कहावत है ,किसी भी दर्द में , सच्चे हमदर्द की पहचान होती है ,,,,सच्चा
हमदर्द ,हर दर्द में हमेशा ,साथ खड़ा होकर मुक़ाबला करता है ,मदद करता ,है ,,
अपने लोगों से हमदर्दी का यही जोश ,,कोटा के,शिक्षाविद ,,चिंतक , समाजसेवक
,अमित धारीवाल ने ,इन दिनों कोटा की हर गली ,हर मोहल्ले में पहुंचकर
,पीड़ित लोगों के दुःख दर्दों में शामिल होकर उन्हें संकट से बचाने के लिए
दिखाया ,है ,, अमित धारीवाल खुद किसी नाम के मोहताज नहीं है ,राजस्थान के
तेज़तर्रार ,विकास के वीज़न ,स्वीकारित विकास पुरुष धारीवाल के इकलौते पुत्र ,
पूर्व उद्योगमंत्री रिखब चंद धारीवाला के पोत्र है ,शांती धारीवाल ,जिला
प्रमुख रहे ,,लोकसभा सदस्य रहे ,,राजस्थान सरकार में तीसरी बार महत्वपूर्ण
विभागों में मंत्री है , लेकिन राजनीती से अलग थलग ,,मुस्कुराता चेहरा ,हाथ
जोड़कर अपनों से अपनेन की तरह अभिवादन ,और फिर अपने होटल ,पर्यटन ,,नर्सिंग
कॉलेज ,स्कूल के शैक्षणिक विकास कार्यक्रमों सहित ,समाजसेवा कार्यों में
लग जाना इनका निजी शोक है ,,,वर्तमान हालातों में देश ,,राजस्थान सहित
,कोटा संकट के दोर में है ,ऐसे में अमित धारीवाल कैसे घर में बैठे रहते
,उनका सेवाभाव जज़्बा ,,नेतृत्व का उनका वंशानुक्रम स्वभाव जाग्रत हुआ ,वोह
घर में बैठने की जगह ,ऐसी में आराम करने की जगह ,,कोटा की सभी छोटी बढ़ी
बस्तियों में घूमने लगे ,खतरनाक कोरोना वाइरस के खिलाफ जंग में ,,प्रशासन
की तरफ से जारी एडवाइज़री की पालना खुद ने भी की ,और दूसरों को भी इस
एडवाइज़री की पालना के लिए उत्साहित किया ,,अमित धारीवाल कोटा उत्तर
विधानसभा क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों की कच्ची बस्तियों में ,,गरीब बस्तियों
में , ज़रूरतमंदों की बस्तियों में ,,खुद पहुंचे ,उनकी ज़रूरतें जानी ,वक़्त
पर उन्हें भोजन मिला ,या नहीं ,भोजन की क्या व्यवस्था है ,,अनेक जगह पर
उन्होंने समाज सेवा , और भोजन वितरण प्रबंधन में लगे लोगों ,,कांग्रेस के
कार्यकर्ताओं के कार्य को भी आकस्मिक चेक किया ,लोगों की शिकायते सुनी
,कहते है ,दान देने वाले उदार होते है ,कई भोजन शालाओं में खुद व्यक्तिगत
रूप से जाकर हालात देखे ,कमी पूर्ति का लेखा जोखा देखा ,और बंद मुट्ठी से
मदद कर वहां से चल दिए ,,अमित धारीवाल अस्पताल की इलाज जांच व्यवस्था सहित
,,हर शख्स की ज़रूरतों से सीधे जुड़े रहे ,वोह रोज़ मर्रा ,कोरोना एडवाइज़ के
तहत ,,मुंह पर मास्क लगाकर हाथों में सेनेटाइजर लगाते हुए सोशल डिस्टेंस की
पालना के साथ ,,घूमते रहे है ,वोह कहते है ,,,इस वक़्त ,ऐसी ज़रूरत में ,हर
ज़रूरतमन्द का रोटी का हक़ है , कोई भी शख्स भूखा न सोये ,,उसकी हर ज़रूरत
इस संकट काल में पूरी हो ,,ऐसी निगरानी निर्देशों के बाद वोह हर ब्लॉक जो
उन्होंने सेवाभाव दृष्टि से बनाकर ज़िम्मेदारियाँ दी है वोह खुद जाकर चेक
करते है ,अभी अस्पताल में ,चिकित्स्कों की इलाज में ज़रूरी सामानों की
डिंमांड थी ,,खुद अमित धारीवाल ने इसे गंभीरता से लिया ,पत्र लिखे ,मेल
किये ,टेलीफोन पर व्यवस्थाओं से ज़िम्मेदारों को अवगत कराया और ,तुरंत
डॉक्टरों को उनकी ज़रूरत और सुरक्षा का सामान राज्य सरकार से स्वीकृत हो गया
,,,अमित धारीवाल इस संकट के दोर में ,,सर्वधर्म समभाव के तहत गुरुद्वारे
में भी माथा टेक रहे है ,तो दरगाहों ,आस्थानों में भी सर झुकाकर खुशहाली
,सह्तयाबी की दुआए मांग रहे है ,वोह मंदिर में भी भगवान से प्रार्थना कर
रहे है ,तो गुड फ्राइडे पर ईस्टर को भी याद कर रहे है ,भगवान महावीर के आगे
भी इस संकट से मुक्ति दिलाने के लिए वोह श्रद्धाभाव से दुआएं मांग रहे है
,,,अमित धारीवाल की विनम्रता ,लोगों से लगातार सद्व्यवहार ,,उनके लगातार
सम्पर्क में रहकर ,उनकी ज़रूरत बनकर हमदर्द बनने की खामोश कार्यशैली ,बंद
मुट्ठी से मददगार बनाकर काम करने के जज़्बे ने ,उन्हें आज लोगों के बीच में
,अमित धारीवाल से अमित भैया जी कर दिया है , लोग इनके इस विनम्र स्वभाव ,
बिना किसी सियासी प्रतिफल के ,,सेवाभाव जज़्बे को सेल्यूट करते है ,,और उनके
आगे जो छोटे है वोह दुआओं के लिए सर झुका रहे है ,जो बढे है ,वोह उन्हें
कामयाबी ,बुलंदियों से भी बुलंदियों पर जाने की दुआओं के साथ आशीर्वाद के
लिए हाथ आगे बढ़ा रहे है ,,अमित धारीवाल के इस दर्द भरे माहौल में सभी का
हमदर्द बनकर ,,,,जो सेवाकार्य है वोह इस संकट से जूझ रहे ,,सभी लोग ,बिना
किसी पार्टी ,, पॉलिटिक्स ,जाति ,,धर्म सम्प्रदाय के याद रखेंगे ,,,अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)