बहुत गलत फहमियां
हैं मुझ में ,,
सोचता हूँ ,,
एक ना एक दिन तो
अपना बना लूंगा तुम्हे ,
कोशिश करता रहूँगा ,
इंशा अल्लाह
यह सच ज़रूर होगा ,, अख्तर
हैं मुझ में ,,
सोचता हूँ ,,
एक ना एक दिन तो
अपना बना लूंगा तुम्हे ,
कोशिश करता रहूँगा ,
इंशा अल्लाह
यह सच ज़रूर होगा ,, अख्तर

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