपमान तिरस्कार भुलाकर ,फिर से ऐसे
लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने में लग जाते ,है जो उनसे अभद्रता करते है ,,,उनके
साथ मारपीट करते है ,उनका अपमान करते है ,ऐसे सफेद कोट के दुनिया के
भगवानों को सेल्यूट तो बनता है ,लेकिन वर्तमान हालातों में जब देश संकट के
दौर से गुज़र रहा ,है संक्रमण बिमारी कोरोना ,का क़हर लगातार जारी है
,लोकडाउन ज़बरदस्त है , ब्रेकडाउन की तरफ हम जा रहे है ,, दो बार आदरणीय
प्रधानमंत्री साहिब ,,राष्ट्र के नाम संदेश देकर ,ताली थाली ,,बजवा रहे है
,, इक्कीस दिन मांगे है ,,अब उन्होंने मोमबत्ती टोर्च के लिए कहा है ,,खेर
वोह देश के प्रधानमंत्री है ,उन्हें जितनी भी हमारी फ़िक्र है ,और जितना भी
उनका देश के लिए प्रबंधन है वोह कर रहे है ,लेकिन अफ़सोस की बात है ,के देश
में अलग अलग स्थानों पर ,इस सफेद कोट की जान जोखिम में है ,संक्रमण से कुछ
चिकित्सक ,, नर्सिंग कर्मी अपनी जान भी गँवा चुके है तो कुछ ज़ेरे इलाज है
,,अल्लाह उन्हें जल्दी सेहतयाब करे ,,डॉक्टर्स के साथ ,,नर्सिंग स्टाफ के
साथ ,,मारपीट ,अभद्रता करने पर तो मुक़दमा दर्ज है ,,लेकिन देश भर में
कोरोना योद्धा सफ़ेद कोट के लिए हमारी सरकार ने क्या विशिष्ठ सुरक्षात्मक
उपाय किये ,यह हमे जानना ज़रूरी है ,इनका अपना परिवार है ,इन्हे खुद को
संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षित यूनिफॉर्म किट की ज़रूरत है ,क्या वोह
हमारी सरकार इन्हे दे पायी है ,इन सफेदकोट वालों को ,देश को कोरोना संकट से
बचाने के लिए मरीज़ों के इलाज के लिए ,उपकरण ,,जांच किट ,स्टाफ ,वेंटिलेटर
,,अतिरिक्त भत्ता ,,सुविधाएं चाहिए ,लेबोरेट्री चाहिए ,जाँच के सभी उपकरण
चाहिए ,नियमित रिसर्च वर्क चाहिए ,,क्या सरकार इस सफेद कोट को संक्रमण के
इलाज में खुद को बचाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं ,व्यवस्थाएं ,पर्याप्त बजट
,,दे पायी है , क्या सरकार इन चिकित्सकों को अपने अपने शहरों के अलग अलग
चिकित्सालय में ,जांच उपकरण ,प्रयोगशालाए ,कोरोना जांच की व्यवस्थाएं
,,इलाज के लिए वेंटिलेटर ,सुविधाएं दे पायी है ,,क्या राष्ट्र के नाम संदेश
में ऐसी प्रार्थमिकता नहीं होना चाहिए ,,क्या कोरोना वाइरस से लड़ने के लिए
लोकडाउन के अलावा ,,संक्रमित लोगों के इलाज ,उनकी जांच की त्वरित
सुरक्षित व्यस्थाओं में चिकित्सकों को पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं मिलना
चाहिए ,राज्य अपने स्तर पर कर रहे है ,,लेकिन कितना कर पाएंगे ,,जो सीमित
साधन है ,,जो व्यस्थाएं ,जो बजट है ,उसमे वोह जो कर्मचारियों का
,अधिकारीयों का ,खुद मंत्रियों का वेतन काटकर ,,या फिर दान लेकर ,या फिर
विधायक कोष से ,जो कुछ कर पा रहे है कर रहे है ,महरबानी कीजिये ,अभी
लोकडाउन के कार्यकाल में इंशाअल्लाह यह सफेद कोट ,कोरोना के खिलाफ अधिकतम
जंग जीत ,लेंगे लेकिन , लोकडाउन के बाद ,जब शहर खुलेंगे ,संक्रमण संदिग्ध
रहेगा ,,लोगों का उतावलापन नुकसान पहुंचाएगा ,तब भी तात्कालिक
आपातव्यस्थाओं को ,,बेहतर से बेहतर बनाये रखना है ,,यह सफेद कोट तो भूख
प्यास की परवाह किये बगैर ,,अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात ,मरीज़ों के
इलाज में अपने आपको समर्पित कर सकता है ,,लेकिन व्यवस्थाएं ,,अतिरिक्त बजट
,अतिरिक्त सुविधाएं ,और आम जनता को संक्रमित होने से रोकने के लिए
सेनेटराइज़र तो उपलब्ध घर घर करवाना केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी होना ही
चाहिए ,चलिए मास्क तो स्वस्थ व्यक्ति के लिए ज़रूरी नहीं स्वास्थ्य विभाग की
एड्वाज़री से हम सहमत है ,लेकिन चिकित्स्कों को प्लीज़ खुद के लिए ,और इलाज
के लिए व्यस्थाएं ,सुविधाएं तो मिलना ही चाहिए ,,मिलेंगी के नहीं ,पर्यापत
सुविधाएं ,पर्याप्त सुरक्षित संरक्षण व्यवस्था ,वर्ना सीमित व्यवस्थाओं के
चलते इस सफेद कोट ने ,पुरे भारत में खासकर राजस्थान के जयपुर ,,भीलवाड़ा में
तो कमाल ही ,किया है ,,उत्तरप्रदेश ,, आंध्रप्रदेश ,दिल्ली ,,,सहित कई
राज्यों में यह सफेद कोट शाबाशी का हक़दार है ,,यह अब सिमित व्यवस्थाओ के
तहत ,घर घर स्क्रीनिंग के लिए ,प्रशासन के साथ निकला है ,,इनकी मदद कीजिये
,यह इनके लिए नहीं ,आपकी ,आपके परिवार की ,आपके पडोसी की ,आपके ,शहर आपके
राज्य ,आपके देश की ज़िंदगी ,देश की सुरक्षा के लिए निकले है ,,,इनसे लड़ो मत
,इनके सामने खुलकर अपनी बिमारी इनसे शेयर करे ,यह निरोगी काया ,स्वस्स्थ
भारत का पैगाम लेकर आपके सामने आये ,,हैं ,,इनका अभिवादन कीजिये ,स्वागत
कीजिये ,,इन्हे जयहिंद कहिये ,,,इन्हे ज़िंदाबाद कीजिये ,अपने साथ इनके लिए
,इनके परिवार के लिए भी दुआ कीजिये ,, ,आप किसी भी पार्टी के हो ,किसी भी
नेता के चहेते हों ,अपने लिए ,देश के लिए ,,इन सफेद कोट वालों को पर्याप्त
व्यवस्था दिलवाने के लिए ,,मेल करें ,,डिमांड करे ,हो सके तो लेटलतीफी के
लिए रचनात्मक आलोचना भी कीजिये ,,मजबूर कीजिए की इधर उधर की बात न हो ,वोह
यह बताये की क़ाफ़िला क्यों लुटा ,चलो ,यह नहीं बताये के क़ाफ़िला क्यों लुटा
,लेकिन अब जो बचा है ,उसे बचाने के लिए तो उन्हें बहुत कुछ करना है ,जो
उन्होंने क्या कुछ किया यह पूँछिये ,और क्या कुछ करना चाहते है ,यह भी उनसे
,पूँछिये अगर चिकित्स्कों की डिमांड ,उनके सुझाव के मुक़ाबिल उन्हें दी
जाने वाली मदद ,घोषणा अपर्याप्त है ,,तो फिर अपने ही नेताओं को मजबुर
कीजिये ,इन कोरोना योद्धाओं को ,,,हथियार ,दीजिये मदद दीजिये ,पैकेज दीजिये
,ताकि ,हमारे देश से कोरोना का जड़ से सफाया हो सके ,प्लीज़ इसमें अपना
,पराया ,,आलोचना ,,,जाति धर्म ,,समाज ,,समुदाय ,सियासत ,एक दूसरे के खिलाफ
नफरत मत लाइए ,पेड़ मीडिया ,पेड़ आलोचक ,पेड़ टिप्पणीकारों से मेरी विनती है
,प्लीज़ सिर्फ एक सप्ताह ,,,अपने पेड़ एकतरफा सिस्टम को त्यागकर
,,राष्ट्रधर्म निभा लें ,सही को सही कहे ,,केंद्र सरकार को ,अपनी राज्य
सरकारों को ,जो भी हो बिना किसी भेदभाव के रचनात्मक सुझावों के साथ
मार्गदर्शित करें ,ज़िंदगी रहे तो फिर सियासत कर ,लेंगे ,, ज़िंदगी रही तो
फिर लड़ लेंगे ,,ज़िंदगी रही तो फिर पैकेज में आकर जो चाहो कर लेना ,जो चाहों
लिख लेना ,प्रसारित ,प्रचारित कर लेना ,,,बस प्लीज़ ,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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